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प्रशासन ने मांगी मानें, टूटा आमरण अनशन

मुंगेर। असरगंज प्राथमिक विद्यालय के लिए दान में दिए गए जमीन का निबंधन कराने, जमीन दाता के नाम पर विद्यालय का नामांकरण करने और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की महादलित विरोधी नीति के विरोध में मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष प्रो. दिलीप रंजन बुधवार से आमरण अनशन पर बैठ गए।
लदौआ मोड़ स्थित आमरण अनशन पर मुखिया के समर्थन में दर्जनों ग्रामीण और गणमान्य नागरिक भी धरना पर बैठ गए। इधर, देर शाम डीसीएलआर पुष्पेन्द्र कुमार, सीओ रंजीत कुमार और थाना प्रभारी पवन कुमार सिंह ने जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया। अधिकारियों ने मांग पूरी करने का आश्वासन दिया।
इस बावत मुखिया प्रो. रंजन ने बताया कि विद्यालय की स्वीकृति प्रखंड पंचायत समिति में दिए गए प्रस्ताव के आलोक में दी गई। ताकि, महादलित टोला के वंचित बच्चों को शिक्षा के बेहतर अवसर मिल सके। विद्यालय के भवन निर्माण हेतु स्थानीय निवासी जवाहर लाल दास द्वारा ग्राम सभा के अनुरोध पर जमीन दिया गया। लेकिन, शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण अब तक जमीन का निबंधन नहीं किया जा सका। शिक्षा विभाग की ओर से बगैर निबंधन कराए ही भूमि पर दस लाख की लागत से भवन का निर्माण करा दिया गया। लेकिन आज तक जमीन का निबंधन नही होने के कारण आठ वर्षों से लाखों रुपये से निर्मित भवन बेकार पड़ा हुआ है। बार-बार अनुरोध के बावजूद विभागीय पदाधिकारियों की तंद्रा भंग नहीं हुई। अब इस विद्यालय को दूसरे विद्यालय में समायोजन की साजिश भी की जा रही है। जो महादलित विरोधी मानसिकता का परिचायक है। जिससे आम जनता में आक्रोश व्याप्त है।
इधर, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने अनशन स्थल पर पहुंच कर मुखिया को आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिलाया। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा कि भूमि के निबंधन का मामला भूमि सुधार उप समाहर्ता तारापुर के यहां लंबित है। जल्द ही भूमि के निबंधन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

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