सिटी रिपोर्टर|छपरा बच्चों को पढ़ाई में दक्ष करने के लिए बने गुरुजी खुद की दक्षता परीक्षा में
फेल कर गए। फेल भी किए तो एक-दो नहीं सौ से अधिक की संख्या में फेल किए।
जो कुल आंकड़े का 16 फीसदी से अधिक है। कुल 881 शिक्षक दक्षता परीक्षा में
शामिल हुए थे।
पटना हाईकोर्ट ने जहानाबाद के संजय कुमार को पंचायत शिक्षक नियुक्त करने को
कहा था। लेकिन कोर्ट के आदेश में फर्जीवाड़ा कर अरवल के भी करीब 30 लोग
(संजय) पंचायत शिक्षक की नौकरी पा गए। हद तो यह रही कि प्राथमिक शिक्षा
निदेशक ने 3 साल पहले पूरे मामले का खुलासा किया था।
एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि बिहार शिक्षा पर राष्ट्रीय औसत से
ज्यादा खर्च करता है। बिहार अपनी जीडीपी का लगभग 5.6% शिक्षा पर खर्च करता
है, जबकि देश में शिक्षा पर जीडीपी का सिर्फ 2.7% हिस्सा ही खर्च किया जाता
है।
एक अच्छी खबर यह है की शराबबंदी के नाम पर बिहार
के लाखों शिक्षकों और बच्चो को दस दिन से जबरन अपनी राजनीतिक नौटंकी में
मशगुल करने के नीतीश सरकार के तुगलकी रवैये पर पटना हायकोर्ट ने सरकार से
जवाबतलब की है !