PATNA:- सरकार की नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली के खिलाफ कोर्ट गए
अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है.पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा
राज्य में पौने दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने से
इंकार कर दिया है।शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली
याचिकायों पर चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने सुनवाई की।प्रभाकर रंजन
व अन्य ने याचिका दायर की हैं।
अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि पूर्व के प्रावधानों के अनुसार इन स्कूल
शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार पंचायत,पंचायत समिति,जिला परिषद और
नगरपालिका के हाथों में था।इन प्रावधानों को हटाए बगैर रूल 2023 राज्य
सरकार द्वारा लाया गया, जिसके तहत राज्य में पौने दो लाख स्कूल शिक्षकों की
बहाली होने जा रही है।उन्होंने जानकारी दी कि वैधता को चुनौती देने वाली
याचिका जबतक कोर्ट के सुनवाई के लंबित है,इस विज्ञापन के आधार पर इन पौने
दो लाख शिक्षकों की बहाली सही नहीं होगी।पंचायतों,पंचायत समिति,ज़िला
परिषदों व नगरपालिका से शिक्षकों की बहाली का अधिकार वापस लेना स्थानीय
स्वायतता के सिद्धांतो के विपरीत हैं।
नए प्रावधानों के अनुसार पौने दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित कर उनके परिणाम के आधार पर नियुक्ति की अनुशंसा करने की जिम्मेदारी बिहार राज्य पब्लिक सर्विस कमीशन को सौंपी गई है।याचिका में ये भी मुद्दा उठाया गया है कि रूल 2006 के तहत नियुक्त शिक्षकों की योग्यता और कार्य समान है,लेकिन 2023 के रूल के अनुसार जो शिक्षक बहाल होंगे,उनका वेतन होगा,जो समानता के सिद्धांत के विरुद्ध है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार, ऋतिका रानी,अभिनव श्रीवास्तव और राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया।