बिहार के अररिया का एक सरकारी स्कूल किसी भूत बंगला से कम नहीं है. यहां ना
तो शिक्षक आते हैं और ना ही स्कूल में कोई स्टूडेंट देखने को मिलता है.
हां, इस भूतिया स्कूल में चिड़ियों ने अपना घोसला जरूर बनाया हुआ है. एक वर्ष में महज तीन से चार महीने ही यह स्कूल खुलता है. यहां शिक्षक अपने मन से आते हैं और जब मन किया चले जाते हैं.
इस लापरवाही से तंग आकर यहां के ग्रामीणों ने स्कूल में ताला लगा दिया है. तब से स्कूल बंद है. हद तो यह है कि प्रशासन को इसकी सूचना मिलने के बावजूद भी स्कूल शुरू करने को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है.
दो महीनों से लगा है ताला
पिछले दो महीनों से स्कूल बंद है और यहां के बच्चों के भविष्य के साथ शिक्षा विभाग भद्दा मजाक कर रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि रानीगंज के हसनपुर पंचायत का प्राथमिक विद्यालय में पिछले दो महीनों से ताला लगा हुआ है.
जब ईटीवी की टीम स्कूल पहुंची तो वहां ताला लगा था. पूछने पर ग्रामीणों ने बताया कि यह स्कूल साल में महज़ तीन से चार महीने ही खुला रहता है. हेडमास्टर अपनी मर्जी से स्कूल खोलते थे और जब मन किया, बंद कर चले जाते थे.
बहुत समझाने के बाद जब वे नहीं माने तो हमने (ग्रामीणों) स्कूल में ताला लगा दिया. हमारी शर्त है कि स्कूल शुरू करना है तो शिक्षक समय से आए.
कार्रवाई का आश्वासन
इस स्कूल को जमीन देने वाली सोमरिया देवी बताती है कि हमने अपनी जमीन सरकारी स्कूल के लिए 10 वर्ष पहले दी थी. चाहती थी कि हमारे समाज के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके, लेकिन यहां तो न तो समय से स्कूल खुलता है और न ही शिक्षक आते हैं.
इस बारे में जब ईटीवी संवाददाता ने जिला शिक्षा अधिकारी से बात करती चाही हो उन्होंने फोन पर उचित कार्रवाई करते हुए स्कूल शुरू करने का आश्वासन जरूर दिया.
हालांकि, हकीकत सबके सामने है. स्कूल दो महीनों से बंद है और प्रशासन को इसकी चिंता नहीं. सरकार लाख दावे कर ले, लेकिन हकीकत यह है कि आज भी शिक्षा के प्रति सरकारी तंत्र लापरवाह है.
(सतीश कुमार की रिपोर्ट)
हां, इस भूतिया स्कूल में चिड़ियों ने अपना घोसला जरूर बनाया हुआ है. एक वर्ष में महज तीन से चार महीने ही यह स्कूल खुलता है. यहां शिक्षक अपने मन से आते हैं और जब मन किया चले जाते हैं.
इस लापरवाही से तंग आकर यहां के ग्रामीणों ने स्कूल में ताला लगा दिया है. तब से स्कूल बंद है. हद तो यह है कि प्रशासन को इसकी सूचना मिलने के बावजूद भी स्कूल शुरू करने को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है.
दो महीनों से लगा है ताला
पिछले दो महीनों से स्कूल बंद है और यहां के बच्चों के भविष्य के साथ शिक्षा विभाग भद्दा मजाक कर रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि रानीगंज के हसनपुर पंचायत का प्राथमिक विद्यालय में पिछले दो महीनों से ताला लगा हुआ है.
जब ईटीवी की टीम स्कूल पहुंची तो वहां ताला लगा था. पूछने पर ग्रामीणों ने बताया कि यह स्कूल साल में महज़ तीन से चार महीने ही खुला रहता है. हेडमास्टर अपनी मर्जी से स्कूल खोलते थे और जब मन किया, बंद कर चले जाते थे.
बहुत समझाने के बाद जब वे नहीं माने तो हमने (ग्रामीणों) स्कूल में ताला लगा दिया. हमारी शर्त है कि स्कूल शुरू करना है तो शिक्षक समय से आए.
कार्रवाई का आश्वासन
इस स्कूल को जमीन देने वाली सोमरिया देवी बताती है कि हमने अपनी जमीन सरकारी स्कूल के लिए 10 वर्ष पहले दी थी. चाहती थी कि हमारे समाज के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके, लेकिन यहां तो न तो समय से स्कूल खुलता है और न ही शिक्षक आते हैं.
इस बारे में जब ईटीवी संवाददाता ने जिला शिक्षा अधिकारी से बात करती चाही हो उन्होंने फोन पर उचित कार्रवाई करते हुए स्कूल शुरू करने का आश्वासन जरूर दिया.
हालांकि, हकीकत सबके सामने है. स्कूल दो महीनों से बंद है और प्रशासन को इसकी चिंता नहीं. सरकार लाख दावे कर ले, लेकिन हकीकत यह है कि आज भी शिक्षा के प्रति सरकारी तंत्र लापरवाह है.
(सतीश कुमार की रिपोर्ट)