पटना : फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी पानेवाले नियोजित शिक्षकों पर शिकंजा कसता जा रहा है. पटना हाइकोर्ट ने सोमवार को ऐसे शिक्षकों को सात दिनों के अंदर खुद नौकरी छोड़ देने का आदेश दिया है. मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी और न्यायाधीश सुधीर सिंह के खंडपीठ ने रंजीत पंडित एवं अन्य की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि यदि सात दिनों के अंदर फर्जी डिग्री पर बहाल होनेवाले नियोजित शिक्षक पदत्याग कर देंगे, तो उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जायेगा.
- वेतनमान कमेटी की अंतिम बैठक संपन्न : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
- नियोजित शिक्षकों के वेतनमान पर रिपोर्ट अगले सप्ताह : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
- School ab adhoc par rakh sakenge shikshak : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
- बिना बैंक एकाउंट के बच्चों को नहीं मिलेगी राशि : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
- नगर निगम से शिक्षक नियोजन संचिका गायब : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
- दस्तावेज जुटाने में नियोजन इकाईयों के छूट रहे पसीने : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
- उपवास कार्यक्रम को झारखंड प्रदेश पारा शिक्षक संघ देगा समर्थन : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
- उर्दू शिक्षकों 3 जुलाई को मेधा सूची का अंतिम प्रकाशन : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
- शिक्षक नियोजन : मंथर गति से हो रहा आवेदन जमा : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
- पंचायतों में शिक्षक नियोजन का जमा हो रहा आवेदन : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
- शिक्षक नियोजन: पहले दिन 72 आवेदन जमा : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
साथ ही दंडात्मक कार्रवाई को भी नजरअंदाज किया जायेगा. लेकिन, अगर वे ऐसा नहीं करते हैं और जांच के दौरान पकड़े जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वह दो दिनों में समाचार पत्रों में इस आशय का विज्ञापन जारी करे, जिसमें इस बात का जिक्र हो कि पटना हाइकोर्ट ने सात दिनों में ऐसे शिक्षकों को स्वयं नौकरी से हट जाने का आदेश दिया है.
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने करीब साढ़े तीन लाख शिक्षकों को नियोजित किया है. इनमें 40 हजार के करीब शिक्षक फर्जी डिग्री के आधार पर नियोजित हो गये हैं. कोर्ट से ऐसे शिक्षकों को पद से हटाने की मांग की गयी है. कोर्ट के निर्देश पर निगरानी ब्यूरो नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच कर रही है. खंडपीठ मंगलवार को भी इस मामले की सुनवाई करेगा.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान निगरानी ब्यूरो को जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया. निगरानी ब्यूरो के अधिकारियों ने बताया कि ब्यूरो के नौ अधिकारियों को जांच टीम में रखा गया है. इसके बाद भी निर्धारित समय में सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच पूरी नहीं हो सकता है.
उन्होंने कोर्ट को बताया कि जांच में अब तक तीन ही फर्जी मामले पकड़े गये हैं. जितने भी प्रमाणपत्र निगरानी को मिले हैं, उनमें अधिकतर राज्य के बाहर के संस्थानों के हैं. उन्हें जांच के लिए लिखा गया है. ब्यूरो ने कोर्ट से तीन महीने की अतिरिक्त समय की मांग की. इस पर कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ. कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार समय पर जांच पूरी नहीं हो पायेगी.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कहा कि एक ओर फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी पाकर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा रहा है. इसकी जांच में तेजी नहीं लायी जा रही है. वहीं, बिहार 2025 बढ़ चला बिहार के आयोजन पर करोड़ों का खर्च हो रहा है. इस पर कोर्ट ने कहा कि यह अनुत्पादक खर्च है. प्रदेश में इतनी अव्यवस्था है. इसे रोकने का उपाय किया जाना चाहिए.
निगरानी : तीन माह का समय चाहिए
खंडपीठ के सामने निगरानी ने कहा कि अधिकतर की डिग्री राज्य के बाहर के संस्थान के हैं. उन्हें लिखा गया है. तीन माह और लगेंगे.
खंडपीठ : जल्द जांच पूरी करे
इस प्रकार समय पर जांच पूरी नहीं हो पायेगी. जल्द जांच का कार्य पूरा करे
अभी प्लस टू के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की चल रही है जांच
पटना : 2006 से अब तक प्रदेश में 3.50 लाख नियोजित शिक्षक बहाल हुए हैं. पटना हाइकोर्ट में रंजीत पंडित द्वारा दायर की गयी याचिका पर हाइकोर्ट ने 17 मई को ही निगरानी विभाग को प्राथमिक, मध्य, हाइ व प्लस टू स्कूलों में बहाल नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशिक्षण संबंधी प्रमाणपत्रों की जांच का आदेश दिया था और चार सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने को भी कहा था.
इस पर निगरानी की टीम में मुख्यालय से लेकर जिला स्तर पर अपने अधिकारियों को तैनात कर दिया है. इस जांच में शिक्षा विभाग के अधिकारी भी निगरानी विभाग को मुख्यालय, जिला व प्रखंड स्तर पर मदद कर रहे हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारी नियोजन इकाइयों से जानकारियां लेकर सीधे निगरानी के अधिकारी को दे रहे हैं.
प्लस टू स्कूलों के शिक्षकों के सभी प्रमाणपत्र निगरानी को उपलब्ध करा दिये गये हैं. इन प्रमाणपत्रों की जांच के लिए विभिन्न बोर्ड और विश्वविद्यालयों में अधिकारियों को भेजा गया है और रिपोर्ट भी आ रही है. 20 जून माध्यमिक स्कूलों के सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों समेत अन्य जानकारियां निगरानी को देनी थीं.
कई जिलों द्वारा उपलब्ध करा दिया गया है, जबकि 25 जून तक सभी नियोजन इकाइयों को प्रारंभिक स्कूलों के नियोजित शिक्षकों के सारे दस्तावेज निगरानी को उपलब्ध कराने हैं. साथ ही इसकी जानकारी शिक्षा विभाग में भी देनी है.
सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening
All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details