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बाहर आया फर्जी शिक्षक का जिन्न

 बक्सर। प्रारंभिक विद्यालयों में तैनात नियोजित शिक्षकों की जांच को लेकर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। जिलाधिकारी रमण कुमार ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी व पंचायत सचिवों को शनिवार तक नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। ताकि, शिक्षकों के जांच से संबंधित फोल्डर को ससमय निगरानी को सुपुर्द किया जा सके।

विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी द्वारा जारी पत्र में सख्त आदेश दिया गया है कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी व पंचायत सचिव हर हाल में शनिवार तक नियोजन से संबंधित सभी प्रकार के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक कागजात प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को उपलब्ध करा दें। अगर उनके द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो संबंधित पदाधिकारी या कर्मचारी पर विभागीय व कानूनी कार्रवाई की जायेगी। डीएम ने इस मामले में किसी हाल में लापरवाही नहीं बरतने की कड़ी चेतावनी दी है। बताया जाता है कि इस बाबत विभाग ने भी कई बार इन अधिकारियों से पत्राचार किया। लेकिन, चुनाव आदि का बहाना बनाकर ये कागजात अभी तक उपलब्ध नहीं कराये गये। लिहाजा, जिलाधिकारी को इसको लेकर आदेश जारी करना पड़ा। अब देखना है इस पत्र पर प्रखंड विकास पदाधिकारी व पंचायत सचिव कितना संज्ञान लेते हैं। जाहिर हो, नियोजित शिक्षकों की बहाली की जांच हाईकोर्ट के आदेश के आलेाक में निगरानी विभाग द्वारा की जा रही है। इसी के तहत जिले में भी निगरानी विभाग द्वारा शिक्षकों की बहाली की जांच चल रही है।

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