भभुआ (नगर ):
शनिवार को बिहार राज्य टीइटी-एसटीइटी अभ्यर्थी संघ के जिला इकाई द्वारा
समाहरणालय गेट पर चार दिनों से जारी आमरण अनशन समाप्त हो गया. चौथे दिन
जदयू के जिलाध्यक्ष चंद्र प्रकाश आर्य की सकारात्मक पहल व जिला प्रशासन के
सहयोग तथा शिक्षा मंत्री से मिले विभागीय पत्र के आलोक में संघ के प्रदेश
संयोजक संतोष श्रीवास्तव के अनुरोध पर जिलाध्यक्ष कुमार विश्वज्योति सहित
पांच अनशनकारियों ने आमरण समाप्त किया.
Bihar Teachers News , BTET , BPSC , SSC , Shikshak Niyojan updates
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नियोजित शिक्षकों का नियोजन संबंधी डिटेल मांगा गया : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
पटना :
नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों के जांच की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
इसके लिए प्रत्येक जिलों के डीपीओ स्थापना द्वारा इसकी मॉनीटरिंग की जा रही
है. शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच के अलावा नियोजन वर्ष व इकाई की भी
जानकारी मांगी गयी है. इसके लिए विशेष रूप से शिक्षकों से प्रमाणपत्रों की
मांग की गयी है. जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए डीपीओ द्वारा प्रतिदिन का
रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है. इस कार्य में लगे जिला शिक्षा कार्यालय के
पदाधिकारियों द्वारा इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
कागजातों की जांच होने से शिक्षकों के छूट रहे पसीने : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
सीवान : उच्च
न्यायालय के आदेश पर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव द्वारा जारी नियोजित
शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच के आदेश ने शिक्षकों के पसीने छुड़ा
दिये हैं. पहले तो शिक्षक हड़ताल पर थे, वहीं बाद में स्कूलों में
ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित हो गया. इससे कई शिक्षक बाहर चले गये.
इस बीच सर्टिफिकेट जांच के लिये प्राइमरी से लेकर प्लस टू तक के शिक्षकों से शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों की मांग की गयी.
इस बीच सर्टिफिकेट जांच के लिये प्राइमरी से लेकर प्लस टू तक के शिक्षकों से शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों की मांग की गयी.
निगरानी टीम की देखरेख में शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच शुरू : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
जागरण
संवाददाता, भागलपुर : जिला प्रशासन के आदेश के बाद भी गोराडीड के बीडीओ ने
शिक्षक नियोजन कर लिया। उनकी काउंसिलिंग कर उन्हें नियुक्ति पत्र दे दिया।
जब कि इस मामले में बीडीओ के खिलाफ जांच चल रही है। अपर समाहर्ता विभागीय
जांच मामले की जांच कर रहे हैं। जांच कार्य में बीडीओ पर असहयोग का भी आरोप
है। उनसे नियोजन संबंधी दस्तावेज की मांग की गई थी, जो उनके द्वारा उपलब्ध
भी नहीं कराया गया है। गोराडीह के ग्रामीणों ने शिक्षक नियोजन में
अनियमितता पर जिला पदाधिकारी से शिकायत भी की है। इस शिकायत पर उप विकास
आयुक्त ने उनसे स्पष्टीकरण पूछा है।
मालूम हो कि 2008 का शिक्षक नियोजन का मामला है। इसमें अनियमितता पर बीडीओ को कहा गया था कि जांच प्रतिवेदन आने तक नियोजन नहीं करे। बीडीओ के द्वारा यह कार्य कर लिया गया। इसके बाद वे छुट्टी पर भी चले गए। संयोगवश जिला में जब यह मामला आया तो शिक्षकों के योगदान पर डीईओ ने रोक लगा दी। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस मामले में बीडीओ के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव आने वाला है। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही होगी और प्राथमिकी भी संभव है।
