पटना, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो अक्टूबर से बारहवीं
कक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए शुरु होने जा रही स्टूडेंट क्रेडिट
कार्ड योजना के सफल संचालन के लिए सभी बैंकों से सहयोग की अपेक्षा की है ।
श्री कुमार ने आज यहां बिहार राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 56वीं
त्रैमासिक समीक्षा बैठक में कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गॉधी की जयंती दो
अक्टूबर से राज्य सरकार 12वीं कक्षा उत्तीर्ण प्रत्येक इच्छुक विद्यार्थी
के लिये स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ कर रही है। इस योजना के
सफल संचालन के लिए सभी बैंकों से अपेक्षित सहयोग की आवश्यकता है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के कार्यक्रम,2015 के अन्तर्गत विकसित
बिहार के लिये सरकार के सात निश्चय के तहत बैंकों से जोड़कर 12वीं कक्षा
उत्तीर्ण प्रत्येक इच्छुक छात्रों को चार लाख रूपये का बिहार स्टूडेंट
क्रेडिट कार्ड दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि 15 सितम्बर से दो अक्टूबर तक
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड का ट्रायल चलेगा। दो अक्टूबर से छात्रों को
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड मिलना प्रारंभ हो जायेगा। उन्होंने बैंकों से
अनुरोध किया कि जो भी तैयारी करनी है,15 सितम्बर के पहले कर लें, इसमें
किसी तरह की कठिनाई नहीं चाहिये। यह एक अभिनव प्रयोग है। उन्होंने कहा कि
12वीं कक्षा पास जो छात्र स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड लेने के लिये इच्छुक
होंगे,वे जिला निबंधन केन्द्र में उपस्थित होकर या ऑनलाइन आवेदन दे सकते
हैं। निर्धारित तिथि को उन्हें बुलाकर उनके आवेदन के सारी त्रुटियों को दूर
किया जायेगा तथा अनुशंसा के साथ बैंक को भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि जब
युवा पढ़ेगा तभी तो देश आगे बढ़ेगा। श्री कुमार ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं
के लिये स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड सहित तीन महत्वपूर्ण काम करने जा रही है।
उन्होंने कहा कि जो युवा सेकेंडरी स्तर की शिक्षा के बाद कौशल विकास करना
चाहते हैं,उन्हें कौशल विकास का अवसर दिया जायेगा। प्रत्येक प्रखण्ड में
स्किल डेवलपमेंट सेन्टर बना रहे हैं, जो युवाओं को सॉफ्ट स्किल और
कम्युनिकेशन स्किल की शिक्षा देगा। जो युवा रोजगार की तलाश करना चाहते हैं,
उन्हें दो साल के लिये एक-एक हजार रूपये प्रतिमाह स्वयं सहायता भत्ता
मिलेगा। यह भत्ता 20 से 25 वर्ष आयु वर्ग के इच्छुक युवाओं को देय होगा।
उन्होंने कहा कि इससे युवाओं की योग्यता बढ़ जायेगी। एक व्यक्ति दो प्रकार
का लाभ नहीं ले सके, इसके लिये आधार नंबर होना आवश्यक है। वह किसी को
सहायता देंगे तो बैंक एकाउंट के माध्यम से देंगे। बैंक एकाउंट को आधार के
साथ लिंक होना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने बैंकों की सुरक्षा के मुद्दे पर जतायी गयी चिन्ता पर कहा कि
बैंकों की सुरक्षा सबकी चिन्ता है। इस दिशा में उन्होंने महत्वपूर्ण सुझाव
देते हुये कहा कि बैंकों में सिक्युरिटी ऑडिट होना चाहिये ताकि सुरक्षा
में होने वाले चूक का आकलन हो सके। उन्होंने कहा कि 2016 में छह जगहों पर
बैंक डकैती और लूट की घटनायें हुयी हैं। घटना को अंजाम देने वाले अपराधी
पकड़े गये हैं। 58,34,500 रूपये बरामद हुये हैं। मुजफ्फरपुर के जिस बैंक
शाखा में लूट की घटना घटी है,उसका गार्ड बैंक कार्यालय खुलने के समय गायब
था। उन्होंने कहा कि आज कल लोगों को बिहार में जंगलराज कहने की बीमारी हो
गयी है। यदि किसी तरह की घटना घटती है तो उन्हें भी तकलीफ होती है।
उन्होंने कहा कि बैंक शाखाओं की सुरक्षा के लिये राज्य पुलिस सभी कार्य कर
रही है। श्री
कुमार ने कहा कि वह नयी इन्डस्ट्रीयल पॉलिसी पर काम कर रहे हैं। वर्ष 2016
से आगे के वर्षों के लिये नये इन्डस्ट्रीयल पॉलिसी बनने जा रही है। तीस मई
को उद्यमी पंचायत में वह उद्यमियों से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि
राज्य सरकार के सुशासन के कार्यक्रम 2015 से 2020 के अन्तर्गत विकसित बिहार
के लिये सरकार के सात निश्चय से संबंधित योजनाओं के लिये बैंक की शर्त
मंजूर है। पैसा नहीं डूबने की गारंटी बिहार सरकार की है। ससमय बिहार सरकार
बैंक को भुगतान करेगी। बैठक में श्री कुमार के अलावा वित्त मंत्री
अब्दुलबारी सिद्दीकी, शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री
श्रवण कुमार, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री अवधेश कुमार सिंह, नगर विकास
एवं आवास मंत्री महेश्वर हजारी, उद्योग मंत्री जयकुमार सिंह, सहकारिता
मंत्री आलोक कुमार मेहता, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक रंजीत कुमार दास,
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक व्रजराज ने भी विचार व्यक्त किये। इस
अवसर पर मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव वित्त रवि मित्तल,
मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार,अतीश चन्द्रा, मनीष कुमार वर्मा सहित सभी
विभागों के प्रधान सचिव और सचिव उपस्थित थे।
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