PATNA : बिहार (Bihar) के लगभग 80 हजार सरकारी स्कूलों में कार्यरत लाखों नियोजित शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है. नीतीश सरकार ने अभी या निकट भविष्य में मनमुताबिक तबादले की बात से इनकार कर दिया है. इसके पीछे विभागीय और तकनीकी दोनों परेशानियां बताई गई हैं.
दरअसल, नीतीश सरकार का कहना है कि शिक्षकों के ऐच्छिक तबादले में अभी वक्त लगेगा. क्योंकि इसके लिए अबतक न तो पोर्टल बना है और न ही तकनीकी रूप से तबादले की बारी आयी है. इसलिए शिक्षकों को अभी और भी इंतजार करना होगा. जो शिक्षक जहां पोस्टेड हैं, वे वहीं पढ़ाते रहेंगे.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने स्पष्ट किया है कि राज्य के मिडिल और प्राइमरी स्कूलों में हो रही शिक्षकों की बहाली के बाद ही तबादले की प्रक्रिया भी शुरू होने की संभावना है. माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के रिक्त पदों पर संचालित छठे चरण के नियोजन के बाद ही ऐच्छिक तबादले की कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले शिक्षकों का स्थानांतरण संभव नहीं दिख रहा है.
गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट के आदेश से छठे चरण की नियुक्ति पर रोक लगी हुई है. हालांकि शिक्षा विभाग ने कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर नियुक्ति की इजाजत मांगी है. बहरहाल, इस रोक के हटने के बाद ही तबादला संभव है. यदि कोर्ट अपने आदेश पर अडिग रहा तो छठे चरण की नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया आवेदन से लेकर नियुक्ति पत्र वितरण तक में तीन महीने और लग जाएंगे.
इधर जानकारी मिली है कि शिक्षा विभाग एनआईसी की मदद से तबादला पोर्टल तैयार कर रहा है. इसके पूरा होने में तीन से चार सप्ताह और लगने के आसार हैं. इसलिए नियोजित शिक्षकों को अभी फिलहाल इंतजार करना ही होगा.