बिहारबोर्ड की ओर से बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के सहयोग से दो दिवसीय
कार्यशाला मंगलवार से छज्जूबाग स्थित हिंदी भवन में शुरू हुई।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विभिन्न जिलों से आए शिक्षकों को मूल्यांकन एवं बोर्ड परीक्षा के बदले प्रश्नपत्र पैटर्न की जानकारी देकर उन्हें मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित करना है। ताकि वे अपने जिले में होनेवाली कार्यशाला में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों को भी इसका प्रशिक्षण दे सकें। कार्यशाला में शिक्षकों को ओएमआर शीट भरने की भी जानकारी मिली। इस दौरान शिक्षकों से बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि प्रश्नपत्रों के पैटर्न में बदलाव की जरूरत वर्षों से महसूस हो रही थी। क्योंकि परीक्षा समिति से पास विद्यार्थियों को अन्य बोर्ड जैसे सीबीएसई, आईसीएसई के परीक्षार्थियों के मुकाबले कम अंक मिल रहे थे। इस मसले पर बोर्ड के पदाधिकारियों द्वारा विश्लेषण के बाद प्रश्नपत्रों के पैटर्न में बदलाव का निर्णय लिया गया। कार्यशाला में राज्य के तीन प्रमंडलों पटना, मगध तथा मुंगेर के सभी जिलों के 139 शिक्षक उपस्थित हुए। बुधवार को अन्य प्रमंडलों, सारण, भागलपुर, तिरहुत, कोशी, पूर्णिया एवं दरभंगा के कुल 134 शिक्षक आएंगे।
अच्छालिखनेवाले को अंक मिले
बोर्डअध्यक्ष ने उत्तरपुस्तिकाओं की गुणवत्तापूर्ण जांच पर बल देते हुए कहा कि मूल्यांकन में विद्यार्थी की मेधा के साथ न्याय होना चाहिए। मूल्यांकन में दो बातों पर विशेष ध्यान देना होगा। पहला, यह कि त्रुटियों की गुंजाइश कम से कम रहे। दूसरा, यदि विद्यार्थी ने अच्छा लिखा है तो उसे उसका अंक जरूर मिलना चाहिए। हर हाल में मूल्यांकन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना होगा। अध्यक्ष ने उन्होंने शिक्षकों से गुणवत्तापूर्ण परीक्षा के आयोजन के संबंध में सुझाव भी मांगे।
प्रश्नपत्र में बदलाव को ऐसे समझें
{ इंटरतथा मैट्रिक परीक्षा-2018 से सभी विषयों में 50 प्रतिशत प्रश्न वस्तुनिष्ठ रहेंगे। सभी विषयों में दो अंक के लघुउत्तरीय तथा पांच अंकों के दीर्घउत्तरीय प्रश्न पूछे जाएंगे। कुछ विषयों यथा भाषा विषयों में कुछ प्रश्न पांच अंकों से अधिक के हो सकते हैं।
{ लघु उत्तरीय प्रश्नों में 50% अतिरिक्त सवाल रहेंगे। यानी यदि परीक्षार्थियों को दो अंकों वाले 8 प्रश्नों का जवाब देना है, तो उन्हें 12 सवालों में से किन्हीं 8 का जवाब देना होगा।
{ दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों में 100 प्रतिशत अतिरिक्त सवाल रहेंगे। यानी इसमें प्रत्येक प्रश्न का एक विकल्प रहेगा। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का उत्तर ओएमआर शीट पर देना होगा।
हिंदी भवन में आयोजित कार्यशाला में संबोधित करते बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विभिन्न जिलों से आए शिक्षकों को मूल्यांकन एवं बोर्ड परीक्षा के बदले प्रश्नपत्र पैटर्न की जानकारी देकर उन्हें मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित करना है। ताकि वे अपने जिले में होनेवाली कार्यशाला में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक स्कूलों को भी इसका प्रशिक्षण दे सकें। कार्यशाला में शिक्षकों को ओएमआर शीट भरने की भी जानकारी मिली। इस दौरान शिक्षकों से बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि प्रश्नपत्रों के पैटर्न में बदलाव की जरूरत वर्षों से महसूस हो रही थी। क्योंकि परीक्षा समिति से पास विद्यार्थियों को अन्य बोर्ड जैसे सीबीएसई, आईसीएसई के परीक्षार्थियों के मुकाबले कम अंक मिल रहे थे। इस मसले पर बोर्ड के पदाधिकारियों द्वारा विश्लेषण के बाद प्रश्नपत्रों के पैटर्न में बदलाव का निर्णय लिया गया। कार्यशाला में राज्य के तीन प्रमंडलों पटना, मगध तथा मुंगेर के सभी जिलों के 139 शिक्षक उपस्थित हुए। बुधवार को अन्य प्रमंडलों, सारण, भागलपुर, तिरहुत, कोशी, पूर्णिया एवं दरभंगा के कुल 134 शिक्षक आएंगे।
अच्छालिखनेवाले को अंक मिले
बोर्डअध्यक्ष ने उत्तरपुस्तिकाओं की गुणवत्तापूर्ण जांच पर बल देते हुए कहा कि मूल्यांकन में विद्यार्थी की मेधा के साथ न्याय होना चाहिए। मूल्यांकन में दो बातों पर विशेष ध्यान देना होगा। पहला, यह कि त्रुटियों की गुंजाइश कम से कम रहे। दूसरा, यदि विद्यार्थी ने अच्छा लिखा है तो उसे उसका अंक जरूर मिलना चाहिए। हर हाल में मूल्यांकन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना होगा। अध्यक्ष ने उन्होंने शिक्षकों से गुणवत्तापूर्ण परीक्षा के आयोजन के संबंध में सुझाव भी मांगे।
प्रश्नपत्र में बदलाव को ऐसे समझें
{ इंटरतथा मैट्रिक परीक्षा-2018 से सभी विषयों में 50 प्रतिशत प्रश्न वस्तुनिष्ठ रहेंगे। सभी विषयों में दो अंक के लघुउत्तरीय तथा पांच अंकों के दीर्घउत्तरीय प्रश्न पूछे जाएंगे। कुछ विषयों यथा भाषा विषयों में कुछ प्रश्न पांच अंकों से अधिक के हो सकते हैं।
{ लघु उत्तरीय प्रश्नों में 50% अतिरिक्त सवाल रहेंगे। यानी यदि परीक्षार्थियों को दो अंकों वाले 8 प्रश्नों का जवाब देना है, तो उन्हें 12 सवालों में से किन्हीं 8 का जवाब देना होगा।
{ दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों में 100 प्रतिशत अतिरिक्त सवाल रहेंगे। यानी इसमें प्रत्येक प्रश्न का एक विकल्प रहेगा। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का उत्तर ओएमआर शीट पर देना होगा।
हिंदी भवन में आयोजित कार्यशाला में संबोधित करते बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर।