जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों ने शिक्षा विभाग में एक हफ्ते की रिपोर्ट सौंपी
डीपीओ को नौ जुलाई तक नियोजित शिक्षकों से इस्तीफा लेने का निर्देश
पटना : पटना हाइकोर्ट के अल्टीमेटम के बाद अब तक राज्य भर में फर्जी प्रमाणपत्रों पर कार्यरत 129 नियोजित शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है. ये इस्तीफे बीते 10 दिनों के अंदर आये हैं. इसका खुलासा शुक्रवार को शिक्षा विभाग में सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों और निगरानी विभाग के अधिकारियों की बैठक में हुआ.
जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों ने शिक्षा विभाग में एक हफ्ते की रिपोर्ट सौंपी. इस रिपोर्ट में प्रारंभिक स्कूलों (क्लास एक से आठ) के 119 नियोजित शिक्षकों ने और हाइ व प्लस टू स्कूलों के 10 नियोजित शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है. जमुई में सबसे ज्यादा 20 नियोजित शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है, जबकि अररिया में 12 शिक्षकों ने अपना त्यागपत्र दिया है. प्रारंभिक स्कूलों में बहाल पंचायत-प्रखंड शिक्षकों की बात करें, तो 14 जिलों से एक भी शिक्षकों ने अब तक इस्तीफा नहीं दिया है, जबकि अन्य 24 जिलों में एक से 20 नियोजित शिक्षकों ने त्यागपत्र दे दिया है.
शिक्षकों ने लिखित रूप से अपनी नियोजन इकाई में पत्र दिया कि वे स्वेच्छा से अपनी नौकरी छोड़ रहे हैं. बैठक में डीपीओ को निर्देश दिया गया कि वे नौ जुलाई तक नियोजित शिक्षक इस्तीफा लेने का निर्देश दिया है. अगर कोई शिक्षक 10 जुलाई को अपना इस्तीफा लेकर आता है, तो वह मान्य नहीं होगा. उस पर भी कार्रवाई की जायेगी. डीपीओ को कहा गया कि 10-11 जुलाई को वे अपने-अपने जिलों में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की बैठक बुला कर समीक्षा कर लेंगे कि किस स्कूल के किस शिक्षक ने इस्तीफा दिया.
इससे पहले बीइओ नियोजित इकाइयों से जिन शिक्षकों ने इस्तीफा दिया था, उसे एक जगह इकट्ठा कर लेंगे. इसके बाद विभागीय बैठक तय की जायेगी और जिलों को त्यागपत्र देने वाले शिक्षकों के नाम और संख्या के साथ आना होगा. विभाग ने निर्देश दिया कि अगर हाइकोर्ट के अल्टीमेटम की सूचना सभी स्कूलों में सही रूप से नहीं गयी है, तो सभी बीइओ अपने क्षेत्र के स्कूलों के प्रधानाध्यापकों की बैठक बुला उन्हें इसकी सूचना अपने स्कूल के शिक्षकों को देने को दें. बैठक में निगरानी की आइजी अनुपमा चंद्रा निलेकर, एसपी अश्विनी कुमार, एएसपी राकेश कुमार, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरबी चौधरी. बिहार शिक्षा परियोजना के अपर राज्य परियोजना निदेशक आरएस सिंह, उपनिदेशक अजीत कुमार, डीपीओ और प्रतिनियुक्त निगरानी के अफसर मौजूद थे.
हाइकोर्ट ने दिया था अल्टीमेटम
पटना हाइकोर्ट में 22 जून को निगरानी की टीम ने नियोजित शिक्षकों की ज्यादा संख्या का हवाला दिया था और समय की मांग की थी. हाइकोर्ट ने फर्जी प्रमाण पत्रों पर बहाल नियोजित शिक्षकों को अल्टीमेटम दिया था कि अगर वे स्वेच्छा से इस्तीफा दे देंते है,ं तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी. शिक्षा विभाग ने 23 जून को इसके लिए नौ जुलाई तक का डेडलाइन तय की थी.
कि अगर वे निर्धारित तिथि तक इस्तीफा दे देते हैं तो उन पर न तो प्राथमिकी दर्ज की जायेगी और न ही राशि की रिकवरी की जायेगी.
713 शिक्षकों का नियोजन हो चुका है रद्द
शिक्षा विभाग ने पूर्व में भी प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के 713 नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दिया है. पिछले सात सालों से विभागीय स्तर पर चल रही जांच प्रक्रिया में अवैध प्रमाण पत्र वाले 822 नियोजित शिक्षकों की पहचान की गयी. इसमें से 713 का नियोजन रद्द कर दिया गया है और 214 नियोजित शिक्षकों पर प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है. 19 मई 2015 तक शिक्षा विभाग में आये इस आंकड़ों के अनुसार अरवल, भोजपुर, दरभंगा, कैमूर, मधुबनी, सहरसा, सीतामढ़ी, सुपौल व पश्चिमी चंपारण ने अपनी रिपोर्ट नहीं दी थी.
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