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स्कूलों में छात्र-छात्राओं की कम उपस्थिति में कोचिंग जिम्मेवार

भभुआ नगर : स्कूल के प्रधानाध्यापक शिक्षकों के लिए अनुकरणीय बनें ताकि स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्कूलों की वस्तु स्थिति सुधारने में सबकी सहभागिता हो. स्कूलों में बच्चों की कम उपस्थिति घोर चिंता का विषय है. इसे सुधारने और बच्चों को स्कूल तक लाने में हेडमास्टर की महत्वपूर्ण भूमिका है. 
एचएम अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन पूरे निष्ठा के साथ करें, ताकि ग्रामीण परिवेश और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को भी आगे बढ़ने का अवसर मिले. उक्त बातें डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने सोमवार को जिले के सभी हाई स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ हुई बैठक के दौरान कहीं.
डीएम ने सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि शिक्षक अपने आप को समाज में सही ढंग से स्थापित करें. शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाये जाने की जिम्मेवारी स्कूल के एचएम व शिक्षकों की है. बैठक में कई हेडमास्टरों ने स्कूलों में बच्चों की कम उपस्थिति के लिए कोचिंग सेंटरों को भी जिम्मेवार ठहराया.
 
सहयोग नहीं करनेवाले शिक्षकों पर होगी कार्रवाई
 
डीएम ने स्कूल में मौजूद संसाधनों से शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने की बात कही. उन्होंने सभी एचएम को निर्देशित किया कि जो शिक्षक स्कूल में पठन-पाठन और स्कूल से जुड़ी गतिविधियों में सकारात्मक सहयोग नहीं कर रहे उनकी लिखित शिकायत करें उन पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. स्कूल सही समय पर खुले और बंद हो इसकी जिम्मेवारी एचएम की होगी. स्कूल संचालन में लापरवाही बरतनेवाले एचएम के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जायेगी. 
 
डीएम ने स्कूल के विकास कोष में उपलब्ध रुपयों के उपयोग के लिए प्रबंध समिति की बैठक की डेट निर्धारित करने का निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया. साथ ही स्कूलों में मंथली टेस्ट के आयोजन को लेकर भी आवश्यक  दिशा निर्देश दिया. बैठक में डीइओ रामराज प्रसाद शिक्षा विभाग के नोडल पदाधिकारी मुकेश कुमार, डीपीओ स्थापना देवबिंद कुमार, डीपीओ आरएमएसए ददन राम, एआरपी डा. ज्योति प्रकाश शर्मा, मृत्युजंय कुमार शर्मा, मनीष कुमार सभी एआरपी और हाई स्कूलों के एचएम मौजूद रहे.
 
स्कूलों के समय ही चलते हैं कोचिंग सेंटर
 

स्कूलों में बच्चों की कम उपस्थिति के संबंध में डीएम ने हेडमास्टरों से इस संबंध में बात की. इस पर कई एचएम ने स्कूलों में बच्चों की कम उपस्थिति का कारण कोचिंग सेंटरों को भी बताया. हेडमास्टरों ने कहा कि स्कूल के समय में ही कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं. इससे बच्चे स्कूल नहीं आ रहे. इस पर डीएम ने सभी एचएम से अपने स्कूलों के आसपास चल रहे कोचिंग सेंटरों के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया.
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