शिक्षा परिषद, दिल्ली के प्रमाणपत्र वालों की जायेगी नौकरी
सीतामढ़ी : हाइकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार के स्तर से विज्ञापन निर्गत किये जाने के बावजूद अवैध रूप से नियोजित शिक्षक अब भी स्वेच्छा से नौकरी नहीं छोड़ रहे हैं. टीइटी के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर सबसे अधिक अवैध बहाली का मामला सामने आया है.
वहीं, वैसे संस्थान के भी प्रमाण पत्र पर शिक्षक बहाल हो चुके हैं, जिस प्रमाण पत्र को राज्य सरकार अमान्य कर चुकी है. यह जान कर हैरानी होगी कि अमान्य प्रमाण पत्र पर किसी न किसी अधिकारी ने हीं शिक्षकों का नियोजन किया था. बावजूद सरकार के
स्तर से इस आशय का अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है कि अवैध बहाली करने वालों पर भी कार्रवाई की जायेगी.
उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद, दिल्ली एवं सेकेंडरी बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन,नयी दिल्ली के प्रमाण पत्र पर किसी अभ्यर्थी का शिक्षक के रूप में नियोजन नहीं करना था.
करीब-करीब सभी प्रखंडों में दर्जनों शिक्षक उक्त दोनों संस्थान के प्रमाण पत्र के आधार पर बहाल हो चुके हैं. यहां तक कि स्वेच्छा से नौकरी छोड़ने के बजाय मार्च 15 तक का मानदेय भी प्राप्त कर चुके हैं. डीपीओ
स्थापना ने पांच नवंबर 14 को हीं सभी प्रखंड व पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई को उक्त प्रमाण पत्रों के आधार पर नियोजित शिक्षकों का नियोजन रद्द करने का निर्देश दिया था. पत्र के आलोक में एक भी शिक्षक का नियोजन रद्द नहीं किया जा सका है.
डीपीओ स्थापना ने 16 जून 15 को एक बार फिर सभी बीइओ के माध्यम से सभी प्रखंड व पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई को उक्त दोनों संस्थानों के प्रमाण पत्रों के आधार पर नियोजित शिक्षकों को स्कूल से बाहर का रास्ता दिखाने को कहा है. सूत्रों ने बताया कि सोनबरसा प्रखंड में इस तरह के
कुल 15 शिक्षक हैं.
सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details
सीतामढ़ी : हाइकोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार के स्तर से विज्ञापन निर्गत किये जाने के बावजूद अवैध रूप से नियोजित शिक्षक अब भी स्वेच्छा से नौकरी नहीं छोड़ रहे हैं. टीइटी के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर सबसे अधिक अवैध बहाली का मामला सामने आया है.
वहीं, वैसे संस्थान के भी प्रमाण पत्र पर शिक्षक बहाल हो चुके हैं, जिस प्रमाण पत्र को राज्य सरकार अमान्य कर चुकी है. यह जान कर हैरानी होगी कि अमान्य प्रमाण पत्र पर किसी न किसी अधिकारी ने हीं शिक्षकों का नियोजन किया था. बावजूद सरकार के
स्तर से इस आशय का अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है कि अवैध बहाली करने वालों पर भी कार्रवाई की जायेगी.
उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद, दिल्ली एवं सेकेंडरी बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन,नयी दिल्ली के प्रमाण पत्र पर किसी अभ्यर्थी का शिक्षक के रूप में नियोजन नहीं करना था.
करीब-करीब सभी प्रखंडों में दर्जनों शिक्षक उक्त दोनों संस्थान के प्रमाण पत्र के आधार पर बहाल हो चुके हैं. यहां तक कि स्वेच्छा से नौकरी छोड़ने के बजाय मार्च 15 तक का मानदेय भी प्राप्त कर चुके हैं. डीपीओ
स्थापना ने पांच नवंबर 14 को हीं सभी प्रखंड व पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई को उक्त प्रमाण पत्रों के आधार पर नियोजित शिक्षकों का नियोजन रद्द करने का निर्देश दिया था. पत्र के आलोक में एक भी शिक्षक का नियोजन रद्द नहीं किया जा सका है.
डीपीओ स्थापना ने 16 जून 15 को एक बार फिर सभी बीइओ के माध्यम से सभी प्रखंड व पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई को उक्त दोनों संस्थानों के प्रमाण पत्रों के आधार पर नियोजित शिक्षकों को स्कूल से बाहर का रास्ता दिखाने को कहा है. सूत्रों ने बताया कि सोनबरसा प्रखंड में इस तरह के
कुल 15 शिक्षक हैं.
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