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मेधा अंक के मेल में नियोजन इकाई का खेल : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates

जमुई। निगरानी द्वारा शिक्षक नियोजन की जांच में वैसे शिक्षकों व नियोजन इकाई पर गाज गिरना तय है जिनकी मिलीभगत से नियोजन में व्यापक गड़बड़ी की गई। वर्ष 2003 से लेकर अब तक नियोजित सभी शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की जांच के दौरान उन बिंदुओं पर विशेष जांच की जा रही है जिसके आधार पर नियोजन की प्रक्रिया पूरी की गई।
जिला शिक्षा पदाधिकारी बीएन झा ने पंचायत व प्रखंड नियोजन इकाई से मेधा सूची व नियोजित शिक्षकों के प्रमाण-पत्र की मांग की है जो अभ्यर्थियों द्वारा नियोजन के समय प्रस्तुत किया गया था। दरअसल नियोजन इकाई द्वारा अंकों के हेर-फेर का बड़ा खेल खेला गया था। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि नियोजित शिक्षकों के प्रमाण-पत्र में अंकित अंक व मेधा सूची में दर्शाए गए अंक में अंतर है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने नियोजन इकाई से नियोजन के वक्त अभ्यर्थियों द्वारा दिए गए प्रमाण-पत्रों की जांच अगर हुई तो नियोजन इकाई की मिलीभगत से नियोजन में गड़बड़ी का व्यापक खुलासा हो सकेगा। विभाग द्वारा प्रमाण-पत्रों की मांग के बाद नियोजित शिक्षकों द्वारा पुन: नियोजन इकाई में प्रमाण-पत्र जमा किए जा रहे हैं। विभाग ने इस मामले में साफ कर दिया है कि पूर्व में जमा किए गए प्रमाण-पत्रों के आधार पर ही जांच की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। विभाग के इस निर्णय से फर्जी तरीके से बहाल शिक्षकों में बेचैनी बढ़ गई है तो दूसरी तरफ नियोजन इकाई की संलिप्तता साफ उजागर हो रही है। बहरहाल अब देखना यह है कि अपने रवैये को लेकर सुर्खियों में रहने वाले नियोजन इकाई के कारनामे के उजागर होने के बाद निगरानी अथवा सरकार की कार्रवाई क्या होती है।

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