किशनगंज। जिला शिक्षा एंव प्रशिक्षण संस्थान(डायट) किशनगंज से दो वर्षीय डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन(डीइडी) कोर्स पूरा करने के बाद प्रशिक्षित अभ्यर्थियों को शिक्षक की नौकरी मिलना तय था। इसके लिए सत्र 2011-13 और 2012-14 में लगभग 98 अभ्यर्थियों ने नामांकन करवाकर प्रशिक्षण पूरा किया। यह बातें रविवार को बेरोजगार प्रारंभिक प्रशिक्षित शिक्षक संघ के अध्यक्ष मृत्यंजय कुमार ने सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी को ज्ञापन सौंपने के उपरांत कही।
उन्होंने बताया कि डिप्लोमा इन एलीमेंटरी कोर्स के लिए जब अभ्यर्थियों का नामांकन लिया गया। उस समय टीइटी परीक्षा उत्तीर्णता की कोई शर्त नही थी। दो वर्षीय डीइडी प्रशिक्षण के लिए अभ्यर्थियों को प्रति वर्ष शुल्क स्वरुप बीस हजार रुपये जमा करने पड़े थे। गरीब व मेघावी अभ्यर्थियों का चयन इस डीइडी प्रशिक्षण के लिए मेघा अंक के आधार पर किया गया। लेकिन अफसोस की बात यह है कि डायट संस्थान से प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक नियोजन में शामिल नहीं किया गया। साथ ही इनके नियोजन के लिए राज्य सरकार द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नही की गई। इस बावत डीइडी प्रशिक्षण पूरा करने वाले अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है। ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रुप से मो. मारुफ आलम, मो. जहांगीर, शमशाद और प्रहलाद कुमार बसाक सहित कई अभ्यर्थी मौजूद थे।
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डायट प्रशिक्षित डीइडी अभ्यर्थियों के साथ राज्य सरकार को न्याय करनी चाहिए। जिससे कि इन अभ्यर्थियों को शिक्षक की नौकरी मिल सके। अभी चुनाव का समय आ गया है। चुनाव के बाद इस मुद्दे पर राज्य सरकार से वार्ती की की जाएगी ।
मौलाना असरारुल हक कासमी, सांसद, किशनगंज।

सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
उन्होंने बताया कि डिप्लोमा इन एलीमेंटरी कोर्स के लिए जब अभ्यर्थियों का नामांकन लिया गया। उस समय टीइटी परीक्षा उत्तीर्णता की कोई शर्त नही थी। दो वर्षीय डीइडी प्रशिक्षण के लिए अभ्यर्थियों को प्रति वर्ष शुल्क स्वरुप बीस हजार रुपये जमा करने पड़े थे। गरीब व मेघावी अभ्यर्थियों का चयन इस डीइडी प्रशिक्षण के लिए मेघा अंक के आधार पर किया गया। लेकिन अफसोस की बात यह है कि डायट संस्थान से प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक नियोजन में शामिल नहीं किया गया। साथ ही इनके नियोजन के लिए राज्य सरकार द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नही की गई। इस बावत डीइडी प्रशिक्षण पूरा करने वाले अभ्यर्थियों का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है। ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रुप से मो. मारुफ आलम, मो. जहांगीर, शमशाद और प्रहलाद कुमार बसाक सहित कई अभ्यर्थी मौजूद थे।
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डायट प्रशिक्षित डीइडी अभ्यर्थियों के साथ राज्य सरकार को न्याय करनी चाहिए। जिससे कि इन अभ्यर्थियों को शिक्षक की नौकरी मिल सके। अभी चुनाव का समय आ गया है। चुनाव के बाद इस मुद्दे पर राज्य सरकार से वार्ती की की जाएगी ।
मौलाना असरारुल हक कासमी, सांसद, किशनगंज।
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