नियोजित शिक्षकों के हड़ताल अवधि का वेतन भुगतान पिछले नौ महीनों से लंबित है। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रखंड अध्यक्ष साकेत कुमार सिंह ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि मांगों को लेकर वर्ष 2019 के 17 फरवरी से 31 मार्च कुल 44 दिनों तक शिक्षकों ने हड़ताल किया था। शिक्षकों के हड़ताल अवधि का सामंजन पिछले साल
अक्टूबर माह में ही पूरा हो चुका है। बावजूद इसके जिले के एक भी शिक्षक को अबतक हड़ताल अवधि का वेतन नहीं मिल सका है। कहा कि विधान परिषद में जदयू पार्षद संजीव श्याम सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सभी नियोजित शिक्षकों के हड़ताल अवधि का वेतन भुगतान कर दिए जाने की बात कही है, जो सदन को गुमराह करने वाली बात है। सत्र संचालन के दौरान विधानमंडल में पूछे जाने वाले सवाल का उत्तर देने से पहले माननीय मंत्री जी को सभी जिले के जिला शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट तलब कर लेना चाहिए था। तभी वास्तविक स्थिति का पता चल पाता। बेगूसराय जिले में सर्व शिक्षा निधि से आच्छादित एक भी शिक्षक के हड़ताल अवधि का वेतन भुगतान अभी तक संभव नहीं हो पाया है। कहा कि इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले विधानसभा चुनाव के पूर्व ही नियोजित शिक्षकों के वेतन में अप्रैल 2021 से 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि की घोषणा की थी किन्तु अभी तक शिक्षकों को इसका भी लाभ नहीं मिल पाया है। सरकार की इस वादाखिलाफी से शिक्षकों में रोष व्याप्त है। कहा कि कोरोना जैसे वैश्विक महामारी के समय में भी नियोजित शिक्षकों ने राज्य सरकार के हर आदेश का पालन कोरोना वारियर्स के रूप किया लेकिन महामारी के इस दौर में भी उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सरकार से हड़ताल अवधि के अविलंब वेतन भुगतान तथा 15 प्रतिशत के वेतन बढ़ोत्तरी का लाभ सभी नियोजित शिक्षकों को शीघ्र देने की मांग की है।Bihar Teachers News , BTET , BPSC , SSC , Shikshak Niyojan updates