आदेश का पालन नहीं करने वाले हुसैनगुज के 16 शिक्षकों का वेतन भुगतान बंद कर दिया गया है। एेसे जिले में 21 सौ से ज्यादा शिक्षक कार्यरत हैं। राज्य में एक ही टीईटी प्रमाण पत्र पर कई शिक्षकों के नौकरी करने का मामला सामने आ चुका है। साथ ही फेल होने पर भी अंक बढ़ाकर नौकरी पा ली गई है। इसी फर्जीवाड़ा की जांच के लिए डीपीओ ने सभी शिक्षकों से मूल टीईटी प्रमाणपत्र की मांग की है।
फर्जीवाड़े की जांच
एक ही टीईटी प्रमाणपत्र पर कई शिक्षकों की नौकरी करने का मामला उजागर होने के बाद डीपीओ गंभीर
सिसवन के बीईओ ने बताया खेदजनक | सिसवन के बीईओ गुलाम सरवर ने डीपीओ के पत्र के आलोक में एक देश जारी किया है। इसमें कहा है कि बार-बार स्मार पत्र देने के बाद भी टीईटी का मूल प्रमाण पत्र जमा नहीं किया जा रहा है। यह खेदजनक है।
डीपीओ ने बीईअो को बताया जिम्मेवार | टीईटी प्रमाण पत्र पर कार्यरत शिक्षकों के मूल प्रमाण पत्र को 5 अगस्त तक ही जमा करना था। इसके लिए डीपीअाे ने सभी बीईओ को आदेश जारी किया था। लेकिन एक भी प्रमाण पत्र जमा नहीं हुआ। ताकि जांच की जा सके। इस पर डीपीओ ने रिमाइंडर जारी किया है और इसके लिए सभी बीईओ को जिम्मेवार माना है। डीपीओ ने कहा है कि ऐसे शिक्षक बीईओ की शह पर ही कार्य कर रहे हैं।
इस आदेश का असर हुसैनगंज प्रखंड में दिखाई भी देना लगा है। हुसैनगंज के बीईओ ने टीईटी प्रमाणपत्र के आधार पर बहाल 16 शिक्षकों का वेतन भुगतान स्थगित कर दिया है। इसमें हरेन्द्र कुमार यादव, अरविंद कुमार सिंह, कुमारी खुश्बू, चन्द्रप्रभा कुमारी, अनामिका कुमारी, बलिन्द्र कुमार गिरि, नीरज कुमार रंजन, ब्रजेश कुमार ठाकुर, अजय कुमार प्रसाद, पंकज कुमार सिंह, अखिलेश कुमार, संजू कुमारी, संजीव कुमार रंजन, संतोष कुमार, कुमारी सोनी यादव व रिंकू कुमारी शामिल हैं। शुक्रवार को जारी आदेश में बीईओ ने कहा है कि डीपीओ स्थापना के आदेश पर टीईटी प्रमाणपत्र के आधार पर कार्यरत शिक्षकों से मूल प्रमाणपत्र की मांग की गई थी। लेकिन अभी तक प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया है। इसलिए वेतन भुगतान स्थगित किया गया है। साथ ही पत्र प्राप्ति के साथ ही मूल प्रमाणपत्र जमा करने को कहा गया है।