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Bihar News: शिक्षा मंत्री बोले- बिहार में दस लाख नौकरी देने में शिक्षा विभाग की होगी बड़ी भागीदारी

 राज्य ब्यूरो, पटना। शिक्षक दिवस पर श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में सोमवार को समारोह में शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने 20 शिक्षक-शिक्षिकाओं को राजकीय पुरस्कार से सम्मानित किया। संबंधित शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र,

स्मृति चिह्न, अंगवस्त्र एवं 15 हजार रुपये के चेक देकर पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर शिक्षक कल्याण कोष में अधिकतम राशि जमा कराने वाले तीन जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इनके अतिरिक्त मुंगेर जिला के मध्य विद्यालय हवेली खगड़गपुर में पदस्थापित शारीरिक शिक्षक चंदन कुमार को अंग वस्त्र, प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। उन्हें यह विशिष्ट पुरस्कार बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल प्रतियोगिता में लान बाल में रजत पदक विजेता होने के कारण दिया गया।

शिक्षा मंत्री ने शिक्षक अभ्यर्थियों से धैर्य रखने की अपील करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दस लाख नौकरी और दस लाख रोजगार देने की घोषणा की है। नौकरी में शिक्षा विभाग की बड़ी भागीदारी होगी। जितने विभाग हैं सबमें नौकरी व रोजगार सृजन पर सरकार तेजी से काम कर रही है। इससे पहले शिक्षा मंत्री ने दीप जलाकर समारोह का उद्घाटन किया और अपने भाषण की शुरुआत गुरु वंदना से की। 

शिक्षा मंत्री का केंद्र पर आरोप, समग्र शिक्षा की राशि रोक रखी 

प्रो. चंद्रशेखर ने केंद्र सरकार पर राज्यों की हिस्सेदारी देने में देरी करने और विकास कार्यों में बाधा डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस चालू वित्त वर्ष में समग्र शिक्षा समेत अन्य योजनाओं की राशि रोक लगी है। इससे शिक्षा संबंधी योजनाओं के क्रियान्वयन बाधित हो रहा है। उन्होंने केंद्र को आगाह किया कि यदि भारत को सोने की चिड़िया बनाना है तो बच्चों की पढ़ाई में बाधा नहीं डाले। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग का 51 हजार करोड़ का बजट है, जिसमें 40-41 हजार करोड़ रुपये वेतन में खर्च हो जाते हैं। 

दीपक बोले, बच्चों को पढ़ाई जाएगी सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी 

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने शिक्षकों से महान शिक्षाविद और पूर्व राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन से प्रेरणा लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि बच्चों को सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी पढ़ाई जाएगी। उन्होंने राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए शिक्षकों और विद्यार्थियों को प्रेरित किया। कहा कि आज जो बच्चे यहां बैठे हैं वहीं आने वाले समय में बिहार और देश के भविष्य होंगे। 

राजकीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों के नाम 

राजकीय पुरस्कार से कैमूर के शिक्षक अनिल कुमार और धीरज कुमार, दरभंगा के रवि रौशन कुमार व चंद्रमोहन पोद्दार, अररिया के अजय कुमार व युगेश झा, औरंगाबाद के  सुमंत कुमार, मधुबनी की शिक्षिका डा. मीनाक्षी कुमारी, अरवल के डा.ज्योति कुमार, गया के विवेक कुमार, समस्तीपुर के अखिलेश कुमार, सीतामढ़ी के शशिकांत कर्ण, बगहा की शिक्षिका रहमत यास्मीन तथा नुसरत जहां, नवादा की श्वेता सिन्हा, भोजपुर की आशा पाण्डेय, पश्चिम चंपारण की मेरी आडलिन, सिवान की डा. शोभा कुमारी, बांका की सुरभि रानी, किशनंगज की जुही कुमारी।

राष्ट्रीय पुरस्कार से दिल्ली में पुरस्कृत हुए दो शिक्षक 

दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पटना जिले के खुसरूपुर की शिक्षिका निशि कुमारी और सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज के शिक्षक सौरव सुमन को सम्मानित किया।  

सम्मानित किए गए डीईओ 

नालंदा के केशव प्रसाद को प्रथम पुरस्कार, पटना के अमित कुमार को द्वितीय पुरस्कार और पश्चिम चंपारण के रजनीकांत को तृतीय पुरस्कार दिया गया। 

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