उच्च विद्यालय कैंदी सिंहपुर की डीईओ ने की जांच, कक्षा 9 से 12 तक कुल नामांकन 1,559, उपस्थिति 217
विद्यालय ग्रांट की राशि कागजों पर होती खर्च, विद्यालय में गंदगी का
अंबार, डीईओ करेंगी अभिलेखों की जांच संवाद सहयोगी, लखीसराय : सरकारी
स्कूलों में नामांकित बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने एवं बेहतर शैक्षणिक
वातावरण का निर्माण कराने को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा हर सप्ताह सरकारी
स्कूलों को चिह्नित करके शिक्षा पदाधिकारियों से निरीक्षण एवं जांच करवाया
जा रहा है। लेकिन जिले के कतिपय विद्यालयों में अब भी कुल नामांकन के
अनुपात में बच्चों की उपस्थिति काफी निराशाजनक रहती है। खासकर वर्ग 11 एवं
12 में नामांकन सौ फीसद है लेकिन उपस्थिति शून्य रहती है। जब लाभुक आधारित
योजना की राशि लेने की बारी आती है तो प्रधानाध्यापकों के द्वारा अधिकांश
छात्रों की 75 फीसद उपस्थिति बनाकर सूची भेज दी जाती है। मतलब 75 फीसद की
उपस्थिति की आड़ में भी फर्जीवाड़ा का खेल खेला जाता है। निदेशक माध्यमिक के
निर्देश पर डीईओ सुनयना कुमारी ने 16 अक्टूबर को उच्च विद्यालय कैंदी
सिंहपुर की जांच की तो ऐसा ही मामला सामने आया है। डीईओ ने प्रभारी
प्रधानाध्यापक रंजना कुमारी को लाभुक आधारित प्राप्त राशि एवं वितरण की
कैशबुक एवं अन्य अभिलेख के साथ तलब किया है।
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नामांकन 1,559 उपस्थिति मात्र 217 : विद्यालय में कक्षा 9 में कुल
नामांकन 412 में उपस्थिति 162, कक्षा 10 में कुल नामांकन 340 में उपस्थित
44, कक्षा 11 में कुल नामांकन 396 में उपस्थिति मात्र 09, कक्षा 12 में कुल
नामांकन 411 उपस्थिति मात्र 02 थी। यानी कुल नामांकन 1,559 में उपस्थिति
मात्र 217 थी।
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कागजों पर खर्च की जाती है विद्यालय ग्रांट की राशि : शिक्षा विभाग हर
वर्ष सभी विद्यालयों को विद्यालय ग्रांट की राशि देता है। यह राशि शौचालय,
पेयजल, स्वच्छता पर खर्च की जाती है। डीईओ ने जब विद्यालय की जांच की तो
पूरे परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ था। शौचालय में भी गंदगी पसरी थी।
विद्यालय के छात्रों ने डीईओ को बताया कि हमलोगों को शैक्षणिक परिभ्रमण पर
भी नहीं ले जाया जाता है। इस मामले में डीईओ ने डीपीओ लेखा योजना से
परिभ्रमण राशि की रिपोर्ट मांगी है।