जिस कार्यालय को फर्जीवाड़ा के मामले में कार्रवाई करनी है वही फर्जी
शिक्षकों को बचाने में लगा की। विभााग ने कार्रवाई नहीं कि ताे बाद में
फर्जी शिक्षक ने खुद ही अपना इस्तीफा दे दिया। जिला लोक शिकायत निवारण
पदाधिकारी ने इस मामले में शिक्षा विभाग के स्थापना शाखा की भूमिका पर सवाल
उठाते हुए फर्जी शिक्षक के विरुद्ध एफआईआर करने और मानदेय के रूप में
भुगतान की राशि वसूलने का निर्देश दिया है।
यह मामला कोंच प्रखंड स्थित ग्राम पंचायत कुरमावां का है। वीरेंद्र कुमार नामक व्यक्ति ने प्राथमिक विद्यालय अहियापुर में संदीप आनंद, पिता नवीन कुमार सिन्हा के अवैध नियोजन होने के संबंधी में परिवाद दायर किया। इस शिक्षक की पात्रता परीक्षा 2011 के सर्टिफिकेट में पिता के नाम में अंतर है। सुनवाई में लाेक प्राधिकार जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने प्रतिवेदित किया कि पंचायत सचिव सह सदस्य सचिव पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई कुरमावां को कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है, लेकिन आदेश मिला नहीं है।
दो मई 2015 को वहां के बीईओ ने योगदान की दी स्वीकृति
लोक प्राधिकार पंचायत सचिव द्वारा प्रतिवेदित किया गया कि संदीप आनंद ने बतौर पंचायत शिक्षक प्राथमिक विद्यालय अहियापुर में दो मई 2015 को बीईओ के समक्ष योगदान किया। शिक्षक संदीप आनंद से मानदेय की वसूली के लिए डाक से भेजा गया है।
नियुक्ति के बाद बैक डेट में मानदेय का किया गया भुगतान, कार्रवाई के दिए निर्देश
आदेश में कहा गया है कि आरोपी शिक्षक के पिता नवीन कुमार सिन्हा, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना कार्यालय में सहायक के रूप में कार्यरत हैं। ऐसे में डीपीओ स्थापना गया के स्तर से कार्रवाई लंबित रहना और भी संदेहास्पद है। नियुक्ति के बाद इस शिक्षक को बैक डेट के माध्यम से मानदेय का भुगतान किया गया। लोक प्राधिकार जिलास्तरीय नियंत्री पदाधिकारी सह डीईओ गया को निर्देश दिया गया है कि इस पूरे प्रकरण में संलिप्त डीपीओ स्थापना से लेकर संपूर्ण नियोजन इकाई जिनके द्वारा अनियमित कार्य को अंजाम दिया गया है और साथ में शिक्षक संदीप आनंद के विरूद्ध इस फर्जीवाड़ा के लिए एफआईआर दर्ज कराएं।
यह मामला कोंच प्रखंड स्थित ग्राम पंचायत कुरमावां का है। वीरेंद्र कुमार नामक व्यक्ति ने प्राथमिक विद्यालय अहियापुर में संदीप आनंद, पिता नवीन कुमार सिन्हा के अवैध नियोजन होने के संबंधी में परिवाद दायर किया। इस शिक्षक की पात्रता परीक्षा 2011 के सर्टिफिकेट में पिता के नाम में अंतर है। सुनवाई में लाेक प्राधिकार जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने प्रतिवेदित किया कि पंचायत सचिव सह सदस्य सचिव पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई कुरमावां को कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है, लेकिन आदेश मिला नहीं है।
दो मई 2015 को वहां के बीईओ ने योगदान की दी स्वीकृति
लोक प्राधिकार पंचायत सचिव द्वारा प्रतिवेदित किया गया कि संदीप आनंद ने बतौर पंचायत शिक्षक प्राथमिक विद्यालय अहियापुर में दो मई 2015 को बीईओ के समक्ष योगदान किया। शिक्षक संदीप आनंद से मानदेय की वसूली के लिए डाक से भेजा गया है।
नियुक्ति के बाद बैक डेट में मानदेय का किया गया भुगतान, कार्रवाई के दिए निर्देश
आदेश में कहा गया है कि आरोपी शिक्षक के पिता नवीन कुमार सिन्हा, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना कार्यालय में सहायक के रूप में कार्यरत हैं। ऐसे में डीपीओ स्थापना गया के स्तर से कार्रवाई लंबित रहना और भी संदेहास्पद है। नियुक्ति के बाद इस शिक्षक को बैक डेट के माध्यम से मानदेय का भुगतान किया गया। लोक प्राधिकार जिलास्तरीय नियंत्री पदाधिकारी सह डीईओ गया को निर्देश दिया गया है कि इस पूरे प्रकरण में संलिप्त डीपीओ स्थापना से लेकर संपूर्ण नियोजन इकाई जिनके द्वारा अनियमित कार्य को अंजाम दिया गया है और साथ में शिक्षक संदीप आनंद के विरूद्ध इस फर्जीवाड़ा के लिए एफआईआर दर्ज कराएं।