सिद्धार्थनगर: दिल्ली के सांसद और भोजपुरी सिने स्टार मनोज तिवारी मृदुल ने सोमवार की रात दैनिक जागरण से विशेष बातचीत की। कहा, गांव का अधिकांश युवा वर्ग भटकाव की तरफ है। उन्हें स्किल डेवलपमेंट की जरूरत है। काम के लिए युवाओं को स्वाभिमानी बनना होगा। इसके लिए वह खुद भी उत्तर प्रदेश और बिहार के युवाओं को स्वावलंबी बनाने का काम शुरू कर रहे हैं। जो प्रतिभाएं दबी हैं उन्हें फलक पर लाने का पूरा प्रयास होगा।
मनोज कपिलवस्तु महोत्सव में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। एक घंटे तक एक होटल में उन्होंने न केवल खुलकर बात की बल्कि महोत्सव के लिए एक गाना भी तैयार किया। जो बुद्ध की माटी से जुड़ा रहा।
उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर भी जोर दिया। कहा, मैं खुद दो बेटियों का पिता हूं। बेटियों की सफलता पर मुझे गर्व की अनुभूति होती है। कहा बुनियादी शिक्षा में बेहतरी की जरूरत है। शिक्षकों को चाहिए कि वह बच्चों को अनुशासन का पाठ बढ़ाएं। उनमें संस्कार भरना बहुत जरूरी है। उन्होंने
काम के लालायित युवाओं को व्यवहार में परिवर्तन लाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि वह हर हाथ को काम हर जेब को दाम थीम पर काम कर रहे है। गाजीपुर से इसकी शुरूआत भी कर दी है। इसके लिए उन्होंने एक डेवलपमेंट सेंटर भी खोला है। जिसके माध्यम से युवाओं को स्किल के साथ ही आचरण व व्यवहार का भी ज्ञान दिया जाएगा। जिससे कि युवा जो भी नौकरी करें वहां पर व लंबे समय तक टिक सकें।
दो वर्ष तक रहा ड्राइवर
मनोज ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि बड़ा बनने के लिए योग्यता के साथ साथ धैर्य की भी जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि योग्यता होते हुए भी मैंने दो वर्ष तक किसी के ड्राइवर के रूप में काम किया। जब मौका मिला तो मेरी प्रतिभा को सभी ने पहचाना और उसे उचित सम्मान मिला।