प्रदेश के शिक्षा मंत्री के रूप में मैं अपनी जिम्मेवारी और जवाबदेही को बखूबी समझता हूँ। मुझे इस बात का ऐहशास् है कि शिक्षा मंत्रालय सिर्फ एक मंत्रालय नहीं बल्कि भविष्य को गढ़ने का साधन है। जितनी लगन और शिद्दत से इस विभाग को संवारा संजोया जाएगा भविष्य उतना ही सफल और सुंदर होगा।
सरकार शिक्षा में किसी तरह का कोई कमी नहीं होने देना चाहती है। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये जो कुछ भी आवश्यक है उस हर बिंदु को पूरा किया जा रहा है। शिक्षकों के वेतन, बच्चों के पठन पाठन से जुडी तमाम व्यवस्था, सुविधा और शिक्षकों की योग्यता व क्षमता को भी बेहतर बनाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है।
शिक्षक छात्र अनुपात को पूरा करने के लिये टेट पास अभ्यार्थियों को पंचायत चुनाव के बाद नियोजित किया जायेगा। खाली पड़े 93 हजार पदों के लिए पंचायत, प्रखंड, जिला परिषद एवं नगर नियोजन इकाइयों के अंतर्गत नियोजन शिविर का आयोजन कर शिक्षकों को नियोजित किया जायेगा। दिसंबर 2011- जनवरी 2012 में आयोजित टेट के रिजल्ट के आधार पर शिक्षक नियोजन कैंप का आयोजन किया जाएगा। पूर्व में आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा के आधार पर भर्ती के लिए यह आखिरी कैंप होगा और इसके जरिए राज्य के रिक्त शिक्षकों के 93 हजार पदों को भरने का प्रयास किया जाएगा। टेट पास अभ्यार्थियों के लिये यह अंतिम मौक़ा होगा इसके बाद कोई भी मौक़ा नहीं मिलेगा।
शिक्षा विभाग आने वाले समय में दो तरह के टेस्ट आयोजन करने पर विचार कर रही है। माध्यमिक स्कूलों में गणित और विज्ञान के लिए अलग से विशेष टेट का आयोजन कर योग्य शिक्षकों का तलाश किया जयेगा। बिहार बोर्ड को इस टेस्ट का आयोजन कराने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद सामान्य टेट का आयोजन किया जाएगा। विशेष टेट का आयोजन सरकार जुलाई से पहले कराने की कोशिश कर रही है। शिक्षकों के गुणवत्ता और शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे नये प्रयोगों पर भी सरकार और विभाग का पूरा ध्यान है। इन सब का उद्देश्य मात्र यही है कि बिहार के बच्चों के अंदर की प्रतिभा को निखार कर प्रदेश की शिक्षा को देश विदेश के मानक पर श्रेष्टता के साथ स्थापित किया जाये। मुझे पूरी उम्मीद है आने वाले समय में बिहार सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करने वाले राज्यों में सुमार होगा।
डॉ० अशोक चौधरी
मंत्री, शिक्षा एवं आईटी
बिहार सरकार
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
सरकार शिक्षा में किसी तरह का कोई कमी नहीं होने देना चाहती है। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये जो कुछ भी आवश्यक है उस हर बिंदु को पूरा किया जा रहा है। शिक्षकों के वेतन, बच्चों के पठन पाठन से जुडी तमाम व्यवस्था, सुविधा और शिक्षकों की योग्यता व क्षमता को भी बेहतर बनाने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है।
शिक्षक छात्र अनुपात को पूरा करने के लिये टेट पास अभ्यार्थियों को पंचायत चुनाव के बाद नियोजित किया जायेगा। खाली पड़े 93 हजार पदों के लिए पंचायत, प्रखंड, जिला परिषद एवं नगर नियोजन इकाइयों के अंतर्गत नियोजन शिविर का आयोजन कर शिक्षकों को नियोजित किया जायेगा। दिसंबर 2011- जनवरी 2012 में आयोजित टेट के रिजल्ट के आधार पर शिक्षक नियोजन कैंप का आयोजन किया जाएगा। पूर्व में आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा के आधार पर भर्ती के लिए यह आखिरी कैंप होगा और इसके जरिए राज्य के रिक्त शिक्षकों के 93 हजार पदों को भरने का प्रयास किया जाएगा। टेट पास अभ्यार्थियों के लिये यह अंतिम मौक़ा होगा इसके बाद कोई भी मौक़ा नहीं मिलेगा।
शिक्षा विभाग आने वाले समय में दो तरह के टेस्ट आयोजन करने पर विचार कर रही है। माध्यमिक स्कूलों में गणित और विज्ञान के लिए अलग से विशेष टेट का आयोजन कर योग्य शिक्षकों का तलाश किया जयेगा। बिहार बोर्ड को इस टेस्ट का आयोजन कराने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद सामान्य टेट का आयोजन किया जाएगा। विशेष टेट का आयोजन सरकार जुलाई से पहले कराने की कोशिश कर रही है। शिक्षकों के गुणवत्ता और शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे नये प्रयोगों पर भी सरकार और विभाग का पूरा ध्यान है। इन सब का उद्देश्य मात्र यही है कि बिहार के बच्चों के अंदर की प्रतिभा को निखार कर प्रदेश की शिक्षा को देश विदेश के मानक पर श्रेष्टता के साथ स्थापित किया जाये। मुझे पूरी उम्मीद है आने वाले समय में बिहार सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करने वाले राज्यों में सुमार होगा।
डॉ० अशोक चौधरी
मंत्री, शिक्षा एवं आईटी
बिहार सरकार
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC