सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड के 24 शिक्षकों का नियोजन गुरुवार को रद्द
कर दिया गया। प्रमंडलीय आयुक्त सफीना ए. एन. ने आरडीडीई को नयोजन रद्द कर
विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया।
प्रभारी आरडीडीई डा. तकीउद्दीन अहमद ने बताया कि प्रमंडलीय आयुक्त के आदेश के आधार पर शिक्षकों का नियोजन रद्द किया जा रहा है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। विभाग के मुताबिक कन्या मध्य विद्यालय नवहट्टा, मध्य विद्यालय मुरादपुर, मध्य विद्यालय मोहनपुर, मध्य विद्यालय भकुआ, म. विद्यालय चौतारा, मध्य विद्यालय औरिया रमौती में ये शिक्षक पदास्थापित थे।
विभाग के मुताबिक जून महीने में टीईटी उत्तीर्ण 24 अभ्यर्थियों का नियोजन किया गया था। इसके बाद कुछ अभ्यर्थियों ने आयुक्त के पास नियोजन प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत की थी जिसके बाद आयुक्त ने इसकी जांच की जिम्मेवारी एडीएम को सौंपी थी। एडीएम ने दो नवंबर को आयुक्त को सौंपी जांच रिपोर्ट में नियोजन को नियमों के प्रतिकूल बताया। साथ ही उन्होंने काउंसिलिंग प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए नियोजन रद्द करने की अनुशंसा की। इसके बाद आयुक्त ने जांच रिपोर्ट के आधार पर नियोजन रद्द करने का आदेश दिया।
इधर शिक्षा विभाग ने बिना प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की सूचना के योगदान लेने वाले हेडमास्टरों से स्पष्टीकरण पूछा था। विभाग द्वारा स्पष्टीकरण मिलने के बाद कार्रवाई की बात कही जा रही है।
प्रभारी आरडीडीई डा. तकीउद्दीन अहमद ने बताया कि प्रमंडलीय आयुक्त के आदेश के आधार पर शिक्षकों का नियोजन रद्द किया जा रहा है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। विभाग के मुताबिक कन्या मध्य विद्यालय नवहट्टा, मध्य विद्यालय मुरादपुर, मध्य विद्यालय मोहनपुर, मध्य विद्यालय भकुआ, म. विद्यालय चौतारा, मध्य विद्यालय औरिया रमौती में ये शिक्षक पदास्थापित थे।
विभाग के मुताबिक जून महीने में टीईटी उत्तीर्ण 24 अभ्यर्थियों का नियोजन किया गया था। इसके बाद कुछ अभ्यर्थियों ने आयुक्त के पास नियोजन प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत की थी जिसके बाद आयुक्त ने इसकी जांच की जिम्मेवारी एडीएम को सौंपी थी। एडीएम ने दो नवंबर को आयुक्त को सौंपी जांच रिपोर्ट में नियोजन को नियमों के प्रतिकूल बताया। साथ ही उन्होंने काउंसिलिंग प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए नियोजन रद्द करने की अनुशंसा की। इसके बाद आयुक्त ने जांच रिपोर्ट के आधार पर नियोजन रद्द करने का आदेश दिया।
इधर शिक्षा विभाग ने बिना प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की सूचना के योगदान लेने वाले हेडमास्टरों से स्पष्टीकरण पूछा था। विभाग द्वारा स्पष्टीकरण मिलने के बाद कार्रवाई की बात कही जा रही है।