आदेश के तहत इन्हें सेवामुक्त करने, वेतन मद में ली गई राशि की वसूली करने, उपस्थिति पंजी में उपस्थिति दर्ज करने से रोकने व आगामी वेतन भुगतान रोकने को कहा गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि उच्च न्यायालय, पटना द्वारा पारित आदेश के आलोक में 41 नियोजित प्रारंभिक शिक्षकों के खिलाफ निगरानी विभाग ने सुपौल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इनमें से 33 शिक्षकों का नियोजन अवैध पाया गया है। सात शिक्षकों पर विशेष जांच के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। प्रथम दृष्टया एक शिक्षक की नियुक्ति सही पाई गई है। कार्रवाई की जद में आए 33 में से 29 शिक्षक सुपौल व चार राघोपुर प्रखंड के हैं।
इन शिक्षकों पर हुई कार्रवाई
सुनीता कुमारी, रीमा कुमारी, मीना कुमारी, कुमारी मीना, फूल कुमारी, मुमताज बेगम, नुरैशा खातून, कंचन कुमारी, सुनीता कुमारी, हीरा कुमारी, सुधा कुमारी, अख्तरी बानो, संजीव कुमार ¨सह, गोपाल राम, नारायण मंडल, गणेश कुमार पासी, दीपक कुमार, गिनी वर्मा, रूबी रानी, ललन कुमार पासवान, सरस्वती कुमारी, बिजली प्रभा, मु.सगीर आलम, सीमा ¨सह, ललिता देवी, महेश कुमार यादव, सीमा कुमारी, अनिल कुमार, अंजली जायसवाल, अभय कुमार, शबनम कुमारी, रितु कुमारी व किरण कुमारी।