जमुई। निगरानी विभाग को फोल्डर सौंपने की मियाद पूरी होने में महज छह
दिन शेष बचे हैं। हाईकोर्ट ने दो महीने में मामले को निपटाने का निर्देश
दिया है। इसके बाद शिथिल बने शिक्षा विभाग हरकत में आ गई है। विभाग के
प्रधान सचिव डा. डीएस गंगवार ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को 30 जुलाई तक
सभी नियोजित प्रारंभिक शिक्षकों के फोल्डर को जमा करने का निर्देश दिया है।
साथ ही लापरवाह नियोजन इकाई के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए अनुशंसा जिलाधिकारी से करने की बात कही है। लेकिन नियोजन इकाई बेफि क्र बना है। बीइओ व जिला प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर पंचायत सचिवों के तबादले किए जाने के बाद विभागीय पदाधिकारी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक 3028 नियोजित शिक्षकों के फोल्डर अपूर्ण हैं। नियोजन इकाई द्वारा सौंपे गए इन फोल्डरों में मेधा सूची नहीं दिया है। जबकि निगरानी द्वारा विशेष कर मेधा सूची की मांग की गई है। अब सवाल यह उठता है कि जिन पंचायतों में नियमानुसार नियोजन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। वहां के नियोजित शिक्षकों का मेधा सूची कहां मिलेगा। वैसे में फर्जी तरीके से बहाल शिक्षक पर कार्रवाई मुश्किल दिख रही है।
72 नियोजन इकाई पर दर्ज हुई प्राथमिकी
फोल्डर जमा नहीं करने के मामले में अब तक 72 नियोजन इकाई पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। लेकिन इस कार्रवाई का भी कोई खास असर लापरवाह बने नियोजन इकाई पर नहीं पड़ा है। दरअसल प्रशासनिक सहयोग न मिलने की वजह से शिक्षा विभाग भी असहाय बन गया। वैसे इस मामले में अलीगंज प्रखंड में एक पंचायत सचिव को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। लेकिन अन्य पंचायत सचिव बेफिक्र हैं।
चूहे ने बढ़ाई विभाग की परेशानी
निगरानी को सौंपे गए 3472 फोल्डर में चार सौ मेधा सूची की स्थिति पढ़ने लायक नहीं है। नियोजन इकाई ने उन मेधा सूची को चूहे द्वारा कुतरने की बात विभाग को बताई है।
निगरानी जांच में पेंच यहां पर आकर फंस गया है।
कोट
'28 जुलाई तक कुछ फोल्डरों को पूर्ण कर निगरानी को सौंपा जाएगा। शेष अपूर्ण फोल्डर की जानकारी विभाग को दे दी जाएगी। ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके'।
डा. महेन्द्र झा
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी,जमुई
खास बातें
* नियोजित प्रारंभिक शिक्षकों की संख्या-6500
* निगरानी को भेजे गए फोल्डरों की संख्या-3472
* शिक्षा विभाग को प्राप्त अपूर्ण फोल्डर-3028
* एक पंचायत सचिव गिरफ्तार
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साथ ही लापरवाह नियोजन इकाई के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए अनुशंसा जिलाधिकारी से करने की बात कही है। लेकिन नियोजन इकाई बेफि क्र बना है। बीइओ व जिला प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर पंचायत सचिवों के तबादले किए जाने के बाद विभागीय पदाधिकारी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक 3028 नियोजित शिक्षकों के फोल्डर अपूर्ण हैं। नियोजन इकाई द्वारा सौंपे गए इन फोल्डरों में मेधा सूची नहीं दिया है। जबकि निगरानी द्वारा विशेष कर मेधा सूची की मांग की गई है। अब सवाल यह उठता है कि जिन पंचायतों में नियमानुसार नियोजन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। वहां के नियोजित शिक्षकों का मेधा सूची कहां मिलेगा। वैसे में फर्जी तरीके से बहाल शिक्षक पर कार्रवाई मुश्किल दिख रही है।
72 नियोजन इकाई पर दर्ज हुई प्राथमिकी
फोल्डर जमा नहीं करने के मामले में अब तक 72 नियोजन इकाई पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। लेकिन इस कार्रवाई का भी कोई खास असर लापरवाह बने नियोजन इकाई पर नहीं पड़ा है। दरअसल प्रशासनिक सहयोग न मिलने की वजह से शिक्षा विभाग भी असहाय बन गया। वैसे इस मामले में अलीगंज प्रखंड में एक पंचायत सचिव को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। लेकिन अन्य पंचायत सचिव बेफिक्र हैं।
चूहे ने बढ़ाई विभाग की परेशानी
निगरानी को सौंपे गए 3472 फोल्डर में चार सौ मेधा सूची की स्थिति पढ़ने लायक नहीं है। नियोजन इकाई ने उन मेधा सूची को चूहे द्वारा कुतरने की बात विभाग को बताई है।
निगरानी जांच में पेंच यहां पर आकर फंस गया है।
कोट
'28 जुलाई तक कुछ फोल्डरों को पूर्ण कर निगरानी को सौंपा जाएगा। शेष अपूर्ण फोल्डर की जानकारी विभाग को दे दी जाएगी। ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके'।
डा. महेन्द्र झा
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी,जमुई
खास बातें
* नियोजित प्रारंभिक शिक्षकों की संख्या-6500
* निगरानी को भेजे गए फोल्डरों की संख्या-3472
* शिक्षा विभाग को प्राप्त अपूर्ण फोल्डर-3028
* एक पंचायत सचिव गिरफ्तार
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