औरंगाबाद जिला के ओबरा प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उमा शंकर
प्रसाद को डेहरी स्थित उनके आवास से दस हजार रुपये घूस लेते हुए गिरफ्तार
कर लिया गया। गुरुवार की सुबह पटना से आई निगरानी की टीम ने यह कार्रवाई
की।
निगरानी की टीम गिरफ्तार कर उमाशंकर प्रसाद को अपने साथ लेकर रवाना हो गई।
जानकारी के अनुसार ओबरा प्रखंड के मध्य विद्यालय, मेघपुर के शिक्षक राजीव कुमार ने निगरानी में शिकायत की थी कि उन्हें प्रशिक्षित वेतनमान देने के लिए अवैध रूप से पैसों की मांग की जा रही है। जुलाई 2015 से नवंबर 2015 तक राजीव कुमार को प्रशिक्षित वेतनमान दिया गया था लेकिन अचानक दिसंबर महीने से उन्हें अप्रशिक्षित करार देते हुए वेतनमान में बदलाव कर दिया गया।
दिसंबर 2015 से अब तक उन्हें अप्रशिक्षित वेतनमान मिल रहा था। इसको लेकर उन्होंने कई बार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उमा शंकर प्रसाद से बात की तो 10 हजार रुपये की मांग की गई जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत शिक्षक नेता से की। इसके बाद दोनों ने निगरानी में जाकर इसकी शिकायत दर्ज कराई और फिर मामले की सत्यता की जांच करने के बाद गुरुवार का दिन तय किया गया।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी डेहरी स्थित अपने आवास से ही औरंगाबाद के ओबरा प्रखंड स्थित कार्यालय आते थे और वही पर उन्हें दस हजार रुपये घूस लेते हुए पकड़ा गया। इस कार्रवाई के बाद ओबरा प्रखंड कार्यालय में हड़कंप मच गया और ज्यादातर कार्यालय सूने हो गए। बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जयंत कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षकों का शोषण दो सालों से हो रहा था। ओबरा में बीईओ के चहेते एक शिक्षक ने अपने आवास पर कार्यालय खोल दिया था जहां से अवैध रूप से लेन-देन का काम होता था। गिरफ्तारी के बाद संबंधित शिक्षकों के भी मोबाइल बंद हो गए।
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निगरानी की टीम गिरफ्तार कर उमाशंकर प्रसाद को अपने साथ लेकर रवाना हो गई।
जानकारी के अनुसार ओबरा प्रखंड के मध्य विद्यालय, मेघपुर के शिक्षक राजीव कुमार ने निगरानी में शिकायत की थी कि उन्हें प्रशिक्षित वेतनमान देने के लिए अवैध रूप से पैसों की मांग की जा रही है। जुलाई 2015 से नवंबर 2015 तक राजीव कुमार को प्रशिक्षित वेतनमान दिया गया था लेकिन अचानक दिसंबर महीने से उन्हें अप्रशिक्षित करार देते हुए वेतनमान में बदलाव कर दिया गया।
दिसंबर 2015 से अब तक उन्हें अप्रशिक्षित वेतनमान मिल रहा था। इसको लेकर उन्होंने कई बार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी उमा शंकर प्रसाद से बात की तो 10 हजार रुपये की मांग की गई जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत शिक्षक नेता से की। इसके बाद दोनों ने निगरानी में जाकर इसकी शिकायत दर्ज कराई और फिर मामले की सत्यता की जांच करने के बाद गुरुवार का दिन तय किया गया।
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी डेहरी स्थित अपने आवास से ही औरंगाबाद के ओबरा प्रखंड स्थित कार्यालय आते थे और वही पर उन्हें दस हजार रुपये घूस लेते हुए पकड़ा गया। इस कार्रवाई के बाद ओबरा प्रखंड कार्यालय में हड़कंप मच गया और ज्यादातर कार्यालय सूने हो गए। बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जयंत कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षकों का शोषण दो सालों से हो रहा था। ओबरा में बीईओ के चहेते एक शिक्षक ने अपने आवास पर कार्यालय खोल दिया था जहां से अवैध रूप से लेन-देन का काम होता था। गिरफ्तारी के बाद संबंधित शिक्षकों के भी मोबाइल बंद हो गए।