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बिहार : अब सीधे शिक्षकों के खाते में जायेगा पैसा

विभाग की मंजूरी के बाद होगा लागू
पटना : बिहार के प्रारंभिक लेकर प्लस टू स्कूलों के 3.58 लाख नियोजित शिक्षकों के   वेतन की राशि अब राज्य मुख्यालय से ही सीधे उनके बैंक खातों में जायेगी.  सरकार ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. शिक्षा विभाग और वित्त विभाग की  सहमति के बाद से इसे लागू कर दिया जायेगा.

फिलहाल जिलों से शिक्षकों के  बैंक खातों में वेतन की राशि जाती है. जिलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति (अबसेंटी) की समस्या आ रही है. विभागीय अधिकारी इसका समाधान निकालने की तैयारी कर रहे हैं और अन्य सरकारी कर्मचारियों के तर्ज पर नियोजित शिक्षकों  को भी सीधे वेतन का भुगतान करने की व्यवस्था की जा रहा है.

वर्तमान में हर  जिले में डीपीओ (स्थापना) प्रखंड स्तर पर अबसेंटी  लेते हैं और उसे ट्रेजरी  में जमा करते हैं. इसके बाद राशि बीडीओ व नियोजन  इकाई के सचिव के खातों से  होते हुए शिक्षकों के खातों में चली जाती है. शिक्षा  विभाग के सूत्रों  की मानें तो फिलहाल महीने की 21 से 20 तारीख तक  शिक्षकों की अबसेंटी ली  जाती है.

उसे कम कर महीने के दूसरे सप्ताह तक करने  की तैयारी की जा रही है. साथ ही सरकार यह भी तैयारी कर रही है कि जिलों  के साथ-साथ राज्य स्तर पर  भी जिलावार शिक्षकों की एबसेंटी ली जाये. वहीं,  डीपीओ उस एबसेंटी को जिला  स्तर पर ट्रेजरी में जमा करायेंगे. इसके बाद  वित्त विभाग जिला स्तर के  बैंकों से तालमेल बैठा कर उस रिपोर्ट के आधार पर  सीधे शिक्षकों के खातों में  राशि भेज देगा.

फिलहाल डीपीओ के खाते में जारी है राशि

वर्तमान में नियोजित शिक्षकों के लिए राज्य सरकार व सर्वशिक्षा अभियान की ओर से   राशि दी है. राज्य सरकार 35 हजार हाइ व प्लस टू स्कूलों के शिक्षकों व पुस्तकालय अध्यक्षों और 66 हजार प्रारंभिक स्कूलों के शिक्षकों को पूरी राशि देती है, जबकि सर्वशिक्षा अभियान से प्रारंभिक स्कूलों के 2.57 लाख शिक्षकों को वेतन दिया जाता है.

इसमें 65% केंद्र और 35% राशि राज्य  सरकार  को देनी होती है. यह राशि अलग-अलग डीपीओ के खाते में जाती है. इसके  बाद  उसे बीडीओ के खाते  में भेजा जाता है और वहां से ट्रेजरी के जरिये   शिक्षकों के खातों में चल जाती है. इससे पहले डीपीओ प्रखंडों से शिक्षकों  की अबसेंटी लेते हैं और उसे पास कराने के लिए ट्रेजरी भेजते हैं, तब जाकर राशि जारी होती है.

यह प्रक्रिया लागू होने के बाद शिक्षकों को महीने की पहली तारीख को वेतन मिल  सकेगा. पिछले सवा साल से तीन से चार माह तक शिक्षकों को वेतन का इंतजार  करना पड़ रहा है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मानें, तो शिक्षकों के  वेतन की राशि वित्त विभाग से जारी होने से वह कहां खर्च की गयी, उसकी जानकारी मिल सकेगी और उपयोगिता प्रमाणपत्र देने की बाध्यता भी नहीं रहेगी.

वर्तमान व्यवस्था

मुख्यालय से पहले डीपीओ और फिर बीडीओ के खाते  में भेजी जाती है राशि. इसके बाद वहां से ट्रेजरी के  जरिये  शिक्षकों के खातों में.

अब यह होगी व्यवस्था

राज्य मुख्यालय से सीधे शिक्षकों के खातों में वेतन की राशि भेजी जायेगी. उपयोगिता प्रमाणपत्र देने की बाध्यता भी नहीं रहेगी.
रिटायरमेंट के तुरंत बाद पेंशन व सेवांत लाभ

पटना : राज्यकर्मियों को अब रिटायरमेंट के साथ ही पेंशन समेत सभी सेवांत लाभ मिल जायेंगे. इसकाे लेकर कोर्ट में दायर मामलों से आजिज राज्य सरकार नयी व्यवस्था करने जा रही है.

एक ओर जहां कर्मियों की सर्विस बुक ऑनलाइन की जायेगी, वहीं दूसरी रिटायरमेंट के एक साल पूर्व से ही पेंशन और अन्य सेवांत लाभ मुहैया कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी और कर्मियों से संबंधित दस्तावेज ले लिये जायेंगे. मुख्य सचिव ने सेवांत लाभ की समीक्षा बैठक में सभी विभागों के प्रधान सचिव और सचिवों को निर्देश दिया है कि कर्मियों को रिटायरमेंट के साथ ही उनके सभी सेवांत लाभ देने की गारंटी की जाये.

संबंधित कर्मियों और अधिकारियों को रिटायरमेंट के एक माह पूर्व ही सभी सेवांत लाभ दे दिये जायेंगे. सरकार के इस निर्णय से राज्य के लगभग तीन लाख से अधिक स्थायी सरकारी सेवकों और पदाधिकारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन व अन्य सेवांत लाभ को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होगी.

अब पीएफ की समस्या दूर करेगा पीएफ निदेशालय

मुख्य सचिव ने जारी निर्देश में कहा है कि कर्मियों के सेवानिवृत्ति लाभ में पीएफ की गणना की सबसे बड़ी समस्या होती है. नये निर्देश के अनुसार अब पीएफ की समस्या पीएफ कमिश्नर को सौंपी जायेगी. संबंधित कर्मचारी और अधिकारी की पीएफ संबंधी सभी समस्याओं को दूर कर सरकार को सूचित करेगा. इससे कर्मियों को सेवानिवृत्ति के साथ ही पीएफ का लाभ मिल जायेगा. इस निर्णय से सेवानिवृत्त कर्मियों को पीएफ के लिए कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा.

ऑनलाइन होगी सर्विस बुक

अब राज्य के सभी कर्मियों की सर्विस बुक ऑनलाइन की जायेगी. इसकी जिम्मेवारी सूचना प्रावैधिकी विभाग को दी गयी है.  मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि विभाग दूसरे राज्यों में सर्विस बुक के आॅनलाइन व्यवस्था का अध्ययन कर बिहार में भी इसकी व्यवस्था शुरू करें. इससे सर्विस अपडेट नहीं होने की वजह से सेवांत लाभ मिलने में देरी की समस्या से निबटा जा सकता है.
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) पूर्व महासचिव राम बली प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार के इस निर्णय से आनेवाले समय में राज्य के लगभग तीन लाख से अधिक कर्मियों को रिटायरमेंट के बाद कोई परेशानी नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि कई बार सर्विस बुक के अपडेट नहीं होने के कारण पेंशन और सेवांत लाभ मिलने में परेशानी होती है. सरकार के इस इंतजाम से कर्मियों को राहत मिलेगी.  बिहार प्रशासनिक सेवा संघ के महासचिव सुशील कुमार ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से रिटायरमेंट के बाद कोई परेशानी नहीं होगी.
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