बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर किया धरना प्रदर्शन
मोतिहारी/राजन द्विवेदी। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ की राज्यव्यापी आह्वान पर आज शहर के कचहरी चौक के समीप एक दिवसीय धरना और प्रदर्शन किया। इस आंदोलन कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार राय ने की। इस दौरान शिक्षकों को संबोधित करते हुए राय ने कहा कि सरकार शिक्षा विभाग में नित्य नये नियम लगाकर शिक्षकों को आंदोलन करने को विवश कर रही है। प्राथमिक विद्यालय में प्रधान शिक्षक की नियुक्ति से भरने के वजाय परीक्षा लेने का नियम बिल्कुल अनुचित है।
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साथ ही परीक्ष में भाग लेने के लिए वेसिक ग्रेड के
शिक्षकों को 8 वर्ष का अनुभव की अनिवार्यता का नियम बनाकर शिक्षकों के साथ
भेदभाव कर रही है। शिक्षक नेता राकेश कुमार तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार
के शिक्षा व शिक्षक विरोधी नीति से सूबे के लाखों शिक्षक परेशान हैं। दूसरी
तरफ शिक्षा विभाग के मनमानी व भ्रष्टाचार कार्यशैली से शिक्षक आर्थिक,
मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना का शिकार बन रहे हैं।
ऐसी हालात में राज्य की शिक्षा व्यवस्था दिनों दिन दम तोड़ती जा रही है। विद्यालय में बेहतर शिक्षा का माहौल बनाने हेतु शिक्षकों की समस्या का समाधान करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 15% वेतन वृद्धि निर्धारण में व्यापक विसंगतियां निहित है दूसरी तरफ नवनियुक्त शिक्षकों को मासिक वेतन भुगतान नहीं मिलने से उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है।
शिक्षक नियुक्ति का प्रावधान होने के बावजूद जो 8 वर्ष की सेवा पूर्ण किए हैं, उन्हें स्नातक में प्रोन्नति एवं 12 वर्ष वाले को वेतन का उन्नयन का लाभ से वंचित रखकर शिक्षाविभाग नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। शिक्षक नेता अनिल कुमार यादव व प्रकाशचंद्र ने कहा कि हमारी मांगे अविलंब पूरी नहीं हुई तो बिहार के नियोजित शिक्षक सड़क से सदन तक आंदोलन को बाध्य होंगे। कार्यक्रम के बाद संघ का एक शिष्टमंडल जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर शिक्षकों की समस्या से अवगत कराया।
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अन्य वक्ताओं में शत्रुघ्न कुमार, अरुण कुमार मिश्र, नीलमणी सुमन, ब्रजकिशोर प्रसाद, संतोष तिवारी, प्रह्लाद कुमार, राजीवरंजन भास्कर, राजन जायसवाल आदि शामिल थे। मौके पर रामु कुमार, धीरेन्द्र कुमार अकेला, श्यामबाबू भगत, राजन द्विवेदी, मो.बदरउज्जमा, सोनी रानी, कमलेश कुमार, मालिक पासवान, राजकिशोर कुमार श्रीवास्तव, सुरेश प्रसाद, सुमन कुमार, मयंकेश्वर पासवान, देवेंद्र कुमार, राजेश कुमार, बीरेंद्र कुमार रजक, कन्हैयालाल बैठा, शशिशेखर, मो. बदीउद्दीन, मो. नूर आलम समेत अन्य मौजूद थे।