पूर्णिया
[राजीव कुमार]। बिहार के कोसी प्रमंडल के 60 हजार नियोजित शिक्षकों पर
निगरानी जांच की आंच पहुंचने लगी है। निगरानी ने प्रमाण पत्रों की जांच
शुरू कर दी है। पटना उच्च न्यायालय ने 18 मई को सीडब्ल्यूजेसी 15459/ 2014
की सुनवाई के बाद सूबे में बहाल सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की
जांच निगरानी विभाग को चार सप्ताह के अंदर पूरा करने का आदेश दिया था। इसके
बाद हर जिले में निगरानी विभाग के एक अधिकारी को प्रमाण पत्र की जांच के
लिए तैनात किया गया है।
निगरानी विभाग ने शिक्षा विभाग को सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र जांच के लिए हर हाल में 30 मई तक सौंपने का निर्देश दिया है। प्रमाण पत्र नहीं सौपने वाले शिक्षकों के वेतन भुगतान पर एक जून से रोक लगाने को कहा गया है।
निगरानी ने प्रथम चरण में सभी जिलों में प्लस टू विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच शुरू कर दी है। पूर्णिया में 175, कटिहार में 155, अररिया में 83 एवं किशनगंज में 93 शिक्षक नियोजित हैं। इसी तरह सहरसा में 115 एवं मधेपुरा में 67 शिक्षक नियोजित हैं। इसके अलावा पूर्णिया में 7312 प्राथमिक एवं 346 माध्यमिक शिक्षक हैं। कटिहार में 7549 प्राथमिक एवं 293 माध्यमिक शिक्षक कार्यरत हैं।
निगरानी को जांच के लिए अब तक जो प्रमाण पत्र मिले हैैं, वे कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक के शिक्षण संस्थानों के हैैं। इसके अलावा कई नियोजन इकाइयां, जिनके द्वारा शिक्षकों को नियोजित किया गया है, विभाग को ढूंढे भी नहीं मिल रही हैं। कई नियोजन इकाइयों के यहां से तो नियोजन की मुख्य संचिका तक गुम हो गई है। निगरानी द्वारा कई बार प्रमाण पत्र मांगे जाने के बाद भी कई नियोजन इकाइयों द्वारा प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं।
निगरानी के डीएसपी तारणी प्रसाद ने बताया कि हर जिले में प्रमाण पत्रों की जांच के लिए निगरानी विभाग के एक अधिकारी को कमान सौंपी गई है। प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने में बरती जा रही उदासीनता को देखते हुए निगरानी विभाग ने प्रमाण पत्र जमा करने के लिए 30 मई की आखिरी समय सीमा दी है।
- See more at: http://www.jagran.com/bihar/patna-city-vigilance-investigation-have-reached-to-60-thousand-teachers-12412763.html#sthash.4Rumtyxs.dpuf
पूर्णिया [राजीव कुमार]। बिहार के कोसी प्रमंडल के 60 हजार नियोजित शिक्षकों पर निगरानी जांच की आंच पहुंचने लगी है। निगरानी ने प्रमाण पत्रों की जांच शुरू कर दी है। पटना उच्च न्यायालय ने 18 मई को सीडब्ल्यूजेसी 15459/ 2014 की सुनवाई के बाद सूबे में बहाल सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच निगरानी विभाग को चार सप्ताह के अंदर पूरा करने का आदेश दिया था। इसके बाद हर जिले में निगरानी विभाग के एक अधिकारी को प्रमाण पत्र की जांच के लिए तैनात किया गया है।निगरानी विभाग ने शिक्षा विभाग को सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र जांच के लिए हर हाल में 30 मई तक सौंपने का निर्देश दिया है। प्रमाण पत्र नहीं सौपने वाले शिक्षकों के वेतन भुगतान पर एक जून से रोक लगाने को कहा गया है।
निगरानी ने प्रथम चरण में सभी जिलों में प्लस टू विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच शुरू कर दी है। पूर्णिया में 175, कटिहार में 155, अररिया में 83 एवं किशनगंज में 93 शिक्षक नियोजित हैं। इसी तरह सहरसा में 115 एवं मधेपुरा में 67 शिक्षक नियोजित हैं। इसके अलावा पूर्णिया में 7312 प्राथमिक एवं 346 माध्यमिक शिक्षक हैं। कटिहार में 7549 प्राथमिक एवं 293 माध्यमिक शिक्षक कार्यरत हैं।
निगरानी को जांच के लिए अब तक जो प्रमाण पत्र मिले हैैं, वे कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक के शिक्षण संस्थानों के हैैं। इसके अलावा कई नियोजन इकाइयां, जिनके द्वारा शिक्षकों को नियोजित किया गया है, विभाग को ढूंढे भी नहीं मिल रही हैं। कई नियोजन इकाइयों के यहां से तो नियोजन की मुख्य संचिका तक गुम हो गई है। निगरानी द्वारा कई बार प्रमाण पत्र मांगे जाने के बाद भी कई नियोजन इकाइयों द्वारा प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं।
निगरानी के डीएसपी तारणी प्रसाद ने बताया कि हर जिले में प्रमाण पत्रों की जांच के लिए निगरानी विभाग के एक अधिकारी को कमान सौंपी गई है। प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने में बरती जा रही उदासीनता को देखते हुए निगरानी विभाग ने प्रमाण पत्र जमा करने के लिए 30 मई की आखिरी समय सीमा दी है।
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निगरानी विभाग ने शिक्षा विभाग को सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र जांच के लिए हर हाल में 30 मई तक सौंपने का निर्देश दिया है। प्रमाण पत्र नहीं सौपने वाले शिक्षकों के वेतन भुगतान पर एक जून से रोक लगाने को कहा गया है।
निगरानी ने प्रथम चरण में सभी जिलों में प्लस टू विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच शुरू कर दी है। पूर्णिया में 175, कटिहार में 155, अररिया में 83 एवं किशनगंज में 93 शिक्षक नियोजित हैं। इसी तरह सहरसा में 115 एवं मधेपुरा में 67 शिक्षक नियोजित हैं। इसके अलावा पूर्णिया में 7312 प्राथमिक एवं 346 माध्यमिक शिक्षक हैं। कटिहार में 7549 प्राथमिक एवं 293 माध्यमिक शिक्षक कार्यरत हैं।
निगरानी को जांच के लिए अब तक जो प्रमाण पत्र मिले हैैं, वे कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक के शिक्षण संस्थानों के हैैं। इसके अलावा कई नियोजन इकाइयां, जिनके द्वारा शिक्षकों को नियोजित किया गया है, विभाग को ढूंढे भी नहीं मिल रही हैं। कई नियोजन इकाइयों के यहां से तो नियोजन की मुख्य संचिका तक गुम हो गई है। निगरानी द्वारा कई बार प्रमाण पत्र मांगे जाने के बाद भी कई नियोजन इकाइयों द्वारा प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं।
निगरानी के डीएसपी तारणी प्रसाद ने बताया कि हर जिले में प्रमाण पत्रों की जांच के लिए निगरानी विभाग के एक अधिकारी को कमान सौंपी गई है। प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने में बरती जा रही उदासीनता को देखते हुए निगरानी विभाग ने प्रमाण पत्र जमा करने के लिए 30 मई की आखिरी समय सीमा दी है।
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