प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने अगले चार वर्षों (2016-2020) के दौरान एक करोड़ से अधिक लोगों को कौशल प्रशिक्षण देने के लिए 12 हजार करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) को मंजूरी दी है।
पीएमकेवीवाई में 60 लाख युवाओं को नए सिरे से प्रशिक्षण दिया जाएगा और पूर्व शिक्षा की पहचान (आरपीएल) के अधीन अर्जित 40 लाख लोगों के अनौपचारिक कौशल को भी प्रमाणित किया जाएगा। आरपीएल और नए प्रशिक्षणों के मध्य लक्ष्य आवंटन घटाया-बढ़ाया जा सकेगा और क्रियात्मक तथा परिचालन संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर इसका परस्पर विनिमय भी किया जा सकेगा।
यह योजना पूर्व अधिसूचित सामान्य मानदंडों के अनुरूप होगी और अनुदान मॉडल के आधार पर आगे बढ़ेगी। इसमें प्रशिक्षण और मूल्यांकन लागत की सीधे ही प्रशिक्षण प्रदाता और मूल्यांकन निकायों को सामान्य मानदंडों के अनुरूप प्रतिपूर्ति की जाएगी।
प्रशिक्षुओं को वित्तीय सहायता यात्रा भत्ता, आवास और भोजन की लागत के रूप में दी जाएगी। लाभार्थियों को नियोजन सहायता सीधे ही प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से दी जाएगी। बेहतर पारदर्शिता और लक्ष्य निर्धारण के लिए प्रशिक्षण भागीदारों को प्रशिक्षण की लागत के संवितरण को आधार कार्ड और बॉयोमीट्रिक्स से जोड़ा जाएगा। कौशल प्रशिक्षण राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचे (एनएसक्यूएफ) के अनुरूप उद्योग के मानकों के आधार पर दिया जाएगा।
विभिन्न राज्यों की विशिष्ट कौशल आवश्यकताओं के समाधान की जरूरत के संबंध में कौशल विकास पर मुख्यमंत्रियों के उप-समूह की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों को पीएमकेवीवाई 2016-2020 के अधीन परियोजना आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से शामिल किया जाएगा। इस योजना के तहत वित्तीय और वस्तुगत दोनों तरह के कुल प्रशिक्षण का 25 प्रतिशत लक्ष्य का आवंटन किया जाएगा। पीएमकेवीवाई के अगले चरण के कुल प्रशिक्षण लक्ष्यों का 25 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्यों को सीधे ही वित्तीय राशि/बजट आवंटित किया जाएगा।
प्रशिक्षुओं के जुटाव, निगरानी और प्रशिक्षण के बाद नियोजन का कार्य रोजगार मेलों और कौशल शिविरों के माध्यम से किया जाएगा। जैसा कि सामान्य मानदंडों में निर्देश दिया गया है नियोजन को प्रोत्साहन/हतोत्साहन से जोड़ते हुए प्रशिक्षुओं के नियोजन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। परंपरागत नौकरियों के लिए अनौपचारिक प्रशिक्षण हेतु एक परियोजना आधारित दृष्टिकोण का भी प्रस्ताव किया गया है। पीएमकेवीवाई में घरेलू कौशल जरूरतों को पूरा करने के अलावा खाड़ी के देशों, यूरोप और अन्य विदेशी स्थलों में रोजगार के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा।
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पीएमकेवीवाई में 60 लाख युवाओं को नए सिरे से प्रशिक्षण दिया जाएगा और पूर्व शिक्षा की पहचान (आरपीएल) के अधीन अर्जित 40 लाख लोगों के अनौपचारिक कौशल को भी प्रमाणित किया जाएगा। आरपीएल और नए प्रशिक्षणों के मध्य लक्ष्य आवंटन घटाया-बढ़ाया जा सकेगा और क्रियात्मक तथा परिचालन संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर इसका परस्पर विनिमय भी किया जा सकेगा।
यह योजना पूर्व अधिसूचित सामान्य मानदंडों के अनुरूप होगी और अनुदान मॉडल के आधार पर आगे बढ़ेगी। इसमें प्रशिक्षण और मूल्यांकन लागत की सीधे ही प्रशिक्षण प्रदाता और मूल्यांकन निकायों को सामान्य मानदंडों के अनुरूप प्रतिपूर्ति की जाएगी।
प्रशिक्षुओं को वित्तीय सहायता यात्रा भत्ता, आवास और भोजन की लागत के रूप में दी जाएगी। लाभार्थियों को नियोजन सहायता सीधे ही प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से दी जाएगी। बेहतर पारदर्शिता और लक्ष्य निर्धारण के लिए प्रशिक्षण भागीदारों को प्रशिक्षण की लागत के संवितरण को आधार कार्ड और बॉयोमीट्रिक्स से जोड़ा जाएगा। कौशल प्रशिक्षण राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचे (एनएसक्यूएफ) के अनुरूप उद्योग के मानकों के आधार पर दिया जाएगा।
विभिन्न राज्यों की विशिष्ट कौशल आवश्यकताओं के समाधान की जरूरत के संबंध में कौशल विकास पर मुख्यमंत्रियों के उप-समूह की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों को पीएमकेवीवाई 2016-2020 के अधीन परियोजना आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से शामिल किया जाएगा। इस योजना के तहत वित्तीय और वस्तुगत दोनों तरह के कुल प्रशिक्षण का 25 प्रतिशत लक्ष्य का आवंटन किया जाएगा। पीएमकेवीवाई के अगले चरण के कुल प्रशिक्षण लक्ष्यों का 25 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्यों को सीधे ही वित्तीय राशि/बजट आवंटित किया जाएगा।
प्रशिक्षुओं के जुटाव, निगरानी और प्रशिक्षण के बाद नियोजन का कार्य रोजगार मेलों और कौशल शिविरों के माध्यम से किया जाएगा। जैसा कि सामान्य मानदंडों में निर्देश दिया गया है नियोजन को प्रोत्साहन/हतोत्साहन से जोड़ते हुए प्रशिक्षुओं के नियोजन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। परंपरागत नौकरियों के लिए अनौपचारिक प्रशिक्षण हेतु एक परियोजना आधारित दृष्टिकोण का भी प्रस्ताव किया गया है। पीएमकेवीवाई में घरेलू कौशल जरूरतों को पूरा करने के अलावा खाड़ी के देशों, यूरोप और अन्य विदेशी स्थलों में रोजगार के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कौशल विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा।
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