बांका। पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई द्वारा लिखित आदेश देने के बाद भी
अबतक शिक्षक नियोजन से संबंधित अभिलेखों को जमा नहीं किया गया है। इससे
अधिकारियों में निराशा है। संबंधित नियोजित इकाईयों पर गाज गिरने की
संभावना है। जानकारी मिली है कि बीईओ राम गुलाम गुप्ता ने डीईओ व स्थापना डीपीओ के
पास सीधे हाथ खड़ा कर वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया है। बीईओ ने खेद के साथ
कहा है कि पंचायत नियोजन इकाई व प्रखंड नियोजन इकाई द्वारा 2006 से जितने
भी नियोजन किये है। उसका अभिलेख नहीं मिल रहा है।
बताया जा रहा है कि जिस समय में शिक्षकों का पंचायत में नियोजन किया गया था। उस दौरान पंचायत सचिव व मुखिया कोई और थे। वर्तमान में पंचायत सचिव व मुखिया के पास कागजात ही अपटूडेट नहीं है। जिस कारण से अभिलेख जमा करने में असमर्थता जाहिर किया है। सबसे बुरा हाल हरचंडी अमहारा व सकहारा पंचायत की है। पंचायत सचिव सहदेव रजक गबन के मामले में फरार है। इस कारण दंडाधिकारी की उपस्थिति में ताला तोड़कर प्रभार लेने की प्रक्त्रिया में बीडीओ है। ज्ञात हो कि सकहारा पंचायत में नियोजन के दौरान पंचायत सचिव विन्देश्वरी राय व मुखिया अरूण कुमार सिंह थे। पंचायत सचिव सेवानिवृत हो गए। उसके बाद चन्द्रशेखर पाडेय एवं दिनेश पासवान सचिव रह चुके है। इस संदर्भ में वर्तमान मुखिया आनंदी मांझी भी बताने की स्थिति में नहीं है। बीईओ श्री गुप्ता ने बताया कि निगरानी विभाग व शिक्षा विभाग द्वारा 42 बिंदुओं पर उपलब्ध कराये गये विहित प्रपत्र का संधारण इस कारण नहीं हो रहा है।
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बताया जा रहा है कि जिस समय में शिक्षकों का पंचायत में नियोजन किया गया था। उस दौरान पंचायत सचिव व मुखिया कोई और थे। वर्तमान में पंचायत सचिव व मुखिया के पास कागजात ही अपटूडेट नहीं है। जिस कारण से अभिलेख जमा करने में असमर्थता जाहिर किया है। सबसे बुरा हाल हरचंडी अमहारा व सकहारा पंचायत की है। पंचायत सचिव सहदेव रजक गबन के मामले में फरार है। इस कारण दंडाधिकारी की उपस्थिति में ताला तोड़कर प्रभार लेने की प्रक्त्रिया में बीडीओ है। ज्ञात हो कि सकहारा पंचायत में नियोजन के दौरान पंचायत सचिव विन्देश्वरी राय व मुखिया अरूण कुमार सिंह थे। पंचायत सचिव सेवानिवृत हो गए। उसके बाद चन्द्रशेखर पाडेय एवं दिनेश पासवान सचिव रह चुके है। इस संदर्भ में वर्तमान मुखिया आनंदी मांझी भी बताने की स्थिति में नहीं है। बीईओ श्री गुप्ता ने बताया कि निगरानी विभाग व शिक्षा विभाग द्वारा 42 बिंदुओं पर उपलब्ध कराये गये विहित प्रपत्र का संधारण इस कारण नहीं हो रहा है।
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