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मालूम हो कि 2008 का शिक्षक नियोजन का मामला है। इसमें अनियमितता पर बीडीओ को कहा गया था कि जांच प्रतिवेदन आने तक नियोजन नहीं करे। बीडीओ के द्वारा यह कार्य कर लिया गया। इसके बाद वे छुट्टी पर भी चले गए। संयोगवश जिला में जब यह मामला आया तो शिक्षकों के योगदान पर डीईओ ने रोक लगा दी। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस मामले में बीडीओ के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव आने वाला है। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही होगी और प्राथमिकी भी संभव है।
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जागरण
संवाददाता, भागलपुर : जिला प्रशासन के आदेश के बाद भी गोराडीड के बीडीओ ने
शिक्षक नियोजन कर लिया। उनकी काउंसिलिंग कर उन्हें नियुक्ति पत्र दे दिया।
जब कि इस मामले में बीडीओ के खिलाफ जांच चल रही है। अपर समाहर्ता विभागीय
जांच मामले की जांच कर रहे हैं। जांच कार्य में बीडीओ पर असहयोग का भी आरोप
है। उनसे नियोजन संबंधी दस्तावेज की मांग की गई थी, जो उनके द्वारा उपलब्ध
भी नहीं कराया गया है। गोराडीह के ग्रामीणों ने शिक्षक नियोजन में
अनियमितता पर जिला पदाधिकारी से शिकायत भी की है। इस शिकायत पर उप विकास
आयुक्त ने उनसे स्पष्टीकरण पूछा है।
मालूम हो कि 2008 का शिक्षक नियोजन का मामला है। इसमें अनियमितता पर बीडीओ को कहा गया था कि जांच प्रतिवेदन आने तक नियोजन नहीं करे। बीडीओ के द्वारा यह कार्य कर लिया गया। इसके बाद वे छुट्टी पर भी चले गए। संयोगवश जिला में जब यह मामला आया तो शिक्षकों के योगदान पर डीईओ ने रोक लगा दी। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस मामले में बीडीओ के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव आने वाला है। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही होगी और प्राथमिकी भी संभव है।
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भागलपुर. जिले के
प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों व पुस्तकालय अध्यक्षों के
शैक्षणिक मूल प्रमाण पत्र की जांच गुरुवार को शिक्षा विभाग में निगरानी टीम
की देखरेख में शुरू हुई. निगरानी टीम के पदाधिकारियों ने शिक्षकों के
एक-एक फाइल की गहन जांच की. डीपीओ स्थापना ज्योति कुमार ने बताया कि जिले
के उन शिक्षकों का मास्टर डाटा निगरानी टीम को सौंपा गया है, जो वेतन
भुगतान के लिए विभाग को प्राप्त हुआ था. मालूम हो कि 2008 का शिक्षक नियोजन का मामला है। इसमें अनियमितता पर बीडीओ को कहा गया था कि जांच प्रतिवेदन आने तक नियोजन नहीं करे। बीडीओ के द्वारा यह कार्य कर लिया गया। इसके बाद वे छुट्टी पर भी चले गए। संयोगवश जिला में जब यह मामला आया तो शिक्षकों के योगदान पर डीईओ ने रोक लगा दी। सरकारी सूत्रों ने बताया कि इस मामले में बीडीओ के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव आने वाला है। उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही होगी और प्राथमिकी भी संभव है।
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अभी और फर्जी शिक्षकों पर हो सकती है कार्रवाई : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
पांच जून तक नियोजित शिक्षकों का प्रमाणपत्र बीइओ को जिला स्थापना कार्यालय में करना है जमा
हाजीपुर : जिले के सभी 16 प्रखंडों के बीइओ को पांच जून तक नियोजित
शिक्षकों के प्रमाणपत्र जिला स्थापना कार्यालय में जमा करना है. इस कार्य
में शिथिलता बरतने वाले बीइओ पर कार्रवाई की जायेगी. डीपीओ स्थापना मुस्तफा
हुसैन मंसूरी ने कार्यालय के सभागार में सभी बीइओ के साथ बैठक के दौरान ये
बातें कहीं.
