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अधिकारियों ने भी कराई है बैक डेट में काउंसि¨लग

बक्सर । अतिथि शिक्षकों की बहाली में हुआ फर्जीवाड़ा इन दिनों शिक्षा विभाग के गले की फांस बना हुआ है। जिस तरह से खुलेआम डाटा चेंज कर मेधा के साथ खिलवाड़ हुआ है, उसमें अधिकारियों की भी मिलीभगत सामने आ रही है।
अधिकारियों ने भी अपने चहेतों की काउंसि¨लग बैक डेट में कराई है। इधर, शनिवार को जिलाधिकारी राघवेन्द्र ¨सह ने इसकी जांच के लिए प्रशासनिक जांच टीम का गठन कर दिया। उन्होंने एक सप्ताह के अंदर हर बिन्दु पर गहन जांच कर मंतव्य के साथ प्रतिवेदन मांगा है। इससे विभाग में खलबली मची हुई है। जिलाधिकारी ने बताया कि जांच में दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा गठित जांच दल में वरीय उप समाहर्ता विकास कुमार जायसवाल, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना, अनुमंडल कार्यालय बक्सर के आईटी सहायक शशिभूषण सिन्हा एवं अंचल कार्यालय बक्सर के आईटी सहायक अभय कुमार ¨सह शामिल हैं। उपर्युक्त जांच दल को जिलाधिकारी ने अतिथि शिक्षकों के नियोजन की प्रत्येक बिन्दु पर गहन जांच कर जांच प्रतिवेदन मंतव्य के साथ एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ¨सह एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा प्रदीप कुमार को उक्त जांच दल को आवश्यक कागजात ससमय उपलब्ध कराने तथा आवश्यक सहयोग करने का भी निर्देश दिया है। इससे विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।


बता दें कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने भी इस मामले की जांच के लिए एक जांच टीम का गठन किया है। लेकिन, उस पर सवाल उठ रहा था कि बहाली करने वाले ही जांच करेंगे तो उसका निष्कर्ष क्या निकलेगा। ऐसे में जिलाधिकारी ने अपने स्तर से प्रशासनिक अधिकारियों की टीम को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी। दूसरी तरफ सूत्रों की मानें तो विभागीय जांच टीम पर भारी दबाव था। उन्हें धमकी मिल रही है कि अगर जांच में फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई तो अधिकारियों के उन चहेतों के नाम भी सामने आ जाएंगे, जिनकी काउंसि¨लग बैक डेट में की गई है। बहरहाल, जिलाधिकारी द्वारा इस मामले में प्रशासनिक टीम गठित किए जाने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों के भी हाथ पांव फूलने लगे हैं।

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