पटना : पालीगंज प्रखंड के कई विद्यालयों में अब भी शिक्षक फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे हैं. गलत प्रमाणपत्रों के आधार पर पिछले पांच वर्षो से नौकरी कर रहे शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. यहां तक कि इसकी सूचना डीइओ कार्यालय को भी दी गयी है. बावजूद इसके कार्यालय द्वारा कार्रवाई करने के बजाय उनसे पत्रचार किया जा रहा है.
पालीगंज प्रखंड में ऐसे दस शिक्षकों का मामला प्रकाश में आया है, जिनके प्रमाणपत्र पूरी तरह से फर्जी पाये गये हैं. इनमें से किसी का इंटर का प्रमाणपत्र सही नहीं है, तो किसी का बीएड का. इनकी नियुक्ति वर्ष 2010 में गलत तरीके से की गयी थी और वर्तमान में पालीगंज प्रखंड के अलग-अलग विद्यालयों में पदस्थापित हैं.
जांच के दायरे में ये शिक्षक शामिल : जांच के दायरे में प्राथमिक विद्यालय मुंगिला मुसहरी के शिक्षक मोहम्मद जावेद अंसारी व रुबी कुमारी, प्राथमिक विद्यालय मुंगिला कन्या के अवधेश कुमार, शशि रंजन कुमार, मो. आशिफ इकबाल अंसारी व जलजीत कुमार, प्राथमिक विद्यालय महियापुर के शिक्षक कलेंद्र पासवान, प्राथमिक विद्यालय हरदिया वेदौली की शोभा कुमारी, प्राथमिक विद्यालय सुमराबिगहा की अमृता कुमारी तथा प्राथमिक विद्यालय जम्हारू की शिक्षिका माधुरी कुमारी शामिल हैं.
बीइओ को दिया जांच का आदेश : फर्जी प्रमाणपत्र पर काम करनेवाले शिक्षकों के बारे में पूर्व डीइओ के पास भी प्रखंड स्तर से शिकायत भेजी गयी थी. इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी शशि भूषण राय ने बताया कि पालीगंज में 10 शिक्षकों के फर्जी तरीके से नियुक्त करने का मामला सामने आया है. इसकी जांच करायी जायेगी.
इसके लिए बीइओ को सूचना दी गयी है. संबंधित स्कूल के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच कराने के बाद विभाग द्वारा उचित कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि वहां के बीइओ को इस संबंध में फटकार लगायी गयी है. यदि ब्लॉक में किसी तरह की गड़बड़ी पायी जाती है, तो उसके जिम्मेवार बीइओ होंगे. इसके लिए सभी स्कूलों की रिपोर्ट मांगी गयी है.
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