पटना। फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्त 127 माध्यमिक व
उच्च माध्यमिक शिक्षकों, चार पुस्तकालयाध्यक्षों और 42 नियोजन इकाइयों के
खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज कर ली है। यह
पहला मौका है जब निगरानी ने शिक्षक नियुक्ति में हुए फर्जीवाड़ा मामले में
इतने बड़े स्तर पर प्राथमिकी दर्ज की है। जबकि इससे पहले जिला स्तर पर थानों
में कुछ प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं।
फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र के आधार पर जिन 127 नियोजित शिक्षकों के खिलाफ निगरानी थाने में गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है उनमें सबसे अधिक शिक्षक जहानाबाद के हैं। जहानाबाद से कुल 52 नियोजित शिक्षकों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। जबकि रोहतास से 33 और राजधानी पटना के चार शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच के क्रम में पाया गया कि इस फर्जीवाड़े में कई नियोजन इकाइयां भी शामिल हैं। इतना ही नहीं, ये नियोजन इकाइयां फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की जांच में ब्यूरो के साथ असहयोगात्मक रवैया अपना रखा था। यही कारण है कि निगरानी ब्यूरो ने राज्य के 11 जिलों की कुल 42 नियोजन इकाइयों के विरुद्ध भी पटना स्थित निगरानी थाने में मुकदमा दर्ज किया है। इसमें सबसे अधिक आठ नियोजन इकाइयां राजधानी पटना की हैं जबकि जहानाबाद की पांच, समस्तीपुर की पांच, औरंगाबाद की सात, सारण की तीन, खगड़िया की पांच, मधुबनी की तीन, मोतिहारी की एक, मुजफ्फरपुर की दो, गया की एक तथा रोहतास की दो इकाइयां शामिल हैं। इन सभी नियोजन इकाइयों पर यह भी आरोप है कि उन्होंने कहीं प्रत्यक्ष तो कहीं परोक्ष रूप से फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों को लाभ पहुंचाया है। निगरानी के सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में जांच के आधार पर और भी प्राथमिकियां दर्ज की जाएंगी। साथ ही, जांच में सहयोग नहीं करने वाली नियोजन इकाइयों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
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फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र के आधार पर जिन 127 नियोजित शिक्षकों के खिलाफ निगरानी थाने में गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है उनमें सबसे अधिक शिक्षक जहानाबाद के हैं। जहानाबाद से कुल 52 नियोजित शिक्षकों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। जबकि रोहतास से 33 और राजधानी पटना के चार शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच के क्रम में पाया गया कि इस फर्जीवाड़े में कई नियोजन इकाइयां भी शामिल हैं। इतना ही नहीं, ये नियोजन इकाइयां फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की जांच में ब्यूरो के साथ असहयोगात्मक रवैया अपना रखा था। यही कारण है कि निगरानी ब्यूरो ने राज्य के 11 जिलों की कुल 42 नियोजन इकाइयों के विरुद्ध भी पटना स्थित निगरानी थाने में मुकदमा दर्ज किया है। इसमें सबसे अधिक आठ नियोजन इकाइयां राजधानी पटना की हैं जबकि जहानाबाद की पांच, समस्तीपुर की पांच, औरंगाबाद की सात, सारण की तीन, खगड़िया की पांच, मधुबनी की तीन, मोतिहारी की एक, मुजफ्फरपुर की दो, गया की एक तथा रोहतास की दो इकाइयां शामिल हैं। इन सभी नियोजन इकाइयों पर यह भी आरोप है कि उन्होंने कहीं प्रत्यक्ष तो कहीं परोक्ष रूप से फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्त शिक्षकों को लाभ पहुंचाया है। निगरानी के सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में जांच के आधार पर और भी प्राथमिकियां दर्ज की जाएंगी। साथ ही, जांच में सहयोग नहीं करने वाली नियोजन इकाइयों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
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