निगरानी की जांच में बाबुओं के पेच : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
गोपालगंज
: शिक्षक नियोजन की जांच के लिए पहुंची निगरानी की टीम को शिक्षा विभाग के
बाबुओं की मनमानी ङोलनी पड़ रही है. निगरानी की टीम ने इस पर नाराजगी भी
जतायी है. कई बाबू ऐसे हैं, जो सहयोग नहीं कर रहे हैं. माफिया जांच को
प्रभावित करने में लगे हुए हैं. हर स्तर पर तिकड़म लगाया जा रहा. नियोजन
इकाइयां मांगे गये कागजात को स्थापना कार्यालय में उपलब्ध कराने में बेचैन
हैं.शिक्षा मित्रों से संबंधित नहीं आ रहे कागजात : पूर्व में हुए शिक्षा
मित्रों के नियोजन उसके बाद पंचायत शिक्षक के रूप में नियोजन हुए शिक्षा
मित्रों से संबंधित मांगे गये कागजात को संबंधित पंचायत नियोजन इकाइयां
उपलब्ध कराने में आनाकानी कर रही हैं.
प्रतिनियोजन आदेश पर डीएम ने लगायी अस्थायी रोक : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
मधुबनी : डीइओ
श्यामा नंद चौधरी का लिपिकों और अन्य कर्मियों के तबादले का आदेश अधर में
लटक गया है. जहां कुछ कर्मियों ने डीइओ के आदेश के आलोक में नये जगह पर
जाना शुरू कर दिया है, वहीं कई कर्मी अपने पूर्व के स्थान पर ही जमे हुये
हैं. इससे लिपिकों व अन्य कर्मियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
शिक्षा कार्यालयों में हलचल सी मची है.
60 हजार शिक्षकों पर पहुंची निगरानी जांच की आंच : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
पूर्णिया
[राजीव कुमार]। बिहार के कोसी प्रमंडल के 60 हजार नियोजित शिक्षकों पर
निगरानी जांच की आंच पहुंचने लगी है। निगरानी ने प्रमाण पत्रों की जांच
शुरू कर दी है। पटना उच्च न्यायालय ने 18 मई को सीडब्ल्यूजेसी 15459/ 2014
की सुनवाई के बाद सूबे में बहाल सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की
जांच निगरानी विभाग को चार सप्ताह के अंदर पूरा करने का आदेश दिया था। इसके
बाद हर जिले में निगरानी विभाग के एक अधिकारी को प्रमाण पत्र की जांच के
लिए तैनात किया गया है।
निगरानी विभाग ने शिक्षा विभाग को सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र जांच के लिए हर हाल में 30 मई तक सौंपने का निर्देश दिया है। प्रमाण पत्र नहीं सौपने वाले शिक्षकों के वेतन भुगतान पर एक जून से रोक लगाने को कहा गया है।
निगरानी ने प्रथम चरण में सभी जिलों में प्लस टू विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच शुरू कर दी है। पूर्णिया में 175, कटिहार में 155, अररिया में 83 एवं किशनगंज में 93 शिक्षक नियोजित हैं। इसी तरह सहरसा में 115 एवं मधेपुरा में 67 शिक्षक नियोजित हैं। इसके अलावा पूर्णिया में 7312 प्राथमिक एवं 346 माध्यमिक शिक्षक हैं। कटिहार में 7549 प्राथमिक एवं 293 माध्यमिक शिक्षक कार्यरत हैं।
निगरानी को जांच के लिए अब तक जो प्रमाण पत्र मिले हैैं, वे कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक के शिक्षण संस्थानों के हैैं। इसके अलावा कई नियोजन इकाइयां, जिनके द्वारा शिक्षकों को नियोजित किया गया है, विभाग को ढूंढे भी नहीं मिल रही हैं। कई नियोजन इकाइयों के यहां से तो नियोजन की मुख्य संचिका तक गुम हो गई है। निगरानी द्वारा कई बार प्रमाण पत्र मांगे जाने के बाद भी कई नियोजन इकाइयों द्वारा प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं।
निगरानी के डीएसपी तारणी प्रसाद ने बताया कि हर जिले में प्रमाण पत्रों की जांच के लिए निगरानी विभाग के एक अधिकारी को कमान सौंपी गई है। प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने में बरती जा रही उदासीनता को देखते हुए निगरानी विभाग ने प्रमाण पत्र जमा करने के लिए 30 मई की आखिरी समय सीमा दी है।
