पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को
मंत्रिमंडल की हुई बैठक में 42 प्रस्तावों पर मुहर लगी. इनमें
संविदाकर्मियों को सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर सुविधाएं देने का
प्रस्ताव सबसे महत्वपूर्ण है. इससे प्रदेश के पांच लाख से अधिक
संविदाकर्मियों को लाभ होगा. बेल्ट्रॉन से आउटसोर्स किये गये डाटा इंट्री
ऑपरेटरों को फिलहाल लाभ नहीं मिलेगा.
इनके लिए पुनर्विचार करने को कहा गया है. वहीं, चिकित्सा पदाधिकारी,
सहायक अभियंता एवं पशु चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया
बिछेगा सड़कों का जाल, पथ निर्माण के कई प्रस्तावों को हरी झंडी -को आसान
किया गया है. साक्षात्कार का प्रावधान खत्म किया गया है. राज्य के कॉलेजों
से पास होने वालों को 50 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिया जायेगा.
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने
पत्रकारों को बताया कि अब तक सभी विभागों के स्तर से संविदा पर कर्मचारियों
का नियोजन किया जाता है.
हर साल इनको सेवा विस्तार देने का प्रावधान है. साथ ही, अन्य किसी तरह
का इनको लाभ नहीं मिलता है. सामान्य प्रशासन विभाग के प्रस्ताव के अनुसार,
विभिन्न विभागों में संविदा पर नियोजित कर्मियों की सेवा के संबंध में
गठित उच्चस्तरीय समिति की अनुशंसा के अनुसार अब उन्हें सरकारी कर्मचारियों
की तर्ज पर सुविधाएं दी जायेंगी.
अब संविदाकर्मियों को हटाया नहीं जायेगा. एक विभाग में अगर उनके लायक
काम नहीं रहा तो उनका समायोजन दूसरे विभाग में कर दिया जायेगा. तमाम
योजनाएं ऐसी चल रही हैं, जो एक-दो साल में पूरी हो जायेंगी. इनमें लगे
संविदाकर्मियों को किसी अन्य विभाग में समायोजित कर दिया जायेगा. सरकारी
कर्मचारियों की तर्ज पर उन्हें मातृत्व अवकाश, कर्मचारी भविष्य निधि, राज्य
बीमा निधि आदि का लाभ मिलेगा. इनके कार्यों का वार्षिक मूल्यांकन भी
होगा.
छुट्टियों को लेकर भी संविदाकर्मियों को काफी लाभ मिलने वाला है.
सरकारी कर्मचारियों की तरह ही छुट्टियां ले सकेंगे. इन्हें हटाने के लिए
वहीं प्रक्रिया अपनायी जायेगी, जो एक सरकार नियमित कर्मचारी के लिए अपनायी
जाती है. खास बात यह है कि जब भी संबंधित विभाग में नियमित बहाली की
प्रक्रिया शुरू होगी, उसमें पहले से कार्यरत संविदाकर्मियों को लाभ दिया
जायेगा. उम्र सीमा में सरकार छूट देगी. बाकी प्रक्रियाओं से संविदाकर्मियों
को गुजरना होगा.
कमेटी की अनुशंसाओं पर मुहर
चिकित्सा पदाधिकारी, सहायक अभियंता एवं पशु चिकित्सा पदाधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया हुई आसान
बेल्ट्रॉन से आउटसोर्स डाटा इंट्री ऑपरेटरों को फिलहाल लाभ नहीं :
बेल्ट्रॉन से आउटसोर्स किये गये डाटा इंट्री ऑपरेटरों को फिलहाल लाभ नहीं
मिलने वाला. इनके लिए पुनर्विचार किया जायेगा. विकास आयुक्त की अध्यक्षता
में कमेटी तय करेगी.
23 डिग्री कॉलेजों के लिए 1484 पदों का सृजन
प्रदेश के 23 डिग्री कॉलेजों के लिए 1484 पदों के सृजन को भी कैबिनेट
ने स्वीकृति दी है. शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव के अनुसार, 23 डिग्री
कॉलेजों के लिए 23 प्रिंसिपल, 1162 सहायक प्रोफेसर व 299 कर्मचारियों के
पदों का सृजन किया गया है. इसके अलावा लेखा लिपिक के 38 पदों के सृजन को
मंजूरी दी गयी है. शिक्षा ऋण के लिए निगम को मजबूत करने और जमुई, अरवल,
त्रिवेणीगंज, रजौली और जगदीशपुर में राजकीय महिला कॉलेज के भवन निर्माण के
लिए 6.73 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं. गैंडा संरक्षण के लिए भी 1.55
करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं.
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर कैदियों की रिहाई के प्रस्ताव पर
मुहर लगी है. दो अक्तूबर 2018, छह अप्रैल 2019 और दो अक्तूबर 2019 को तीन
चरणों में कैदियों को रिहा किया जायेगा. समस्तीपुर जिला के सरायरंजन के
नरघोघी में श्रीराम जानकी मंदिर न्यास समिति की 21 एकड़ जमीन मेडिकल कॉलेज
की स्थापना के लिए मिली है.
स्वास्थ्य विभाग को नि:शुल्क हस्तांतरण और मेडिकल कॉलेज का नाम
श्रीराम जानकी मंदिर न्यास मेडिकल कॉलेज रखे जाने के प्रस्ताव को मंजूरी
मिली है. इसके अलावा, दरभंगा के बिरौल अनुमंडल मुख्यालय में स्थायी रूप से
नया अवर निबंधन कार्यालय खोले जाने और उस कार्यालय के लिए अवर निबंधक का एक
पद के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है.
संविदाकर्मियों को अब ये मिलेंगी सुविधाएं
- मातृत्व व अन्य अवकाश
- कर्मचारी भविष्य निधि व राज्य बीमा निधि का लाभ
- एक विभाग में उनके लायक काम नहीं रहने पर उनका समायोजन दूसरे विभाग में होगा
- हटाने के लिए वही प्रक्रिया अपनायी जायेगी, जो नियमित कर्मचारी के लिए है.
- नियमित बहाली प्रक्रिया में मिलेगी उम्र सीमा में छूट