मधुबनी : डीइओ
श्यामा नंद चौधरी का लिपिकों और अन्य कर्मियों के तबादले का आदेश अधर में
लटक गया है. जहां कुछ कर्मियों ने डीइओ के आदेश के आलोक में नये जगह पर
जाना शुरू कर दिया है, वहीं कई कर्मी अपने पूर्व के स्थान पर ही जमे हुये
हैं. इससे लिपिकों व अन्य कर्मियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
शिक्षा कार्यालयों में हलचल सी मची है.
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क्या है मामला
जिला शिक्षा पदाधिकारी श्यामा नंद चौधरी ने डीपीओ स्थापना कार्यालय के
लिपिक रंजन कुमार, सुधीर कुमार मिश्र, आनंद कुमार मिश्र को जिला शिक्षक
नियोजन अपीलीय प्राधिकार और डीपीओ योजना एवं लेखा कार्यालय में तबादला किया
था.
वहीं डीपीओ योजना एवं लेखा कार्यालय के लिपिक रिजवान अहमद, नरेश
प्रसाद का पदस्थापना डीपीओ स्थापना कार्यालय में किया. जिला शिक्षक नियोजन
अपीलीय प्राधिकार के लिपिक विनोद कुमार का पदस्थापना डीपीओ स्थापना
कार्यालय में किया था.
इसके अलावे जिला शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मी राम मंगल शरण चौधरी,
शुभ चंद्र पासवान, महावीर मंडल, श्याम रजक, विजय कुमार ठाकुर, मिथिलेश
कुमार झा, अनिल कुमार लाल, विनय कुमार झा, कालीकांत झा और कैलाश पोद्दार को
भी इधर से उधर किया था. कुछ कर्मी तो डीइओ के आदेश पर नये पदस्थापन संभाग
में चले गये पर कई नहीं गये. जबकि डीइओ ने तीन दिनों के भीतर डीपीओ को सभी
लिपिकों व कर्मियों को योगदान के लिये विरमित करने का निर्देश दिया था.
इस बीच जिला पदाधिकारी गिरिवर दयाल सिंह ने डीपीओ स्थापना द्वारा
समर्पित आवेदन पर विचार करते हुये जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा किये गये
प्रतिनयोजन आदेश पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी है.
डीपीओ स्थापना फैयाजुर रहमान ने डीएम को लिखा था कि उनके कार्यालय से
तीन लिपिकों सहित चार कर्मियों का प्रतिनियोजन डीइओ द्वारा अन्य कार्यालय
में कर दिये जाने से कार्यालय के गति में अवरोध होने की संभावना है. डीएम
ने मामले को गंभीरता से लेते हुये जिला शिक्षा पदाधिकारी को कर्मियों के
प्रतिनियोजन से संबंधित संचिका, डीपीओ स्थापना कार्यालय में कितने कर्मी
हैं और कब से पदस्थापित हैं सहित अन्य कागजातों को देने का आदेश दिया. डीएम
ने 21 मई 2015 को डीइओ के आदेश पर रोक लगा दी.
डीइओ ने डीएम को लिखा पत्र
डीएम द्वारा डीइओ के प्रतिनियोजन आदेश पर रोक लगाने के बाद 23 मई 2015
को जिला शिक्षा पदाधिकारी श्यामानंद चौधरी ने डीएम गिरिवर दयाल सिंह का
पत्रंक 1237 के माध्यम से कहा है कि डीपीओ स्थापना ने उनसे कभी भी कार्य
अवरुद्ध होने की संभावना से संबंधित सूचना मौखिक या पत्र के द्वारा उन्हें
नहीं दी गई. डीइओ का कहना है कि यदि उनसे डीपीओ स्थापना की समस्या का
समाधान नहीं होता तब उन्हें डीएम के समक्ष मामले को रखना चाहिये था.
डीएम को लिखे पत्र में डीइओ ने यह भी कहा है कि शिक्षकों एवं कर्मियों
से संबंधित सेवांत लाभ एवं उच्च न्यायालय से संबंधित याचिका के निष्पादन
में हो रहे विलंब को देखते हुये लिपिकों व अन्य कर्मियों का संभाग परिवर्तन
किया गया. डीइओ ने यह भी लिखा है कि सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों व
कर्मियों के निष्पादित मामलों की सूची उन्हें नहीं दी जा रही है. डीइओ ने
डीएम से अनुरोध किया है कि वे एक वर्ष पूर्व से लेकर आने वाले छह माह की
निष्पादित मामलों की सूची डीपीओ स्थापना से मांगें.
असमंजस में है लिपिक व कर्मी
डीएम द्वारा डीइओ के आदेश पर रोक लगने से उन कर्मियों में खुशी है, जो
नये संभाग में नहीं जाना चाहते थे. पर जो जाना चाहते हैं वे असमंजस में
हैं. हालांकि डीएम गिरिवर दयाल सिंह ने आदेश में स्पष्ट कहा है कि डीइओ के
पत्रंक 1138 दिनांक 12 मई 2015 के माध्यम से जारी आदेश पर तत्काल अस्थाई
रूप से रोक लगायी जाती है.
डीएम ने कहा है कि डीइओ से प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद सम्यक
निर्णय लिया जायेगा. पर जिले के शिक्षा विभाग के लिपिकों व अन्य कर्मियों
जिनका संभाग बदल दिया गया है वे असमंजस में हैं. वे डीएम के नये आदेश के
इंतजार में हैं. आगे क्या होगा कहना मुश्किल है पर लिपिकों व कर्मियों के
डीएम के अगले आदेश का इंतजार है.
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