सहरसा। उच्च न्यायालय के न्यायादेश के बाद प्रखंड में नियोजित दो दर्जन
प्रखंड शिक्षकों के वेतन भुगतान हेतु प्रखंड एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी व
कर्मचारी जुट गए हैं।
बीडीओ विवेक रंजन, बीईओ अशोक कुमार, बीआरसी के लेखा सहायक कृष्ण करूणाकर, बीआरपी धनंजय कुमार आदि कर्मी प्रधानाध्यापक द्वारा उपलब्ध कराई गई उपस्थिति विवरणी धनात्मक व ऋणात्मक सूची का अवलोकन कर रहे हैं। बताया जाता है कि शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार के निर्णयानुसार जून, 2018 में तत्कालीन बीडीओ चंद्र मोहन पासवान ने प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई के प्रस्ताव बाद दो दर्जन शिक्षक को नियुक्ति पत्र दिया था। बीडीओ से प्राप्त नियुक्ति पत्र के आधार पर कन्या मध्य विद्यालय नवहट्टा, मध्य विद्यालय मुरादपुर, मध्य विद्यालय औरिया रमौती, मध्य विद्यालय मोहनपुर आदि विद्यालयों में शिक्षकों ने योगदान किया। शिक्षक इधर शैक्षणिक कार्य में जुटे उधर बहाली को फर्जी करार देते हुए भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के बैनर तले पंचायत समिति सदस्य कमल नारायण गुप्ता, भाजपा मंडल अध्यक्ष पंकज पाठक, कांग्रेस अध्यक्ष प्रशांत कुमार यादव समेत कई लोगों ने आयुक्त को आवेदन देकर मामले की जांच कर करवाई की मांग की। मामले की जांच के बाद अपर समाहर्ता की रिपोर्ट पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना द्वारा नियोजन को अवैध करार दिया गया तथा नियोजन इकाई को शिक्षकों के नियोजन रद्द करने का निर्देश दिया गया। इस बीच शिक्षक अजय कुमार ने उच्च न्यायालय पटना का दरवाजा खटखटाया और उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग के कार्यवाही पर तत्काल रोक लगा दी। महीनों सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने कार्यावधि के वेतन देने का न्यायादेश दे दिया। इसी आलोक में वेतन दिया जा रहा है। नियोजन के वैध या अवैध घोषित किए जाने कि न्यायादेश अभी लंबित है।
बीडीओ विवेक रंजन, बीईओ अशोक कुमार, बीआरसी के लेखा सहायक कृष्ण करूणाकर, बीआरपी धनंजय कुमार आदि कर्मी प्रधानाध्यापक द्वारा उपलब्ध कराई गई उपस्थिति विवरणी धनात्मक व ऋणात्मक सूची का अवलोकन कर रहे हैं। बताया जाता है कि शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार के निर्णयानुसार जून, 2018 में तत्कालीन बीडीओ चंद्र मोहन पासवान ने प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई के प्रस्ताव बाद दो दर्जन शिक्षक को नियुक्ति पत्र दिया था। बीडीओ से प्राप्त नियुक्ति पत्र के आधार पर कन्या मध्य विद्यालय नवहट्टा, मध्य विद्यालय मुरादपुर, मध्य विद्यालय औरिया रमौती, मध्य विद्यालय मोहनपुर आदि विद्यालयों में शिक्षकों ने योगदान किया। शिक्षक इधर शैक्षणिक कार्य में जुटे उधर बहाली को फर्जी करार देते हुए भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा के बैनर तले पंचायत समिति सदस्य कमल नारायण गुप्ता, भाजपा मंडल अध्यक्ष पंकज पाठक, कांग्रेस अध्यक्ष प्रशांत कुमार यादव समेत कई लोगों ने आयुक्त को आवेदन देकर मामले की जांच कर करवाई की मांग की। मामले की जांच के बाद अपर समाहर्ता की रिपोर्ट पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना द्वारा नियोजन को अवैध करार दिया गया तथा नियोजन इकाई को शिक्षकों के नियोजन रद्द करने का निर्देश दिया गया। इस बीच शिक्षक अजय कुमार ने उच्च न्यायालय पटना का दरवाजा खटखटाया और उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग के कार्यवाही पर तत्काल रोक लगा दी। महीनों सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने कार्यावधि के वेतन देने का न्यायादेश दे दिया। इसी आलोक में वेतन दिया जा रहा है। नियोजन के वैध या अवैध घोषित किए जाने कि न्यायादेश अभी लंबित है।