सुपौल। लोक शिक्षकों की बैठक रविवार को अनूपलाल यादव महाविद्यालय सभागार
में प्रखंड अध्यक्ष अशोक मेहता की अध्यक्षता में हुई। बैठक को संबोधित करते
हुए लोक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मेराजुद्दीन ने कहा कि बिहार सरकार
द्वारा लोक शिक्षकों के मूल अधिकार का हनन किया गया है।
वर्ष 2010 में कुछ
लोक शिक्षक समायोजित कर लिये गये। अधिकांश लोक शिक्षक समायोजन की आस में
बैठे हैं। उन्होंने कहा बिहार सरकार लोक शिक्षकों को समायोजन किये बगैर
बिहार के विकास को विकसित नहीं कर सकता है। लोक शिक्षकों से आह्वान किया कि
आपस में एकता बनाए रखें। प्रदेश उपाध्यक्ष परमेश्वर कुमार यादव ने लोक
शिक्षक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की ओर से लोक शिक्षक की अनदेखी
बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार के खिलाफ अपनी मांगों को ले संघर्ष करते
रहना होगा। बैठक में वीरेंद्र कुमार, हरेराम ठाकुर, बीरबल कुमार, सत्येंद्र
सरदार, भागवत राम आदि ने कहा कि लोक शिक्षकों के बहाली में बिहार सरकार
द्वारा पंचायत शिक्षकों के तर्ज पर ही समायोजन करने की घोषणा की गई थी।
लेकिन घोषणा के लगभग बारह वर्ष बीत जाने के बाद भी घोषणा को पूरा नही किया
गया। जिस कारण लोक शिक्षकों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। सरकार के
वादाखिलाफी के विरुद्ध उग्र आंदोलन किया जाएगा। बैठक में लीला देवी,
कालिकांत झा, रेणु कुमारी, ओमप्रकाश मेहता सहित सभी लोक शिक्षक मौजूद थे।