पटना [जेएनएन]। पटना
जानकर हैरत होगी, लेकिन यह सच है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा मांग रहे
पटना यूनिवर्सिटी के तीन बड़े कॉलेजों तथा दूरस्थ शिक्षा के पाठ्यक्रमों
में नामांकन पर ग्रहण लग गया है। पटना लॉ कॉलेज में एलएलबी तथा पटना
ट्रेनिंग कॉलेज व वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज में बीएड में नामांकन सवालों के
घेरे में है। ऐसा ही हाल दूरस्थ शिक्षा केंद्र का है।
हालांकि, अंतिम समय में लटकती तलवार से गर्दन बचाने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन जुट गया है, लेकिन आज की हकीकत तो यही है। दूसरी ओर कुलपति डॉ. रास बिहारी बोस ने 'ऑल इज वेल' का दावा किया है।
ट्रेनिंग कॉलेजों का ये है हाल
बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने पटना यूनिवर्सिटी के उपरोक्त दोनों कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए मान्यता रद कर दी है। पटना ट्रेनिंग कॉलेज और वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज में केवल प्राचार्य ही स्थायी शिक्षक के तौर पर बचे हैं।
प्राचार्य डॉ. खगेंद्र कुमार ने बताया कि स्थायी शिक्षकों की कमी के अतिरिक्त संस्थान मान्यता के सभी मानकों पर खरा है। प्राचार्य के अनुसार 2014 में नैक मूल्यांकन भी कराया गया था। उस दौरान भी अधिसंख्य कक्षाएं गेस्ट फैकल्टी ही लेते थे। एनसीटीई के पिछले साल के सर्कुलर के अनुसार गेस्ट फैकल्टी के स्थान पर कांट्रैक्ट या स्थायी शिक्षक रखने पर ही मान्यता बहाल की जाएगी।
प्राचार्य के अनुसार पटना यूनिवर्सिटी प्रबंधन पटना ट्रेनिंग कॉलेज और वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज की मान्यता बहाल रखने के लिए कांट्रैक्ट पर शिक्षकों को बहाल करेगा। इसकी स्वीकृति के लिए यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने राजभवन को पत्र लिखा है। इस पर इसी पखवारे निर्णय हो जाने की उम्मीद है।
एलएलबी डिग्री पर भी तलवार
शिक्षकों की कमी के कारण देश में प्रतिष्ठित पटना लॉ कॉलेज की एलएलबी डिग्री पर भी तलवार लटक रही है। कुलपति प्रो. रासबिहारी प्रसाद सिंह ने बताया कि आगामी सत्र की मान्यता के लिए फीस जमा करने हेतु बार काउंसिल से पत्र यूनिवर्सिटी को प्राप्त हुआ था। पिछले माह ही फीस जमा कर दी गई है।
कुलपति के अनुसार जुलाई तक शिक्षा विभाग से लॉ कॉलेज में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति संभावित है। बीपीएससी में लॉ के सहायक शिक्षकों का साक्षात्कार पूरा हो चुका है। नियुक्ति में एक-दो माह की देरी भी होती है तो बार काउंसिल को इसकी जानकारी भेजकर मान्यता रेगुलर की जाएगी।
दूरस्थ शिक्षा का भी बुरा हाल
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के फरवरी में जारी सर्कुलर के अनुसार नियमित कक्षाओं का संचालन करने वाली यूनिवर्सिटी को नैक में 3.26 अंक प्राप्त करने पर ही दूरस्थ शिक्षण केंद्र के लिए मान्यता मिलेगी। लेकिन, पटना यूनिवर्सिटी ने नैक के मूल्यांकन के लिए आवेदन ही नहीं दिया है। ऐसे में यहां दूरस्थ शिक्षा पर भी ग्रहण लग गया है।
हालांकि, कुलपति कहते हैं कि यूनिवर्सिटी नैक मूल्यांकन के लिए मई में आवेदन करेगा। आवेदन के आधार पर भी मान्यता बहाल करने का प्रावधान विशेष परिस्थितियों में हैं। इसके आधार पर दूरस्थ शिक्षण केंद्र की मान्यता के लिए यूजीसी से अनुरोध किया जाएगा।