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चंडी में फर्जी शिक्षक नियोजन का परत दर परत खुल रही पोल

नालंदा। चंडी प्रखंड में शिक्षकों की बहाली को लेकर शिक्षा माफिया मशहूर ठग नटवर लाल से भी दो कदम आगे निकल गए। एक सुनियोजित ढंग से प्रखंड के लगभग हर पंचायत में गलत ढंग से शिक्षकों का पद रिक्त दिखाकर शिक्षकों का नियोजन किया गया है। इस फर्जीवाड़े का पोल अब परत दर परत खुलने लगा है।
चंडी प्रखंड के गंगौरा पंचायत में दो साल पूर्व बीईओ के मोबाइल से निर्देश मिलने पर एक महिला एचएम ने एक शिक्षक का योगदान करा दिया तो वही सालेपुर पंचायत में पंचायत सचिव के फर्जी हस्ताक्षर से आधा दर्जन शिक्षकों की बहाली हो गई । जिनमें एक तो पूर्व मुखिया के पति ही है। विभागीय सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार चंडी प्रखंड के दरियापुर निवासी मुन्ना पासवान ने पंचायत सचिव गंगौरा के पत्रांक 15 दिनांक 24 फरवरी 2016 को रूपसपुर प्राथमिक विधालय में योगदान ले लिया ।यहां के महिला एचएम ¨पकी कुमारी को बीईओ ने योगदान ले लेने का निर्देश मोबाइल फोन पर दी थी। वहीं सालेपुर पंचायत में तत्कालीन मुखिया और वार्ड सदस्य की मिलीभगत से बिना रिक्त का बहाली कर लिया गया था। इस मामले में वहां के पंचायत सेवक कृष्ण नंदन ने विभाग को पत्र लिखकर बताया था कि शिक्षक नियोजन में उनका हस्ताक्षर फर्जी है।उन्होंने प्रखंड शिक्षा कार्यालय को पत्रांक 232 दिनांक 16 जून 2016 में प्रतिवेदन देकर आरोप लगाया था कि नियोजन बिना रिक्ति के किया गया था जो गलत था। 2008 में छह अभ्यर्थी द्वारा नियोजन को चुनौती दिया गया। जिनमें एक अभ्यर्थी मुखिया के पति ही थे । पीठासीन पदाधिकारी को मुखिया पति द्वारा पंचायत से वार्ड सदस्य का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर प्रतिवेदन दिया गया था कि पंचायत में शिक्षकों की छह रिक्तियां है। इस नियोजन में उनके फर्जी हस्ताक्षर का उपयोग किया गया है। सनद  रहे कि सालेपुर पंचायत में शिक्षकों के फर्जी बहाली की जांच की मांग भी पंचायत सचिव कृष्ण नंदन लगातार उठाते रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि प्रखंड में शिक्षकों के फर्जी नियोजन की जांच होगी भी या नहीं। या फिर सब बहती गंगा में हाथ धोने में व्यस्त रहेंगे।

अधिकारी
फर्जी शिक्षक बहाली की बात सामने आई है। विभाग के वरीय पदाधिकारी के निर्देशानुसार पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। वैसे जिले में शिक्षक नियोजन पर पहले से ही रोक लगी है। रोक के बावजूद यदि शिक्षकों का नियोजन किया गया है तो इसकी पूरी जांच कराई जाएगी। आखिर किन परिस्थिति में तथा किसके आदेशानुसार ऐसा हुआ। जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
अ¨रजय कुमार


डीपीओ, स्थापना

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