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पात्रता के फेर में फंसे देश के करीब 12 लाख अप्रशिक्षित शिक्षक, बिहार से हुई विवाद की शुरूआत

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के करीब बारह लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों ने तय समय में नया प्रशिक्षण पूरा करके भले ही अपनी मौजूदा नौकरी को जाने से बचा लिया है, लेकिन भविष्य की उनकी राहें फिलहाल बंद है। वजह एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) की स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को लेकर वह अर्हता नियम है, जिसके तहत दो साल का डीईएलएड ( डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन) करने वाले ही इसके पात्र है।

आर्मी पब्लिक स्कूल शिक्षक भर्ती एडमिट कार्ड 2019 की पूरी जानकारी । Army Public School teacher recruitment admit card 2019

देश भर के 137 आर्मी स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती की जा रही है। भर्ती आठ हजार से अधिक पदों पर की जाएगी। शिक्षक भर्तीं के लिए आवेदन ऑनलाइन किए जाएंगे। अब हम आपको पूरी जानकारी विस्तार से देते हैं।

डीएलएड की मान्यता 2 साल बाद अमान्य

नई दिल्ली (ईएमएस)। सेवारत अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए विशेष रूप से आयोजित हुए 18 महीने के डीएलएड को राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) भले ही अब अन्य शिक्षक भर्ती के लिए अमान्य बता रहा हो, लेकिन दो साल पहले खुद एनसीटीई ने इस कार्यक्रम को मान्यता दी थी।

12 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों के भविष्य पर लटकी तलवार, पात्रता करने के बाद भी खतरे में नौकरी

नई दिल्ली। भारत के करीब 12 लाख अप्रशिक्षित शिक्षकों की परेशानी अभी खत्म नहीं हुई है। तय समय से पहले ही अपना नया प्रशिक्षण पूरा करने के बाद भी इन शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटकी हुई है। इसका मुख्य कारण है कि किसी भी स्कूल में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन में दो वर्षों का कोर्स करना पड़ता है, यह हर शिक्षक के लिए अनिवार्य है।

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