सीतामढ़ी : संयुक्त शिक्षक संघर्ष मोरचा ने डीएम को आवेदन देकर
नवप्रोन्नत प्रधानाध्यापकों के पदस्थापन के लिए की गयी काउंसेलिंग में
अनियमितता का आरोप लगाते हुए काउंसेलिंग पंजी व निर्गत पदस्थापन पत्र की
गहन जांच कर त्रुटि का निराकरण करने की मांग की है. मोरचा के शिक्षक अशोक
कुमार, प्रमोद कुमार, पंकज कुमार, राधेश्याम सिंह, सुनील कुमार, अनिल कुमार
व शत्रुध्न प्रसाद ने डीएम को दिये आवेदन में आरोप लगाया है कि प्रखंडवार
आवंटित विद्यालयों की रिक्तियों का उल्लंघन किया गया है. सूचनापट्ट पर
पदस्थापन के लिए आवंटित विद्यालयों के अलावा भी कई विद्यालयों के लिए
काउंसेलिंग की गयी है. शिक्षकों द्वारा काउंसेलिंग पंजी में दर्ज इच्छित
विद्यालय के स्थान पर ओवरराइटिंग कर अन्य विद्यालय का नाम अंकित कर दिया
गया है.
उपनिदेशक के आदेश का नहीं किया गया पालन: मोरचा के सदस्यों ने आरोप
लगाया है कि काउंसेलिंग के समय कुछ शिक्षकों को बताया गया कि बथनाहा,
डुमरा, बाजपट्टी व रीगा आदि प्रखंडों की रिक्ति शून्य है, जबकि उसके बाद
काउंसेलिंग कराने आये कुछ शिक्षकों को उक्त प्रखंडों में विद्यालय आवंटित
कर विद्यालय में पदस्थापन किया गया है.
शिक्षकों ने कहा है कि 28.7.16 की हुई प्रोन्नति समिति की बैठक के
आलोक में क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक द्वारा डीइओ को बैठक में बरती गयी
अनियमितता को दूर करने के लिए प्रोन्नति समिति की फिर से बैठक कराने का
निर्देश दिया गया था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जो प्रोन्नति पर प्रश्न
चिह्न लगाता है.
नियम का किया गया उल्लंघन
विभागीय निर्देश के अनुसार जिस विद्यालय में रिक्ति है, यदि उस
विद्यालय में प्रोन्नत शिक्षक पदस्थापन चाहते हैं तो उनका पदस्थापन वहीं
करना है, जबकि ऐसा नहीं किया गया है. नवप्रोन्नत प्रधानाध्यापक को विद्यालय
में पदस्थापन के लिए पदस्थापना समिति की बैठक के बाद विद्यालय आवंटित कर
पदस्थापना किया जाना है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है. डीइओ के अनुसार
काउंसेलिंग के लिए प्रखंडवार विद्यालयों का चिह्निकरण सूचना पट्ट पर अधिकतम
छात्र संख्या के अनुसार इंगित करना था, जिसका अनुपालन नहीं किया गया है.
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