पूर्णिया। शिक्षक दिवस के मौके पर मंगलवार को जिले के सात शिक्षक
सम्मानित होंगे। इनमें तीन शिक्षकों को राष्ट्रपति पुरस्कार और चार शिक्षक
को राज्य शिक्षक सम्मान मिलेगा।
राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए बीबीएम उवि की सविता रंजन, मध्य विद्यालय प्रखंड मुख्यालय की उत्तिमा केशरी और आदर्श मवि बीकोठी के प्रभारी प्रधानाध्यापक विजेंद्र कुमार ¨सह शामिल हैं। वहीं राज्य शिक्षक पुरस्कार की सूची में बीबीएम उवि की प्रधानाध्यापिका ममता कुमारी, अनचित साह उवि बेलौरी के प्रभारी प्रधानाध्यापक हफीज अनवर, मवि कोठी टोला बीकोठी के प्रभारी प्रधानाध्यापक शोभानंद ¨सह और मवि मिल्की शरणार्थी की प्रभारी प्रधानाध्यापिका रंभा सिन्हा शामिल हैं।
--¨हदी की शिक्षिका हैं सविता रंजन--
फोटो-4पीआरएन:-16
राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए नामित सविता रंजन बीबीएम उवि में ¨हदी की शिक्षिका हैं। वह वहां वर्ष 1998 से यहां कार्यरत हैं। वह अपने व्यक्तिगत प्रयासों से अब तक सौ से अधिक बच्चों को वापस शिक्षा से जोड़ चुकी हैं।
सविता ने एमए की पढ़ाई भागलपुर के टीएनबी कॉलेज से पूरी की है। वे 2014 में राज्यपाल के हाथों पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं। उनको अध्ययन-अध्यापन के अलावा लेखन कार्य में भी रुचि हैं। उनकी कविता संग्रह के साथ-साथ लेख विभिन्न अखबारों में प्रकाशित हो चुकी है। इनका कहना है कि शिक्षकों को अपने दायित्वों के प्रति हमेशा सजग होना चाहिए।
---------------------------------------------------------
--गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए हैं प्रयासरत हैं उत्तिमा केशरी--
फोटो-4पीआरएन:-17
राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए नामित मध्य विद्यालय प्रखंड मुख्यालय पूर्णिया पूर्व में पदस्थापित डा उत्तिमा केशरी गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए प्रयासरत रहती हैं।
उनका मानना है कि एक लड़की पढ़ती हैं तो सात पीढ़ी शिक्षित होती हैं। इसलिए लड़कियों को शिक्षित होना जरूरी है।
डॉ उत्तिमा केसरी ने शुरुआती शिक्षा मीरगंज हाईस्कूल से पूरी की और स्नातक की पढ़ाई महिला कॉलेज पूर्णिया से की। पीएचडी मिथिला विवि से की। उनकी साहित्य में भी काफी रूचि है। उनकी प्रकाशित शोध ग्रंथ में जगदीश चंद्र माथुर के नाटकों में परंपरा और प्रयोग है। इसके अलावा उनकी प्रकाशित कविता संग्रह मुहिम के स्वर, बौर की गंध, तभी तो प्रेम ईश्वर के करीब आदि हैं। इसके अलावा आजकल, समयांतर, पाखी, वार्ता, दैनिक जागरण में लेख प्रकाशित हो चुके हैं। इनका कहना है कि शिक्षक राष्ट्रनिर्माता होते हैं। शिक्षकों को हमेशा इस भावना को जेहन में रखना चाहिए।
-------------------------------------------------------------------------------------------------------
---विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के स्वरूप को उतारा---
फोटो-4पीआरएन:-15
राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए नामित आदर्श मवि बीकोठी के प्रभारी प्रधानाध्यापक विजेंद्र कुमार ¨सह ने विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के ¨बदुओं को उतारा। इसके तहत उन्होंने बच्चों की उपस्थिति, वर्ग संचालन, साफ-सफाई, क्लास रूटिन आदि चीजों को लागू किया। वे अक्टूबर 1982 में शिक्षक की सेवा में आए। उनकी पहली ज्वाइ¨नग आदर्श मवि रानीगंज अररिया में हुई थी। इसके बाद आदर्श मवि मिर्जापुर अररिया में रहे। वर्ष 2007 के अक्टूबर में आदर्श मवि बीकोठी आए। इनका मानना है कि पुरस्कार के बाद जवाबदेही बढ़ जाती है। शिक्षकों को हमेशा अपनी मर्यादा और आचरण को ध्यान में रखना चाहिए।
