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जून में होगी एमफिल की परीक्षा, रिसर्च के लिए 75 फीसद उपस्थिति होगी अनिवार्य

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की एमफिल की रेगुलर मोड में परीक्षा जून में होगी। परीक्षा के पूर्व रूल्स एवं रेगुलेशन तय हो गए हैं। परीक्षा समिति की बैठक कुलपति डॉ. अमरेंद्र नारायण यादव की अध्यक्षता में हुई। इसमें प्रति कुलपति डॉ. आरके मंडल, कुलसचिव कर्नल अजय कुमार राय, परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओपी रमण, प्रो. ललन झा एवं विभागों के अध्यक्ष शामिल हुए। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय (डीडीइ)के एम फिल छात्रों को अब रेगुलर मोड में अध्ययन के साथ परीक्षा देनी होगी।

   सत्र 2017-18 एम फिल शोधार्थियों की परीक्षा जून 19 में होगी। परीक्षा हाईकोर्ट के आदेश पर हो रही है। इससे पहले इन छात्रों का डीडीई में एडमिशन हुआ था, जिसे राजभवन ने अवैध घोषित कर दिया था। राजभवन का कहना था कि बिना एम फिल कोर्स की मंजूरी के डीडीई ने एडमिशन ले लिया। एम फिल कोर्स का अध्ययन व परीक्षा हमेशा रेगुलर मोड में ही होगी। लिहाजा परीक्षा पर रोक लगा दी थी।
ये होगी प्रक्रिया
एम फिल की परीक्षा के लिए शोधार्थियों की 75 फीसद कक्षा में उपस्थिति अनिवार्य होगी। यह परीक्षा 100 अंक की होगी इसमें 70 थ्योरी और 30 अंक आंतरिक मूल्यांकन के होंगे। आंतरिक मूल्यांकन के तहत दो आंतरिक मूल्यांकन के पेपर होंगे। एक लघु शोध प्रबंध लिखना होगा। दो सेमिनारों में हिस्सा लेकर अपना शोध पेपर पढऩा होगा। इसके अलावा दो क्विज परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। एम फिल कराने के लिए पूर्व की भांति सम्बद्ध कॉलेजों के शिक्षक गाइड नहीं होंगे।


   बल्कि अनुदानित कॉलेजों के शिक्षक ही गाइड होंगे। गाइड तय करने का अधिकार कुलपति की अध्यक्षता में गठित कमेटी का होगा। गाइड की भी सीट तय है। प्रोफेसर अधिकतम छह शोधार्थी के गाइड होंगे। रीडर अधिकतम चार एवं लेक्चरर को दो शोधार्थी के गाइड होने का अधिकार है। आंतरिक मूल्यांकन में प्रैक्टिकल भी होगा। इसमें साइंस के छात्रों को प्रैक्टिकल के लिए 4000 रुपये व आर्टस के छात्र को 2000 रुपये देने होंगे। 

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