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अमान्य सर्टिफिकेट पर शिक्षक कर रहे हैं नौकरी : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates

सीतामढ़ी : हाइ कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार के स्तर से विज्ञापन निर्गत किये जाने के बावजूद अवैध रूप से नियोजित शिक्षक अब भी स्कूल में बने हुए हैं. डीइओ के बार-बार के पत्र के बावजूद संबंधित प्रखंड शिक्षकों का नियोजन रद्द करने से बीडीओ कतरा रहे हैं. वैसे, बीडीओ को हर हाल में अमान्य प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षक व शिक्षिकाओं के नियोजन को रद्द करना पड़ेगा.
बता दें कि जिले में दर्जनों शिक्षक उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद, दिल्ली एवं सेकेंडरी बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन, नई दिल्ली के प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे हैं, जबकि उक्त दोनों संस्थान के प्रमाण पत्र को राज्य सरकार अमान्य करने के साथ उसके आधार पर नियोजन करने पर रोक लगा चुकी है.
चुप्पी साधे हैं बीडीओ
डीपीओ स्थापना ने 16 जून 15 को एक बार फिर सभी बीइओ के माध्यम से सभी प्रखंड व पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई को उक्त दोनों संस्थानों के प्रमाण पत्रों के आधार पर नियोजित शिक्षकों को स्कूल से बाहर का रास्ता दिखाने को कहा है. बावजूद किसी बीडीओ के स्तर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद, दिल्ली एवं  सेकेंडरी बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन, नई दिल्ली के प्रमाण पत्र पर सोनबरसा प्रखंड में नौकरी करने वाले शिक्षक व शिक्षिकाओं ने क्रमश: मध्य विद्यालय, मुशहरनिया प्रथम की शिक्षिका नीतू कुमारी, मध्य विद्यालय मड़पा की रेणु देवी, मध्य विद्यालय हनुमान नगर के लक्ष्मण राम, मध्य विद्यालय चक्की मयुरवा की प्रमीला देवी, मध्य विद्यालय लोहखड़ के जगन्नाथ सहनी व पूनम कुमारी, मध्य विद्यालय पकड़िया की रीता कुमारी, मध्य विद्यालय इंदरवा प्रथम की कुमारी खुशबू व मध्य विद्यालय भलुआहा प्रथम की रागिनी कुमारी समेत अन्य शामिल हैं.
सोनबरसा में 15 शिक्षक व शिक्षिका नियोजित
सरकार के रोक के बावजूद उक्त दोनों संस्थान के प्रमाण पत्रों पर खुलेआम शिक्षकों का नियोजन किया गया था. यह मामला संज्ञान में आने के बाद सरकार ने डीइओ को पत्र भेज ऐसे शिक्षकों का नियोजन रद्द करने एवं तुरंत मानदेय भुगतान पर रोक लगाने का आदेश दिया था, जिसके आलोक में डीपीओ स्थापना ने पांच नवंबर 14 को सभी प्रखंड व पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई को उक्त प्रमाण पत्रों के आधार पर नियोजित शिक्षकों का नियोजन रद्द करने का निर्देश दिया था, 
लेकिन एक भी शिक्षक का नियोजन रद्द नहीं किया गया और मानदेय का भुगतान किया जाता रहा. बताया गया है कि सोनबरसा प्रखंड में उक्त संस्थानों के प्रमाण पत्रों के आधार पर 15 शिक्षक व शिक्षिका नियोजन हैं.
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