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पूर्णिया [राजीव कुमार]। बिहार के कोसी प्रमंडल के 60 हजार नियोजित शिक्षकों पर निगरानी जांच की आंच पहुंचने लगी है। निगरानी ने प्रमाण पत्रों की जांच शुरू कर दी है। पटना उच्च न्यायालय ने 18 मई को सीडब्ल्यूजेसी 15459/ 2014 की सुनवाई के बाद सूबे में बहाल सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच निगरानी विभाग को चार सप्ताह के अंदर पूरा करने का आदेश दिया था। इसके बाद हर जिले में निगरानी विभाग के एक अधिकारी को प्रमाण पत्र की जांच के लिए तैनात किया गया है।निगरानी विभाग ने शिक्षा विभाग को सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र जांच के लिए हर हाल में 30 मई तक सौंपने का निर्देश दिया है। प्रमाण पत्र नहीं सौपने वाले शिक्षकों के वेतन भुगतान पर एक जून से रोक लगाने को कहा गया है।
निगरानी ने प्रथम चरण में सभी जिलों में प्लस टू विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच शुरू कर दी है। पूर्णिया में 175, कटिहार में 155, अररिया में 83 एवं किशनगंज में 93 शिक्षक नियोजित हैं। इसी तरह सहरसा में 115 एवं मधेपुरा में 67 शिक्षक नियोजित हैं। इसके अलावा पूर्णिया में 7312 प्राथमिक एवं 346 माध्यमिक शिक्षक हैं। कटिहार में 7549 प्राथमिक एवं 293 माध्यमिक शिक्षक कार्यरत हैं।
निगरानी को जांच के लिए अब तक जो प्रमाण पत्र मिले हैैं, वे कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक के शिक्षण संस्थानों के हैैं। इसके अलावा कई नियोजन इकाइयां, जिनके द्वारा शिक्षकों को नियोजित किया गया है, विभाग को ढूंढे भी नहीं मिल रही हैं। कई नियोजन इकाइयों के यहां से तो नियोजन की मुख्य संचिका तक गुम हो गई है। निगरानी द्वारा कई बार प्रमाण पत्र मांगे जाने के बाद भी कई नियोजन इकाइयों द्वारा प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं।
निगरानी के डीएसपी तारणी प्रसाद ने बताया कि हर जिले में प्रमाण पत्रों की जांच के लिए निगरानी विभाग के एक अधिकारी को कमान सौंपी गई है। प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने में बरती जा रही उदासीनता को देखते हुए निगरानी विभाग ने प्रमाण पत्र जमा करने के लिए 30 मई की आखिरी समय सीमा दी है।
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निगरानी टीम को उपलब्ध कराई गई शिक्षक नियोजन की सीडी : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
खगड़िया, संवाद सूत्र : माननीय पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर निगरानी टीम द्वारा शिक्षक नियोजन में हेराफेरी की पड़ताल की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। शिक्षा विभाग द्वारा निगरानी टीम को आरंभिक तौर पर नियोजन के समय तैयार की गई सीडी उपलब्ध करायी गयी है। इससे टीम के सदस्यों को यह जानकारी लेनी है कि प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक शिक्षक नियोजन में किन वर्षो में कितने अभ्यर्थियों की बहाली की गई।
शिक्षक नियोजन में फंसते जा रहे गोराडीह बीडीओ : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
जागरण संवाददाता, भागलपुर : जिला प्रशासन के आदेश के बाद भी गोराडीड के बीडीओ ने शिक्षक नियोजन कर लिया। उनकी काउंसिलिंग कर उन्हें नियुक्ति पत्र दे दिया। जब कि इस मामले में बीडीओ के खिलाफ जांच चल रही है। अपर समाहर्ता विभागीय जांच मामले की जांच कर रहे हैं। जांच कार्य में बीडीओ पर असहयोग का भी आरोप है। उनसे नियोजन संबंधी दस्तावेज की मांग की गई थी, जो उनके द्वारा उपलब्ध भी नहीं कराया गया है। गोराडीह के ग्रामीणों ने शिक्षक नियोजन में अनियमितता पर जिला पदाधिकारी से शिकायत भी की है। इस शिकायत पर उप विकास आयुक्त ने उनसे स्पष्टीकरण पूछा है।
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