पटना : बिहार में नियोजित शिक्षकों को लेकर पटना हाई
कोर्ट के आदेश के खिलाफ बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी. गत 31
अक्टूबर को पटना हाई कोर्ट ने बिहार के विभिन्न सरकारी स्कूलों में स्थायी
शिक्षकों के समान नियोजित शिक्षकों के वेतन पाने की मांग को सही ठहराया
था.
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हाई कोर्ट के उक्त आदेश की प्रति उन्हें प्राप्त हो गयी है. हम उसका अध्ययन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद नियमानुसार सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की जायेगी.
पटना हाई कोर्ट के उक्त आदेश के बाद प्रदेश के करीब 4 लाख ऐसे नियोजित शिक्षक जो कि राज्य के सरकारी स्कूलों के अन्य स्थायी शिक्षकों की तुलना में कम मानदेह पा रहे हैं, इसे उनके लिए एक बड़ी राहत के तौर देखा जा रहा था. इस मामले पर भाजपा के प्रवक्ता प्रो नवल किशोर यादव समेत विभिन्न शिक्षक संगठनों ने राज्य सरकार से इस पर पुनर्विचार करने को कहा है. इसके अलावा शिक्षक संगठनों ने बैठक कर रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है, ताकि राज्य सरकार यदि हाईकोर्ट के फैसले पर तीन महीने के अंदर अमल नहीं करती है, तो सुप्रीम कोर्ट में भी लड़ाई लड़ी जा सके.
इस मसले पर भाजपा के प्रवक्ता व विधान पार्षद प्रो नवल किशोर यादव ने कहा है कि जब सुप्रीम कोर्ट ही समान काम के लिए समान वेतन का आदेश दे चुका है, तो हाईकोर्ट के फैसले पर फिर वहीं अपील करने पर उसका खारिज होना तय है. उन्होंने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से सुप्रीम कोर्ट में अपील में ले जाने संबंधी निर्णय पर पुन: विचार करने का अनुरोध किया है. साथ ही शिक्षा मंत्री से इस बात की समीक्षा करने को कहा है कि 42 अंगीभूत व अन्य नव अंगीभूत कॉलेजों से संबंधित कितने मामले अब तक हाईकोर्ट में दायर किये गये. उनमें से कितने मामले राज्य सरकार जीत सकी है. उन्होंने कहा है कि 99 प्रतिशत मामलों में सरकार की हार हुई है.
सड़क पर उतरने कर आंदोलन की चेतावनी
इस मसले को लेकर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ की फ्रेजर रोड में बैठक हुई. इसमें हाई कोर्ट के फैसले पर राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील में जाने की तैयारी पर आक्रोश जताया गया. साथ ही राज्य सरकार की याचिका पर वरीय अधिवक्ताओं का सहयोग लेने की बात कही गयी. संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने संघ की एक शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट के लिए रवाना होगी. यदि राज्य सरकार ने तीन महीने के अंदर हाईकोर्ट के फैसले पर अमल नहीं किया, तो राज्यभर के शिक्षक सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे. बैठक में लखनलाख निषाद, जीतन साहनी, हिमांशु शेखर, शरद कुमार, मायाशंकर कुमार, राजेश यादव समेत अन्य उपस्थित थे.
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हाई कोर्ट के उक्त आदेश की प्रति उन्हें प्राप्त हो गयी है. हम उसका अध्ययन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोर्ट के आदेश का अध्ययन करने के बाद नियमानुसार सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की जायेगी.
पटना हाई कोर्ट के उक्त आदेश के बाद प्रदेश के करीब 4 लाख ऐसे नियोजित शिक्षक जो कि राज्य के सरकारी स्कूलों के अन्य स्थायी शिक्षकों की तुलना में कम मानदेह पा रहे हैं, इसे उनके लिए एक बड़ी राहत के तौर देखा जा रहा था. इस मामले पर भाजपा के प्रवक्ता प्रो नवल किशोर यादव समेत विभिन्न शिक्षक संगठनों ने राज्य सरकार से इस पर पुनर्विचार करने को कहा है. इसके अलावा शिक्षक संगठनों ने बैठक कर रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है, ताकि राज्य सरकार यदि हाईकोर्ट के फैसले पर तीन महीने के अंदर अमल नहीं करती है, तो सुप्रीम कोर्ट में भी लड़ाई लड़ी जा सके.
इस मसले पर भाजपा के प्रवक्ता व विधान पार्षद प्रो नवल किशोर यादव ने कहा है कि जब सुप्रीम कोर्ट ही समान काम के लिए समान वेतन का आदेश दे चुका है, तो हाईकोर्ट के फैसले पर फिर वहीं अपील करने पर उसका खारिज होना तय है. उन्होंने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से सुप्रीम कोर्ट में अपील में ले जाने संबंधी निर्णय पर पुन: विचार करने का अनुरोध किया है. साथ ही शिक्षा मंत्री से इस बात की समीक्षा करने को कहा है कि 42 अंगीभूत व अन्य नव अंगीभूत कॉलेजों से संबंधित कितने मामले अब तक हाईकोर्ट में दायर किये गये. उनमें से कितने मामले राज्य सरकार जीत सकी है. उन्होंने कहा है कि 99 प्रतिशत मामलों में सरकार की हार हुई है.
सड़क पर उतरने कर आंदोलन की चेतावनी
इस मसले को लेकर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ की फ्रेजर रोड में बैठक हुई. इसमें हाई कोर्ट के फैसले पर राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील में जाने की तैयारी पर आक्रोश जताया गया. साथ ही राज्य सरकार की याचिका पर वरीय अधिवक्ताओं का सहयोग लेने की बात कही गयी. संघ के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर ब्रजवासी ने संघ की एक शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट के लिए रवाना होगी. यदि राज्य सरकार ने तीन महीने के अंदर हाईकोर्ट के फैसले पर अमल नहीं किया, तो राज्यभर के शिक्षक सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे. बैठक में लखनलाख निषाद, जीतन साहनी, हिमांशु शेखर, शरद कुमार, मायाशंकर कुमार, राजेश यादव समेत अन्य उपस्थित थे.