हार्ड डिस्क व कंप्यूटराइज सूची से उन शिक्षकों का हो रहा मिलान
पटना : टीईटी पात्रता परीक्षा परिणाम की वास्तविक सूची को एसआईटी
खंगालने में जुटी है. इसके लिए हार्ड डिस्क व कंप्यूटराइज सूची से उन
शिक्षकों के नाम और रोल नंबर का मिलान कराया जा रहा है, जिन्होंने पात्रता
परीक्षा का प्रमाणपत्र हासिल करके शिक्षक की नौकरी प्राप्त की है.
अब वे शिक्षक चिह्नित हो जायेंगे, जो बिहार बोर्ड के कर्मचारियों से
मिल कर रजिस्टर और अन्य सूची में फर्जीवाड़ा करके नौकरी प्राप्त कर ली है.
इसमें बड़ी संख्या में फर्जी शिक्षकों का नाम सामने आयेगा और बोर्ड के कई
कर्मचारी भी लपेटे में आयेंगे. एसआईटी की इस छानबीन से पूरे महकमे में
खलबली मची हुई है.
संबंधित जिले के डीइओ से पुलिस पूछेगी सवाल : एसएसपी मनु महाराज ने
निगरानी के पदाधिकारियों के साथ बैठक करके फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी लेने
वाले शिक्षकों के खिलाफ अब तक दर्ज किये गये सभी मामलों का डिटेल मांगा है.
इसके आधार पर संबंधित जिले के डीईओ से पूछताछ करेगी. डीईओ से यह सवाल
किया जायेगा कि नौकरी देते वक्त टीईटी पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्रों का
सत्यापन कराया गया था या नहीं. अगर कराया गया तो सत्यापन में कैसे चूक हुई,
जिससे फर्जी तरीके से नियुक्ति हो गयी. इसमें अगर डीईओ के स्तर से चूक
सामने आयी, तो उन पर भी गाज गिर सकती है.
पटना : नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्र का सत्यापन कराये जाने के क्रम
में यह प्रकाश में आया है कि इन मामलों में गलत प्रमाणपत्र के आधार पर
नियोजन किया गया है. आगे भी इस तरह की संभावना व्यक्त की जा रही है.
इसलिए बिहार प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में सम्मिलित अभ्यर्थी
जो शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 के गलत प्रमाणपत्र के आधार पर किसी
विद्यालय में कार्यरत हो अथवा गलत प्रमाणपत्र बनाये हुए हैं, तो उनके संबंध
में समिति की वेबसाइट पर जाकर दिये गये लिंक पर क्लिक कर 26 जुलाई से 10
अगस्त तक पर गोपनीय रूप से ऑनलाइन सूचना दे सकते हैं. सूचना देनेवाले लोगों
का नाम व पहचान गुप्त रखी जायेगी. ्
दो बोर्ड कर्मचारी रिमांड पर : बिहार बोर्ड के दोनों कर्मचारियों
जटाशंकर प्रसाद और अमितेश को पुलिस ने रिमांड पर लिया है. दोनों से पूछताछ
शुरू हो गयी है.
एसआईटी यह जानने में लगी है कि किस तरह से फर्जी प्रमाणपत्र तैयार
कराया जाता था. इसमें अन्य किन कर्मचारियों की भूमिका थी. किसी अधिकारी के
इशारे पर होता था या कर्मचारियों ने इस फर्जीवाड़े के लिए कुछ खास लोगों को
ही शामिल किया था. दूसरे जिले में और कौन लोग जुड़े हैं, इसकी जांच की जा
रही है.
वेस्ट पेपर काॅट्रैक्टर से पूछताछ जारी
बिहार बोर्ड वर्ष 2017 की इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपियों के खरीद
मामले में गिरफ्तार किये गये वेस्ट पेपर काॅट्रैक्टर राजकिशोर गुप्ता से
पूछताछ कर रही है. रिमांड पर लेने के बाद पुलिस ने राजकिशोर से कई सवाल
किये हैं.
हालांकि, पुलिस के हाथ कुछ खास सबूत नहीं आये हैं. दरअसल पुलिस दरभंगा
के मारवाड़ी कॉलेज प्रबंधन व चपरासी रामपुकार सिंह की भूमिका की पड़ताल कर
रही है. इस संबंध में राजकिशोर से पूछताछ की जा रही है.