शिक्षा विभाग के स्थापना संभाग के पत्रांक -700 से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि राज्य अपीलीय प्राधिकार के वाद संख्या-156/ 2017 एवं 157/2017 में पारित आदेश में नियोजन को गलत करार दिया गया है। जिसे क्रियान्वयन कर सूचित किया जाए। पत्र को नगर पंचायत मढ़ौरा के कार्यपालक पदाधिकारी एवं नगर पंचायत मढ़ौरा -सह -सदस्य सचिव को भेजा है। मालूम हो कि मढ़ौरा नगर पंचायत में यह नियुक्त वर्ष 2013 में जिला अपीलीय प्राधिकारी के आदेश पर वर्ष 2008 के आवेदन पर बैंकलॉग के आधार पर किया गया था। जिसे गलत करार देते हुए राज्य अपीलीय प्राधिकार ने जिला अपीलीय प्राधिकार सारण के निर्णय को रद़द कर दिया है। पत्र में डीपीओ राज्य अपीलीय प्राधिकारी के आदेश की प्रति भी लगायी है। उल्लेखनीय हो कि मढ़ौरा नगर पंचायत के 93 शिक्षकों के नियोजन के बाद 2014 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद उन्हें ज्वाइन कराया गया। वर्ष 2014 से हाई स्कूल में 13 एवं प्राथमिक विद्यालय में बहाल 80 शिक्षक को नियुक्ति के बाद से वेतन नहीं मिला है। लेकिन मार्च 2017 शिक्षकों ने वेतन भुगतान की मांग को लेकर अपना आंदोलन तेज कर दिया। जिसमें डीपीओ स्थापना से वेतन भुगतान को लेकर समझौता हुआ। उसके बाद इन शिक्षकों को एक माह का वेतन भी भुगतान शपथ पत्र लेकर दिया गया। इसी दौरान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) ने शिक्षा विभाग के निदेशक के अनुमति के बाद जिला अपीलीय प्राधिकारी के निर्णय के आलोक में राज्य अपीलीय प्राधिकारी में याचिका दायर की थी। जिस पर राज्य अपीलीय प्राधिकारी ने सारण के जिलाधिकारी को उच्च स्तरीय जांच कमेटी से जांच कराने का निर्देश दिया है। डीएम ने एडीएम एवं डीईओ को जांच का जिम्मा सौंपा। जांच के दौरान तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी राजकुमार साह ने जांच कमेटी को बताया कि इस समय अनड्रेट को बहाल करने का निर्णय नहीं लिया गया था। जांच कमेटी ने नियुक्ति में गड़बड़ी होने की बात कहते हुए रिपोर्ट दिया है। जिसके बाद राज्य अपीलीय प्राधिकार ने नियुक्त को गलत बताते हुए बर्खास्त करने का आदेश दे दिया।
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मढ़ौरा नगर पंचायत के 93 शिक्षकों को डीपीओ ने दिया हटाने का आदेश
शिक्षा विभाग के स्थापना संभाग के पत्रांक -700 से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि राज्य अपीलीय प्राधिकार के वाद संख्या-156/ 2017 एवं 157/2017 में पारित आदेश में नियोजन को गलत करार दिया गया है। जिसे क्रियान्वयन कर सूचित किया जाए। पत्र को नगर पंचायत मढ़ौरा के कार्यपालक पदाधिकारी एवं नगर पंचायत मढ़ौरा -सह -सदस्य सचिव को भेजा है। मालूम हो कि मढ़ौरा नगर पंचायत में यह नियुक्त वर्ष 2013 में जिला अपीलीय प्राधिकारी के आदेश पर वर्ष 2008 के आवेदन पर बैंकलॉग के आधार पर किया गया था। जिसे गलत करार देते हुए राज्य अपीलीय प्राधिकार ने जिला अपीलीय प्राधिकार सारण के निर्णय को रद़द कर दिया है। पत्र में डीपीओ राज्य अपीलीय प्राधिकारी के आदेश की प्रति भी लगायी है। उल्लेखनीय हो कि मढ़ौरा नगर पंचायत के 93 शिक्षकों के नियोजन के बाद 2014 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद उन्हें ज्वाइन कराया गया। वर्ष 2014 से हाई स्कूल में 13 एवं प्राथमिक विद्यालय में बहाल 80 शिक्षक को नियुक्ति के बाद से वेतन नहीं मिला है। लेकिन मार्च 2017 शिक्षकों ने वेतन भुगतान की मांग को लेकर अपना आंदोलन तेज कर दिया। जिसमें डीपीओ स्थापना से वेतन भुगतान को लेकर समझौता हुआ। उसके बाद इन शिक्षकों को एक माह का वेतन भी भुगतान शपथ पत्र लेकर दिया गया। इसी दौरान जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) ने शिक्षा विभाग के निदेशक के अनुमति के बाद जिला अपीलीय प्राधिकारी के निर्णय के आलोक में राज्य अपीलीय प्राधिकारी में याचिका दायर की थी। जिस पर राज्य अपीलीय प्राधिकारी ने सारण के जिलाधिकारी को उच्च स्तरीय जांच कमेटी से जांच कराने का निर्देश दिया है। डीएम ने एडीएम एवं डीईओ को जांच का जिम्मा सौंपा। जांच के दौरान तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी राजकुमार साह ने जांच कमेटी को बताया कि इस समय अनड्रेट को बहाल करने का निर्णय नहीं लिया गया था। जांच कमेटी ने नियुक्ति में गड़बड़ी होने की बात कहते हुए रिपोर्ट दिया है। जिसके बाद राज्य अपीलीय प्राधिकार ने नियुक्त को गलत बताते हुए बर्खास्त करने का आदेश दे दिया।
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