मधेपुरा। शिक्षक नियोजन को लेकर अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों के जांच के दौरान फर्जी प्रमाण पत्र के साथ एक अभ्यर्थी को पकड़ा गया। फर्जी प्रमाण पत्र के साथ आया युवक श्रवण कुमार खगड़िया जिले के झझराहा गांव का रहने वाला बताया जा रहा है। उक्त युवक को शिक्षा विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस के हवाले किया। मालूम हो कि शिक्षक नियोजन 2014-15 के लिए प्रखंड शिक्षक बनने के लिए रोशन कुमार पिता जगदीश राम हनुमाननगर थाना सौरबाजार जिला सहरसा के नाम से आवेदन दिया गया था।
एससी कोटे के लिए मेघा सूची के अनुसार आवेदक के घर पर नियोजन हेतु पत्र भेजा गया था। जिसमें यह दर्शाया गया था कि सभी को पहले बीआरसी में योग दान लेने के बाद ही विद्यालय में योग दान लेना हैं। लेकिन एक मुन्ना भाई श्रवण कुमार ने अभ्यर्थी रोशन कुमार का बुलाबा पत्र लेकर मध्य विद्यालय गाढ़ा रामपुर में चुपके से अपना योग दान दे दिया। योग दान लेने के बाद शिक्षकों के आवेदन सत्यापन एवं मूल प्रमाण पत्र जांच करने लिए बुलाया गया तब इस मामले का खुलासा हुआ। रोशन कुमार पिता जगदीश राम के आवेदन पर जब फोटो का मिलान किया गया तो पाया कि यह अभ्यर्थी फर्जी है। शिक्षक बने मुन्ना भाई पर दबाव बढ़ा तो उसने राज उगला। प्रखंड विकास पदाधिकारी तेज प्रताप त्यागी और बीईओ अशोक कुमार यादव के सामने उसने बताया कि शिक्षक बनने के लिए समदा, सौरबाजार सहरसा निवासी अशोक मेहता को ढ़ाई लाख रुपया देकर कागजात लिया था। इधर फर्जी शिक्षक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

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एससी कोटे के लिए मेघा सूची के अनुसार आवेदक के घर पर नियोजन हेतु पत्र भेजा गया था। जिसमें यह दर्शाया गया था कि सभी को पहले बीआरसी में योग दान लेने के बाद ही विद्यालय में योग दान लेना हैं। लेकिन एक मुन्ना भाई श्रवण कुमार ने अभ्यर्थी रोशन कुमार का बुलाबा पत्र लेकर मध्य विद्यालय गाढ़ा रामपुर में चुपके से अपना योग दान दे दिया। योग दान लेने के बाद शिक्षकों के आवेदन सत्यापन एवं मूल प्रमाण पत्र जांच करने लिए बुलाया गया तब इस मामले का खुलासा हुआ। रोशन कुमार पिता जगदीश राम के आवेदन पर जब फोटो का मिलान किया गया तो पाया कि यह अभ्यर्थी फर्जी है। शिक्षक बने मुन्ना भाई पर दबाव बढ़ा तो उसने राज उगला। प्रखंड विकास पदाधिकारी तेज प्रताप त्यागी और बीईओ अशोक कुमार यादव के सामने उसने बताया कि शिक्षक बनने के लिए समदा, सौरबाजार सहरसा निवासी अशोक मेहता को ढ़ाई लाख रुपया देकर कागजात लिया था। इधर फर्जी शिक्षक को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया है।
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