---------------------------------------------------------------------
--बीबीएम की प्रधानाध्यापिका को राज्य पुरस्कार--
फोटो-4पीआरएन:-19
बीबीएम की प्रधानाध्यापिका ममता कुमारी मंगलवार को राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होंगी। उन्होंने सितंबर 1997 में सुपौल जिले के विलियम्स उवि से अपनी सेवा शुरू की। इसके बाद नवंबर 1997 में स्थानांतरित होकर सुमरित उवि बनमनखी आ गई। अक्टूबर 2014 में प्रधानाध्यापिक के रूप में प्रोन्नत होकर बीबीएम आ गई। उन्होंने दो विषय राजनीतिशास्त्र और गृहविज्ञान में एमए की है। अध्यन-अध्यापन के साथ-साथ खाना बनाने और सिलाई-कटाई का शौक रखती हैं। वे मूल रूप से नवटोल मुरलीगंज की रहने वाली हैं। इनके पति सुनील कुमार ¨सह भी सुमरित उवि में शिक्षक हैं। इनका कहना है कि पुरस्कार मिलने से आत्मविश्वास बढ़ता है। यह शिक्षकों के लिए एक सम्मान की बात है।
----------------------------------
--मवि मिल्की शरणार्थी की प्रधानाध्यापिका हैं रंभा सिन्हा--
फोटो-4पीआरएन:-18
राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित रंभा सिन्हा मवि मिल्की शरणार्थी की प्रभारी प्रधानाध्यापिका हैं। इन्होंने जनवरी 1988 में बुनियादी वि दिबरा बाजार बीकोठी से अपनी सेवा शुरू की। इसके बाद प्राथमिक वि शिक्षा नगर बनमनखी, कन्या मवि भट्ठा, आदर्श मवि अनुपनगर बेलौरी, मवि उफरैल में सेवा देते हुए 2010 में मवि धरहरा भुनाई बनमनखी की प्रधानाध्यापिका बनी। वहां से मवि विद्युत कॉलोनी होते हुए वर्तमान में मवि मिल्की शरणार्थी में प्रधानाध्यापिका हैं। इन्होंने दो विषय इतिहास और संस्कृत में एमए की है। इनका कहना है कि पुरस्कार अपने आप में एक बड़ी बात होती है। इसका जीवन पर्यंत निर्वहन उससे भी बड़ी बात होती है।
--------------------------------
--जमीन दान लेकर बनवाया घर--
फोटो-4पीआरएन:-20
राजकीय शिक्षक पुरस्कार 2016 के लिए चयनित शोभानंद ¨सह मवि कोठी टोल बीकोठी के प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं। इन्होंने एक अगस्त 1987 को नवसृजित प्राथमिक विद्यालय नवटोलिया संथाल धमदाहा पूर्व में अपना योगदान दिया। योगदान देने के बाद इन्होंने सबसे पहले जमीन दान लेकर जन सहयोग से घर बनवाया। इनका मानना है कि शिक्षक बच्चों के लिए एक आदर्श होते हैं। इसलिए उन्हें हमेशा अपने आदर्शों को बनाए रखना चाहिए।
-------------------------------------
--पर्यावरण से है विशेष अभिरूचि--
फोटो-4पीआरएन:-21
पांच सितंबर को राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होने वाले हफीज अनवर को पर्यावरण से विशेष अभिरूचि है। यही कारण है कि वे स्वयं के साथ-साथ स्कूल के छात्र-छात्राओं को भी पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। एक अप्रैल 1987 को कलानंद उवि बढ़बनैली में समाजशास्त्र शिक्षक के रूप में अपनी सेवा शुरू करने वाले हफीज अनवर फिलहाल अंचित साह उवि बेलौरी के प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं। इन्होंनें उवि अररिया में भी अपना योगदान दिया। 2003 से 2015 तक कलानंद उवि में रहे। एक अगस्त 2015 को अंचित साह उवि बैलोरी में सहायक शिक्षक के रूप में योगदान किया। एक जनवरी 2017 से प्रभारी हेडमास्टर हैं। इनका मानना है कि एक शिक्षक का पेशा अपने आप को गौरवान्वित करने वाला पेशा है। इसलिए शिक्षक को हमेशा एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए।
राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए बीबीएम उवि की सविता रंजन, मध्य विद्यालय प्रखंड मुख्यालय की उत्तिमा केशरी और आदर्श मवि बीकोठी के प्रभारी प्रधानाध्यापक विजेंद्र कुमार ¨सह शामिल हैं। वहीं राज्य शिक्षक पुरस्कार की सूची में बीबीएम उवि की प्रधानाध्यापिका ममता कुमारी, अनचित साह उवि बेलौरी के प्रभारी प्रधानाध्यापक हफीज अनवर, मवि कोठी टोला बीकोठी के प्रभारी प्रधानाध्यापक शोभानंद ¨सह और मवि मिल्की शरणार्थी की प्रभारी प्रधानाध्यापिका रंभा सिन्हा शामिल हैं।
--¨हदी की शिक्षिका हैं सविता रंजन--
फोटो-4पीआरएन:-16
राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए नामित सविता रंजन बीबीएम उवि में ¨हदी की शिक्षिका हैं। वह वहां वर्ष 1998 से यहां कार्यरत हैं। वह अपने व्यक्तिगत प्रयासों से अब तक सौ से अधिक बच्चों को वापस शिक्षा से जोड़ चुकी हैं।
सविता ने एमए की पढ़ाई भागलपुर के टीएनबी कॉलेज से पूरी की है। वे 2014 में राज्यपाल के हाथों पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं। उनको अध्ययन-अध्यापन के अलावा लेखन कार्य में भी रुचि हैं। उनकी कविता संग्रह के साथ-साथ लेख विभिन्न अखबारों में प्रकाशित हो चुकी है। इनका कहना है कि शिक्षकों को अपने दायित्वों के प्रति हमेशा सजग होना चाहिए।
---------------------------------------------------------
--गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए हैं प्रयासरत हैं उत्तिमा केशरी--
फोटो-4पीआरएन:-17
राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए नामित मध्य विद्यालय प्रखंड मुख्यालय पूर्णिया पूर्व में पदस्थापित डा उत्तिमा केशरी गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए प्रयासरत रहती हैं।
उनका मानना है कि एक लड़की पढ़ती हैं तो सात पीढ़ी शिक्षित होती हैं। इसलिए लड़कियों को शिक्षित होना जरूरी है।
डॉ उत्तिमा केसरी ने शुरुआती शिक्षा मीरगंज हाईस्कूल से पूरी की और स्नातक की पढ़ाई महिला कॉलेज पूर्णिया से की। पीएचडी मिथिला विवि से की। उनकी साहित्य में भी काफी रूचि है। उनकी प्रकाशित शोध ग्रंथ में जगदीश चंद्र माथुर के नाटकों में परंपरा और प्रयोग है। इसके अलावा उनकी प्रकाशित कविता संग्रह मुहिम के स्वर, बौर की गंध, तभी तो प्रेम ईश्वर के करीब आदि हैं। इसके अलावा आजकल, समयांतर, पाखी, वार्ता, दैनिक जागरण में लेख प्रकाशित हो चुके हैं। इनका कहना है कि शिक्षक राष्ट्रनिर्माता होते हैं। शिक्षकों को हमेशा इस भावना को जेहन में रखना चाहिए।
-------------------------------------------------------------------------------------------------------
---विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के स्वरूप को उतारा---
फोटो-4पीआरएन:-15
राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए नामित आदर्श मवि बीकोठी के प्रभारी प्रधानाध्यापक विजेंद्र कुमार ¨सह ने विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के ¨बदुओं को उतारा। इसके तहत उन्होंने बच्चों की उपस्थिति, वर्ग संचालन, साफ-सफाई, क्लास रूटिन आदि चीजों को लागू किया। वे अक्टूबर 1982 में शिक्षक की सेवा में आए। उनकी पहली ज्वाइ¨नग आदर्श मवि रानीगंज अररिया में हुई थी। इसके बाद आदर्श मवि मिर्जापुर अररिया में रहे। वर्ष 2007 के अक्टूबर में आदर्श मवि बीकोठी आए। इनका मानना है कि पुरस्कार के बाद जवाबदेही बढ़ जाती है। शिक्षकों को हमेशा अपनी मर्यादा और आचरण को ध्यान में रखना चाहिए।
---------------------------------------------------------------------
--बीबीएम की प्रधानाध्यापिका को राज्य पुरस्कार--
फोटो-4पीआरएन:-19
बीबीएम की प्रधानाध्यापिका ममता कुमारी मंगलवार को राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होंगी। उन्होंने सितंबर 1997 में सुपौल जिले के विलियम्स उवि से अपनी सेवा शुरू की। इसके बाद नवंबर 1997 में स्थानांतरित होकर सुमरित उवि बनमनखी आ गई। अक्टूबर 2014 में प्रधानाध्यापिक के रूप में प्रोन्नत होकर बीबीएम आ गई। उन्होंने दो विषय राजनीतिशास्त्र और गृहविज्ञान में एमए की है। अध्यन-अध्यापन के साथ-साथ खाना बनाने और सिलाई-कटाई का शौक रखती हैं। वे मूल रूप से नवटोल मुरलीगंज की रहने वाली हैं। इनके पति सुनील कुमार ¨सह भी सुमरित उवि में शिक्षक हैं। इनका कहना है कि पुरस्कार मिलने से आत्मविश्वास बढ़ता है। यह शिक्षकों के लिए एक सम्मान की बात है।
----------------------------------
--मवि मिल्की शरणार्थी की प्रधानाध्यापिका हैं रंभा सिन्हा--
फोटो-4पीआरएन:-18
राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित रंभा सिन्हा मवि मिल्की शरणार्थी की प्रभारी प्रधानाध्यापिका हैं। इन्होंने जनवरी 1988 में बुनियादी वि दिबरा बाजार बीकोठी से अपनी सेवा शुरू की। इसके बाद प्राथमिक वि शिक्षा नगर बनमनखी, कन्या मवि भट्ठा, आदर्श मवि अनुपनगर बेलौरी, मवि उफरैल में सेवा देते हुए 2010 में मवि धरहरा भुनाई बनमनखी की प्रधानाध्यापिका बनी। वहां से मवि विद्युत कॉलोनी होते हुए वर्तमान में मवि मिल्की शरणार्थी में प्रधानाध्यापिका हैं। इन्होंने दो विषय इतिहास और संस्कृत में एमए की है। इनका कहना है कि पुरस्कार अपने आप में एक बड़ी बात होती है। इसका जीवन पर्यंत निर्वहन उससे भी बड़ी बात होती है।
--------------------------------
--जमीन दान लेकर बनवाया घर--
फोटो-4पीआरएन:-20
राजकीय शिक्षक पुरस्कार 2016 के लिए चयनित शोभानंद ¨सह मवि कोठी टोल बीकोठी के प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं। इन्होंने एक अगस्त 1987 को नवसृजित प्राथमिक विद्यालय नवटोलिया संथाल धमदाहा पूर्व में अपना योगदान दिया। योगदान देने के बाद इन्होंने सबसे पहले जमीन दान लेकर जन सहयोग से घर बनवाया। इनका मानना है कि शिक्षक बच्चों के लिए एक आदर्श होते हैं। इसलिए उन्हें हमेशा अपने आदर्शों को बनाए रखना चाहिए।
-------------------------------------
--पर्यावरण से है विशेष अभिरूचि--
फोटो-4पीआरएन:-21
पांच सितंबर को राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होने वाले हफीज अनवर को पर्यावरण से विशेष अभिरूचि है। यही कारण है कि वे स्वयं के साथ-साथ स्कूल के छात्र-छात्राओं को भी पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। एक अप्रैल 1987 को कलानंद उवि बढ़बनैली में समाजशास्त्र शिक्षक के रूप में अपनी सेवा शुरू करने वाले हफीज अनवर फिलहाल अंचित साह उवि बेलौरी के प्रभारी प्रधानाध्यापक हैं। इन्होंनें उवि अररिया में भी अपना योगदान दिया। 2003 से 2015 तक कलानंद उवि में रहे। एक अगस्त 2015 को अंचित साह उवि बैलोरी में सहायक शिक्षक के रूप में योगदान किया। एक जनवरी 2017 से प्रभारी हेडमास्टर हैं। इनका मानना है कि एक शिक्षक का पेशा अपने आप को गौरवान्वित करने वाला पेशा है। इसलिए शिक्षक को हमेशा एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए।