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निर्धारित समय पर नहीं पहुंचते शिक्षक

दरभंगा। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद गुणवत्तापूर्ण शिक्षा महज घोषणा भर रह गई है। इसकी पड़ताल के लिए दैनिक जागरण की टीम ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड के तहत रविवार को सुबह 6.40 बजे राजकीय मध्य विद्यालय उर्दू धुंसी में पहुंची तो वहां की स्थिति चकित करने वाली दिखी।
6.40 बजे तक विद्यालय के सभी कमरे बंद थे। न तो एक भी शिक्षक मौजूद थे और न ही एक भी छात्र। विद्यालय परिसर में सन्नाटा पसरा था। 6.45 बजे एक छात्र विद्यालय परिसर में आया। अपना नाम मो.ऐयान बताया। वर्ग पांच के छात्र ऐयान ने बताया कि हमलोगों को 6.30 बजे विद्यालय आने के लिए शिक्षकों की ओर से कहा जाता है। लेकिन सर लोग खुद ही सभी दिन 7 बजे के बाद आते हैं।

7.03 बजे पैठान कबई स्थित मदरसा फैजुल अलुम का एक कमरा खुला हुआ था। एक शिक्षक मो. नुरूल्लाह उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि मदरसे में 160 बच्चों का नामांकन है तथा तीन शिक्षक कार्यरत हैं। लेकिन अभी तक मात्र एक छात्र ही आया है और एक हम हैं। बाकी शिक्षक एवं छात्र अभी नहीं आए हैं। 7.10 बजे पैठान कबई स्थित ही मध्य विद्यालय उर्दू पहुंचे। यहां एक शिक्षक बच्चों को प्रार्थना कराने के लिए कतार में लगा रहे थे। पूछने पर बताया कि विद्यालय में वर्तमान में 851 बच्चे नामांकित हैं तथा 10 शिक्षक कार्यरत हैं। लेकिन अब तक विद्यालय में लगभग पचास बच्चे एवं तीन शिक्षक पहुंचे हैं।

शिक्षकों के देर से विद्यालय आने के बारे में जब पड़ताल किया गया तो एक शिक्षक ने हैरान करने वाली जानकारी दी। बताया कि विद्यालय में मध्याह्न भोजन योजना में छात्रों की उपस्थिति ज्यादा दिखाकर हजारों रुपये का गोलमाल होता है। ये सब शिक्षक के सहयोग से ही संभव होता है। अगर शिक्षक को छूट नहीं मिलेगी तो उपस्थित बच्चों की संख्या से ज्यादा बच्चों की हाजिरी नहीं बनाएगा। सरकार के दिशा निर्देश के बावजूद कई विद्यालय में प्रतिनियोजित शिक्षक हैं। साथ ही कई विद्यालयों में सीनियर को दरकिनार कर जूनियर शिक्षक को विद्यालय का प्रभारी बनाया गया हैं। कई विद्यालय में एक साल पूर्व हुए विद्यालय शिक्षा समिति के चुनाव के बावजूद अब तक तक उसका निबंधन नहीं कराया गया है।

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